मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, चौराहों पर शोहदों की पिटाई की हो रही सराहना
बोले महिला पुलिसकर्मियों ने अराजक तत्वों के खिलाफ अभियान चलाकर नारी सुरक्षा की ओर बढ़ाए कदम। सीतापुर और लखनऊ में कुल 677 महिला आरक्षियों ने लिया प्रशिक्षण।
लखनऊ, जेएनएन। पिछले कुछ दिनों में लोगों की सोच में परिवर्तन हुआ है। मैं कुछ लोगों से इन दिनों के घटनाक्रम और कार्र्यों पर सलाह ले रहा था कि आमजन को सबसे अच्छा क्या लग रहा है? पता चला कि महिला आरक्षी जब शोहदों को चौराहे पर पीटती हैं तो उन्हें प्रसन्नता होती है। अराजकतत्वों के खिलाफ अभियान चलाकर किया गए इस कार्य ने महिला सुरक्षा की ओर कदम बढ़ाए हैं, जिसकी हर तरफ सराहना हो रही है।
लखनऊ पुलिस लाइन में रविवार को 677 महिला रिक्रूट के दीक्षा परेड में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये बातें कहीं।
परेड की सलामी के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सिपाहियों ने छह माह का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। यह प्रधानमंत्री की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को आगे बढ़ाता है। जून 2019 से पहले कई बालिकाएं ऐसी होंगी, जिन्होंने कभी खाकी वर्दी नहीं पहनी थी। कुछ ने एनसीसी की होगी, लेकिन किसी की रुचि नहीं होगी या कोई निजी कारण होगा। हालांकि, आज सभी पुलिस के अभिन्न अंग में समाहित हो रही हैं।
विश्व पटल पर तारीफ
मुख्यमंत्री ने वाराणसी में आयोजित अप्रवासी भारतीयों के सम्मेलन का जिक्र किया। बोले, अप्रवासी भारतीयों के लिए पुलिस का व्यवहार आश्चर्य करने वाला था। फीडबैक लेने पर सबने पुलिस की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पहले प्रशिक्षण के लिए 12 हजार से अधिक की सुविधा नहीं थी। अब 80 हजार दारोगा और सिपाहियों की भर्ती हुई है।
बड़े प्रदेश में चुनौतियां बड़ी
सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में चुनौतियां ज्यादा हैं। यहां की जनसंख्या अधिक है। बड़े राज्य की चुनौतियां भी बड़ी होती हैं, लेकिन यूपी पुलिस ने दक्षता के साथ सभी चुनौती पूर्ण कार्यों को पूरा किया।
परेड में स्कूली ब'चों को जरूर शामिल करें
परेड की सलामी लेने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से ब'चों का मनोबल बढ़ता है। उन्होंने दीक्षांत परेड में स्कूली ब'चों को अवश्य शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसे देखकर बच्चों में पुलिस में शामिल होने की इ'छा प्रबल होगी। मुख्यमंत्री ने सभी महिला रिक्रूट को शपथ भी दिलाई।