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Lockdown Coronavirus Day5: चल पड़े पैदल, सहारा मिला तो नजर आने लगी मंजिल; भ्रमण कर CM ने पूछा हाल

Coronavirus दिल्‍ली में बसों के संचालन की उड़ी अफवाह तो घरों से निकले लोग। शारीरिक दूरी न थर्मल स्‍कैनिंग बसों में ठूस कर बाहर गए हजारों यात्री। जायजा लेने पहुंचे मुख्‍यमंत्री।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 06:18 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 11:31 PM (IST)
Lockdown Coronavirus Day5: चल पड़े पैदल, सहारा मिला तो नजर आने लगी मंजिल; भ्रमण कर CM ने पूछा हाल
Lockdown Coronavirus Day5: चल पड़े पैदल, सहारा मिला तो नजर आने लगी मंजिल; भ्रमण कर CM ने पूछा हाल

लखनऊ, जेएनएन। Lockdown Coronavirus Day5: लॉकडाउन में जहां लोगों को घरों में रहने और शारीरिक दूरी बनाकर एक दूसरे से मिलने के निर्देश जा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर दिल्‍ली, एनसीआर, आगरा, गाजियाबाद व अन्‍य शहरों से से लोग अपने घर की तरफ रूख कर रहे हैं। शनिवार देर रात में रविवार को हजारों की संख्‍या में लोग राजधानी पहुंच गए। उन्‍नाव सीमा से लेकर बाराबंकी सीमा तक हर जगह लोगों की भीड़ नजर आने लगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने हालात का जायजा लिया। इसके बाद प्रशासन के अधिकारियों से बात कर किसी तरह लोगों को उनके गंतव्‍य तक पहुंचाने की व्‍यवस्‍था शुरू की गई।

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मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ रविवार दोपहर खुद भ्रमण पर निकले और लोगों से उनका हालचाल पूछा। आलमबाग चौराहे पर सीएम का काफिला रूका। मंख्‍यमंत्री ने पैदल जा रहे लोगों से बातचीत की। इसके बाद मोहान रोड टोल प्‍लाजा के पास मुआयना किया। सीएम ने कहा कि बाहर से आने वाले सभी लोगों की सुविधा का ध्‍यान रखा जाए। उन्‍होंने प्रत्‍येक व्‍यक्ति का स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण कराने, 14 दिन तक सभी के होम क्‍वारंटाइन और आइसोलेट कराने के निर्देश दिए।

मुख्‍यमंत्री के निर्देश के बाद स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम सक्रिय हो गई। कमता तिराहे के पास नवनिर्मित अवध बस डिपो से पुलिस प्रशासन की मदद से बसों का संचालन शुरू कराया गया। हालांकि, इस दौरान यहां पर अफरातफरी का माहौल देखने को मिला। शारीरिक दूरी न के बराबर नजर आई। वहीं , बसों में यात्रियों को ठूसकर ले जाया गया। यही नहीं सीएम के निर्देशों के बावजूद मेडिकल टीम थर्मल स्‍कैनिंग तो दूर लोगों का स्‍वाथ्‍य परीक्षण तक नहीं कर रही थी।

सिद्धार्थनगर जिले के शोहरतगढ़ निवासी दिनेश ने बताया कि वह छह दिन पहले दिल्‍ली से पैदल ही निकले थे। वह एक फैक्‍ट्र्री में काम करते थे। अचानक सब कुछ बंद होने के कारण फैक्‍ट्र्री मालिक ने ताला लगा दिया और चला गया। जेब में पैसे नहीं थे, इसलिए नई दिल्‍ली से पैदल ही निकल पड़ा। शुरूआत में कुछ लोग साथ में थे, लेकिन कुछ दूर बाद भीड़ में वह बिछड़ गए। रास्‍ते में लोगों से मदद मांग-मांग कर किसी तरह रविवार को लखनऊ पहुंचा। पुलिस ने बताया कि कमता से बस मिलेगी तो यहां आकर इंतजार कर रहा हूं। 

हमें लगा सब सही हो गया

मूलरूप से बलरामपुर जिले के सिरपौलिया निवासी गोविंद और अखिलेश परिवार समेत दिल्‍ली से घर जाने के लिए शनिवार को निकले थे। उन्‍होंने बताया कि शनिवार को अचानक दिल्‍ली के आनंद विहार बस स्‍टेशन पर हजारों की संख्‍या में लोग पहुंच गए। ऐसा लगा कि सब कुछ सही हो गया है, लेकिन वहां जाने पर हकीकत कुछ और ही निकली। गोविंद ने बताया कि कुछ लोगों ने अफवाह उड़ा दी थी कि बसों का संचालन शुरू हो गया है, जिसे बाहर जाना है वह जा सकता है। यह सुनते ही लोग सामान पैक कर स्‍टेशन पहुंच गए, लेकिन वहां जाने पर मालूम हुआ कि ऐसा कोई भी आदेश नहीं मिला है।   

नहीं मिला साधन तो जोखिम में डाली जान

हजारों की संख्‍या में लोग राजधानी में घंटों डेरा डाले रहे। काफी इंतजार के बाद जब लोगों को कोई साधन मुहैया नहीं कराया गया तो उन्‍होंने खुद ही ट्रकों को रोककर उनसे लिफट मांगने लगे। घर पहुंचने की बेताबी कुछ ऐसी थी कि लोगों ने अपनी जान की परवाह तक नहीं की। निजी बसों की छत पर लोग बैठकर अपने गंतव्‍य को रवाना हुए। यही नहीं डीसीएम में लदे गैस सिलेंडर के ऊपर बैठकर जाने से भी लोगों ने परहेज नहीं किया और जान जोखिम में डालकर यात्रा करते देखे गए। राजधानी पहुंचने वाले लोगों में सर्वाधिक मजदूर तबके के लोग हैं। वहीं इनमें कुछ निजी कंपनियों के कर्मचारी भी शामिल हैं।      


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