LIVE Chhath Puja 2022 In UP: अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर मांगा सुख-समृद्धि का वर, छठी मैया का आशीर्वाद लेने सीएम योगी पहुंचे घाट
Uttar Pradesh Chhath Puja 2022 Live Updates Evening Arghya: छठ महापर्व यूपी में बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान, लोग अपने बच्चों की भलाई और अच्छे स्वास्थ्य के लिए सूर्य देव (सूर्य) और छठी मैया की पूजा करते हैं।
UP Chhath Puja 2022 Evening Arghya: आस्था और विश्वास के महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। यूपी में छठ महापर्व धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है। छठ पूजा में सूर्यदेव और छठी मैया की उपासना का खास महत्व माना जाता है। छठ पूजा में के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाता है, जिसका बहुत महत्व है और कल उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। व्रती जल में खड़े रहकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस वर्ष स्वच्छ और सुरक्षित छठ के संदेश के साथ लोगों की आवश्यकताओं के अनुसार सभी प्रबंध किए जाने का निर्देश थे। कहा था कि 30 व 31 अक्टूबर को लोकआस्था का महापर्व छठ मनाया जाना है। पूर्वी उत्तर प्रदेश व बिहार में इस पर्व की विशिष्ट परंपरा रही है। प्रयास होना चाहिए कि सभी व्रतधारी श्रद्धालुजनों को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध हों।
Uttar Pradesh Chhath Puja 2022 Live Updates Evening Arghya
सभी व्रती माता-बहनों पर माई क किरपा बनल रहे
लोक आस्था के पर्व छठ पूजा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार शाम को लक्ष्मण मेला मैदान पहुंचे। जहां वह भोजपुरी समाज के साथ छठ पूजा में शामिल हुए। सीएम योगी ने भोजपुरी समाज को संबोधित करते हुए सभी को छठ पूजा की हृदय से बधाई दी और उनके कल्याण की मंगलकामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि छठ लोक आस्था का पर्व है। पूरा समाज इससे जुड़ता है। पर्व और त्योहार का महत्व ही सामूहिकता का दर्शन है। छठ ही ऐसा पर्व है जब सब एक जुट हो करके प्रकृति, स्वच्छता और लोक आस्था के प्रति समर्पित भाव के साथ काम करते हैं। यह पर्व आदर्श का उदाहरण है जो चार चरणों में मनाया जाता है। इस पर्व में अंत: और बाह्य शुद्धि पर पूरी तरह ध्यान दिया जाता है। जल से अर्घ दिया जाता है, ये बगैर शुद्धि के नहीं होता।
लखनऊ में छठ घाट पर पहुचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
Visuals of Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath attending #ChhathPooja celebrations at Gomti Ghat in Lucknow pic.twitter.com/sQunv7QMK2
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 30, 2022
छठ पूजा के अवसर पर उत्तर प्रदेश भर में भक्तों ने विभिन्न घाटों पर की पूजा-अर्चना। सीएम योगी आदित्यनाथ लखनऊ के गोमती नदी के तट पर पहुंचे और छठी माई की आशीर्वाद लिया। गोरखपुर और वाराणसी के घाटों पर भी ऐसे ही दृश्य देखने को मिले।
Uttar Pradesh | Devotees offer prayers across the state on the occasion of #ChhathPooja
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 30, 2022
Visuals from Gorakhpur and Varanasi pic.twitter.com/OnM1Q6ydkS
छठ पूजा का चौथा दिन
उगते सूर्य को अर्घ्य- 31 अक्टूबर 2022, सोमवारः चौथे दिन कार्तिक शुक्ल सप्तमी की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन सूर्योदय से पहले भक्त पानी में खड़े हो जाते हैं और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। अर्घ्य देने के बाद लोग प्रसाद का सेवन करके व्रत का पारण करते हैं।
छठ पूजा का तृतीय दिन
