मुख्यमंत्री ने विभागों से मांगा अखिलेश की घोषणाओं का ब्यौरा
पिछली सपा सरकार को घेरने के लिए योगी सरकार ने अब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की घोषणाओं के अमल का ब्योरा जुटाने का फैसला किया है।
लखनऊ [अजय जायसवाल]। पिछली सपा सरकार को घेरने के लिए योगी सरकार ने अब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की घोषणाओं के अमल का ब्योरा जुटाने का फैसला किया है। इसके लिए सभी सरकारी विभागों को केवल एक सप्ताह में 15 मार्च, 2012 से 11 मार्च, 2017 तक की अखिलेश की घोषणाओं की मौजूदा स्थिति बतानी होगी। उन्हें यह भी बताना होगा कि तत्कालीन सीएम की घोषणाएं जनोपयोगी थीं या नहीं।
भाजपा सरकार वैसे तो श्वेत पत्र लाकर प्रदेशवासियों को यह बताना चाहती है कि पूर्व की सपा सरकार में काम कम कारनामे ज्यादा हुए लेकिन, अब अखिलेश सरकार को घेरने के लिए मुख्यमंत्री रहते उनकी घोषणाओं को आधार बनाने की तैयारी है। इसके लिए 15 मार्च, 2012 को सपा सरकार बनने की तारीख से लेकर इस वर्ष 11 मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने तक तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा की गई घोषणाओं का ब्योरा जुटाने के लिए सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिवों से कहा गया है। मुख्यमंत्री के विशेष सचिव शुभ्रान्त कुमार शुक्ल ने एक सप्ताह में मुख्यमंत्री कार्यालय की वेबसाइट
(यूपीसीएमओ.यूपी.एनआईसी.इन) के माध्यम से ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है। पांच जुलाई के इस आदेश के अनुसार सभी विभागों को वेबसाइट पर 'पूर्व मुख्यमंत्रित्व काल (15-03-2012 से 11-03-2017) की घोषणाओं के लिए यहां क्लिक करें पर क्लिक करके अखिलेश की हर एक घोषणा के बारे में मौजूदा स्थिति का ब्योरा फीड करना होगा। बताना होगा कि घोषणा पर कार्य प्रारंभ हुआ कि नहीं? उनकी भौतिक स्थिति क्या है?