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उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमे में बड़े बदलाव की तैयारी, बड़ों की कुर्सियों पर भी खतरा

उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमे में बड़े बदलाव की तैयारी है। कई बड़े जिलों के एसएसपी की कुर्सी भी खतरे में है। पुलिस में कथित असंतोष के स्वरों को भी इसका कारण माना जा रहा है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 06 Oct 2018 05:28 PM (IST)Updated: Sun, 07 Oct 2018 08:06 AM (IST)
उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमे में बड़े बदलाव की तैयारी, बड़ों की कुर्सियों पर भी खतरा
उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमे में बड़े बदलाव की तैयारी, बड़ों की कुर्सियों पर भी खतरा

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमे में बड़े बदलाव की तैयारी है। कई बड़े जिलों के एसएसपी की कुर्सी भी खतरे में है। दरअसल, पुलिस में कथित असंतोष के स्वर योगी सरकार के लिए बड़ी चेतावनी है। बड़ी वारदात व विवेक हत्याकांड में बर्खास्त सिपाहियों के पक्ष में पुलिसकर्मियों के खड़े होने की घटनाओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने डीजीपी को आवश्यक निर्देश दे दिए हैं। अब डीजीपी मुख्यालय से लेकर गृह विभाग में स्थानांतरण को लेकर मंथन चल रहा है। दशहरा से पहले तबादला सूची जारी किये जाने की तैयारी है। 

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सात की बैठक रद होना भी इसी का संकेत

यूपी 100 मुख्यालय में सात अक्टूबर को प्रस्तावित सभी एसएसपी/एसपी की बैठक को रद किये जाने के पीछे भी जल्द फेरबदल को ही देखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों तीन डीजी समेत 13 आइपीएस व 13 पीपीएस अधिकारियों के तबादले हुए थे। इसके बाद से ही कई अन्य स्थानांतरण की चर्चाएं तेज हो गई थी। बताया गया कि बीते दिनों पीपीएस से आइपीएस संवर्ग में पदोन्नत हुए कई अधिकारियों के साथ ही कुछ नए आइपीएस अधिकारियों को नई जिम्मेदारी देने पर विचार चल रहा है। पीपीएस अधिकारियों में भी फेरबदल के संकेत हैं।

अधिकारियों संग बाद में बैठक करेंगे सीएम

मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के मिल बैठकर इस समस्या का हल निकालने की तैयारी कर ली है। योगी ने पुलिस में असंतोष के स्वरों को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों की बैठक बुलाने का निर्देश दिया है। सात अक्टूबर को बैठक बुलाये जाने की तैयारी थी लेकिन अचानक स्थगित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि कल सोशल मीडिया पर उभरे बगावत के स्वर शासन प्रशासन के कान खड़े करने वाले दिखे। हालांकि आला अफसरों ने इसे कुछ फोटो के साथ छेड़छाड़ कहकर मामले को मामूली बताने की कोशिश की। इसके बावजूद इस मामले को लेकर शासन की तैयारी कुछ नए संकेत दे रही है।

शासन की तैयारी के संकेत 

  • डीजीपी मुख्यालय से सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर गाइडलाइन
  • सीएम योगी की पुलिस के आला अफसरों के साथ इस मामले पर बैठक
  • दुर्गा पूजा, दशहरा व दीपावली से पहले पुलिस मेें बड़े बदलाव के संकेत 
  • निजी विचार व्यक्त करने पर लिखना होगा-पुलिस से कोई सरोकार नहीं 

दशहरा से पहले पुलिस में बदलाव के संकेत 

माना जा रहा है कि कुछ जिलों में कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते यह निर्णय लिया गया। अब त्योहारों से पहले बैठक बुलाये जाने की तैयारी है। वैसे पुलिस विभाग में दशहरा से पहले कई बदलाव के संकेत भी मिल रहे हैं। आज हुए एक ताजा घटनाक्रम में हत्याकांड के बाद आरोपित सिपाहियों के समर्थन में पुलिसकर्मियों के आने के बाद शनिवार को डीजीपी ओपी सिंह पुलिस लाइन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पुलिस लाइन का निरीक्षण किया और आम सिपाहियों के परिवारीजन से मुलाकात की।

सोशल मीडिया पर हथियार सहित फोटो डालने पर प्रतिबंध

डीजीपी मुख्यालय ने नई सोशल मीडिया पॉलिसी को संशोधित किया है। पॉलिसी में 17 बिंदुओं पर दिशा-निर्देश दिए गए हैं। सभी कर्मियों को उप्र सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के नियमों को ध्यान में रखकर ही सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति देने का कड़ा निर्देश है। पुलिसकर्मियों को सोशल मीडिया पर हथियार सहित फोटो डालने पर प्रतिबंध है। एक सामान्य नागरिक के रूप में उनके द्वारा की गई अभिव्यक्ति में यह जरूर स्पष्ट किए जाने को कहा गया है कि वे उनके निजी विचार हैं और उसका पुलिस विभाग से कोई सरोकार नहीं है। बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के कोई विभागीय जानकारी भी साझा नहीं की जाएगी। सोशल मीडिया पर खुद की अथवा किसी अन्य पुलिसकर्मी की नियुक्ति का उल्लेख न किया जाए। 


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