अस्त सूर्य को अर्घ्य: 30 अक्टूबर 2022, रविवारः कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि छठ पूजा का मुख्य दिन माना जाता है। सायंकाल को पूरी तैयारी और व्यवस्था कर बांस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजाया जाता है और व्रती के साथ परिवार तथा पड़ोस के सारे लोग अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने घाट की ओर जाते हैं। सभी छठव्रती तालाब या नदी किनारे सामूहिक रूप से अर्घ्य दान संपन्न करते हैं।
छठ मैया के व्रत से पूरी होती है हर मनोकामना
यह व्रत मनोकामना पूर्ति के लिए भी किया जाता है। महिलाओं के साथ पुरुष भी यह व्रत करते हैं। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर नहाय-खाय होता है, इसके बाद दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है।
छठ महापर्व पर सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी
वाराणसी में घाट पर भीड़ से बचने के लिए घर की छत पर तैयार किया जा रहा जुगाड़ कुंड।
छठ पर अर्घ्य देते समय सूर्यदेव व गायत्री मंत्र का करें जप
भगवान सूर्य प्रत्यक्ष देवता हैं। वे संपूर्ण जगत की अंतरात्मा हैं। कार्तिक शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि के सूर्यास्त और सप्तमी के सूर्योदय के मध्य वेदमाता गायत्री का प्राकट्य हुआ था। इसी कारण डाला छठ पर सूर्यदेव व गायत्री मंत्र का जप करते हुए डूबते तथा उगते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। प्रकृति के षष्ठ अंश से उत्पन्न षष्ठी (छठी) माता बालकों की रक्षा करने वाले भगवान विष्णु द्वारा रची माया हैं। बच्चे के जन्म के छठें दिन छठी मैया की पूजा की जाती है, जिससे बच्चे के ग्रह-गोचर शांत होते हैं। डाला छठ व्रत रखकर नियमानुसार पूजन करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होने के साथ ग्रहों के विपरीत प्रभाव से शांति मिलती है।
छठ पर्व पर व्रती महिलाओं ने बनाया ठेकुआ
घर-घर बना ठेकुआ प्रसाद : छठ पूजा का सबसे खास प्रसाद ठेकुआ है। व्रती महिलाओं ने गेहूं के आटे में देशी घी और चीनी मिलाकर ठेकुआ बनाया। उसे रविवार को छठी मइया को अर्पित करेंगी। अगले दिन उसे ग्रहण करके व्रत का पारण करेंगी।
सूर्य को अर्घ्य देते समय इन बातों का जरूर रखें ख्याल
कार्तिक शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि 30 अक्टूबर की सुबह 8.15 मिनट पर लगकर 31 अक्टूबर की सुबह 5.53 बजे तक रहेगी। इसके बाद सप्तमी तिथि लग जाएगी। सूर्यदेव को अर्घ्य पीतल के पात्र से देना चाहिए। तांबे, चांदी, स्टील, शीशा और प्लास्टिक के पात्र का प्रयोग अर्घ्य में नहीं करना चाहिए। सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय ओम घृणि सूर्य देवाय नम:, ओम दिवाकराय नम: व गायत्री मंत्र का जप करती रहें।
डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजन करेंगी सुहागिनें
बरेली : खरना के बाद शुरू हुए निर्जल व्रत के बीच रविवार शाम को सुहागिनें डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी। इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
- इज्जतनगर, कुदेशिया फाटक, डाेहरा रोड स्थित सनराइज एन्क्लेव, धोपेश्वरनाथ मंदिर, तपेश्वरनाथ मंदिर, सिद्धार्थनगर, महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में शंकर-पार्वती मंदिर, शक्ति नगर स्थित शंकर पार्वती मंदिर आदि जगहों पर कृत्रिम तालाब बनाए गए हैं।
- जहां देर रात पानी भर दिया गया। इसके साथ ही मंदिरों व घरों में झालर लगाकर इन्हें रोशन कर दिया गया है। शनिवार को छठ पर्व के दूसरे दिन खरना की परंपरा निभाई गई थी।
- खरना के साथ ही छठ उपासक सुहागिनों का 36 घंटे का निर्जल व्रत शुरू किया। जिसका परायण 31 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद किया जाएगा।
- सूर्यास्त होने के बाद छठ माता को गुड़ व गन्ने के रस से बनी खीर और रोटी से बना प्रसाद अर्पित किया।
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त
आज शाम 5.34 बजे सूर्यास्त, कल सूर्योदय सुबह 6.27 बजे
विख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार षष्ठी तिथि (पंचमी में षष्ठी) 30 अक्टूबर को सुबह 8.15 बजे लग रही है जो 31 अक्टूबर को प्रात: 5.53 बजे तक रहेगी। वहीं, 30 अक्टूबर को सूर्यास्त शाम 5.34 बजे होगा और 31 अक्टूबर को सूर्योदय सुबह 6.27 बजे होगा। इस तरह षष्ठी तिथि की हानि है। अरुणोदय काल में द्वितीय अर्घ्य दान के बाद पारन होगा।
छठ पर्व पर सूर्य को अर्घ्य देना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
कमर तक पानी में डूबकर सूर्य की ओर देखना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। सूर्य की किरणों में 16 कलाएं होती है। लोटे से आड़े तिरछे जल की धारा से सूर्य की किरणें परावर्तित होकर जितनी बार आंखों तक पहुंचती हैं, उससे स्नायुतंत्र जो शरीर को कंट्रोल करते हैं, सक्रिय हो जाता है। दिमाग की कार्य क्षमता बढ़ जाती है। निर्जला उपवास से शरीर शुद्ध होता है। इतना ही नहीं, विटामिन डी की कमी को भी पूरा करता है। कार्तिक माह में विटामिन डी की मात्रा सूर्य उपासना से प्रचूर मात्रा में मिलती है।
36 घंटे का निर्जला व्रत
चार दिनों तक चलने वाले पर्व में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है। यह पर्व पवित्रता और श्रद्धा का प्रतीक है। यह पर्व स्वच्छता के साथ प्रकृति को संरक्षित करने का संदेश देता है। अदरक, मूली, गाजर, हल्दी जैसी गुणकारी सब्जियों से अर्ध्य दिया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
प्रयागराज में छठ व्रत रखने वाली महिलाएं कर रहीं पूजन
प्रयागराज : संगम में स्नान के बाद डाला छठ व्रत रखने वाली महिलाएं पूजन कर रही हैं। यमुना के गऊघाट, बलुआघाट और गंगा के राम घाट पर भी स्नान, दान व पूजन का सिलसिला भोर से चल रहा है। यहां सूर्यास्त होने पर सूर्यदेव को अर्घ्य देने के लिए हजारों लोग एकत्र होगें।
छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए करें पर्व से जुड़े नियमों का पालन
हिन्दू धर्म में छठ पर्व को अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस पर्व से जुड़े नियमों का पालन करने से माता छठी प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करती हैं। छठ पर्व पर सूर्य उपासना और माता छठी की पूजा की जाती है। संतान की प्राप्ति, संतान की दीर्घायु, पारिवारिक सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए यह पर्व मनाया जाता है।
छठ महापर्व पर आज व्रती ऐसे करें पूजा, पूरी होगी हर मुराद
- रविवार को पूर्वाह्न में वेदी पर जाकर छठ माता की पूजा करें, फिर घर लौट आएं
- दोपहर बाद घाट पर वेदी के पास जाएं -पूजन सामग्री वेदी पर चढ़ाएं व दीप जलाएं
- अस्ताचलगामी सूर्य को दीप दिखाकर प्रसाद अर्पित करें, दूध व जल चढ़ाएं तथा जल में दीप प्रवाहित करें, घर आ जाएं
- सोमवार को भोर से पहले स्वजन के साथ निकल जाएं और घाट पर पहुंचें
- पानी में या पानी के किनारे खड़ा होकर सूर्य उदय की प्रतीक्षा करें
- सूर्य का लाल गोला जब दिखने लगे तो दीप चढ़ाकर जल में प्रवाहित करें, अंजलि से जल अर्पित करें, दूध चढ़ाएं और प्रसाद अर्पित करें
- स्वयं भी प्रसाद अपने आंचल में लें और आंचल का प्रसाद किसी को न दें
- प्रसाद वितरण करें, घर आकर हवन करें और काली मिर्च तथा शरबत से व्रत तोड़ें
छठ पर्व पर बाजारों में उमड़ी भीड़
छठ के लिए पूजन सामग्री की खरीदारी करती महिलाएं।
यूपी में आज और कल मिलेगी कटौती मुक्त बिजली
उत्तर प्रदेश सरकार छठ पूजा के मौके पर 30 और 31 अक्टूबर को प्रदेश में कटौती मुक्त बिजली आपूर्ति कराएगी।