रासायनिक खाद व कीटनाशक गार्डन के लिए हार्मफुल, एक्सपर्ट ने दिए ऐसे टिप्स
एनबीआरआइ के प्रधान वैज्ञानिक व उद्यान प्रभारी डॉ. एसके तिवारी ने प्रश्न पहर में लोगों के सवालों के जवाब दिए।
लखनऊ, जेएनएन। दैनिक जागरण एवं राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआइ) द्वारा बीते कई वर्षों से जागरण उद्यान प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष भी प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। इसी कड़ी में बागवानी से जुड़े पाठकों की समस्याओं के निदान को लेकर सोमवार को प्रश्न पहर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में एनबीआरआइ के प्रधान वैज्ञानिक व उद्यान प्रभारी डॉ. एसके तिवारी पाठकों के सवालों के जवाब दे रहे थे। प्रस्तुत हैं सुधि पाठकों द्वारा पूछे गए सवाल व उनके जवाब-
सवाल : नीबू के पौधे में फूल तो बहुत से आए निकल, पर ज्यादातर फूल गिर गए हैं। क्या करें? (रमेश शुक्ला, आशियाना)
जवाब : नीबू में करीब 60-70 फीसद फूल गिर जाता है। फूल आने से पहले पेड़ की प्रूनिंग करना चाहिए, जिससे नई शाखाएं निकल सके। अब जबकि फूल आ चुका है फल लगना शुरू हो जाएंगे। ध्यान रखें कि इस समय मिट्टी में नमी बनी रहे।
सवाल : कटहल का पेड़ छह-सात साल पुराना हो गया है। उसमें फूल तो बहुत आते हैं, लेकिन फल नहीं लगते।(इंद्राणी, कमता लखनऊ)
जवाब : कहीं कटहल बीजू पेड़ तो नहीं है। बीजू कटहल में फल गिर जाते हैं। यदि बीजू पेड़ नहीं है तो आप फूल आने से पहले जनवरी-फरवरी में चारों ओर थाला बनाकर गोबर की खाद व एनपीके डालें। हफ्ते-दस दिन के अंतर पर दो-तीन बार ऐसा करें। फल रुकेगा।
सवाल: बगीचे में लगे फूल-पौधों में काले रंग का रोग लग गया है। क्या करें। (अवधेश प्रताप, वृंदावन योजना)
जवाब: घर का बगीचा है इसलिए रासायनिक खाद का इस्तेमाल की सलाह नहीं देंगे। एक-एक किलो कॉपर सल्फेट व चूना लेकर पचास लीटर पानी में घोल बनाकर दोनों को मिलाकर मिश्रण तैयार कर छिड़काव करें। पौधों के साथ इसे मिट्टी में भी डालें। इससे फफूंद पैदा करने वाले कीड़े मर जाएंगे।
सवाल: हाइड्रोपोनिक्स के बारे में कहां से जानकारी मिल सकती है। (वीसी कटियार, एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड)
जवाब: इसके लिए आप रहमान खेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआइएसएच) में संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आंचलिक विज्ञान नगरी से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सवाल: गुडहल के पौधों में मिली बग्स बहुत हो गए हैं। क्या करें। (बीआर चटर्जी, लालकुआं)
जवाब: गुडहल में अक्सर मिली बग्स की समस्या हो जाती है। सबसे पहले तो पेड़ की छटाई कर दें। जो हिस्सा काटें उसे या तो मिट्टी में दबा दें या जला दें। फिर नमक और चाय के पानी का घोल बनाकर स्प्रे करें। एक लीटर पानी में 50 मिली. नमक, चार चम्मच चाय व दो चम्मच शैंपू मिलाकर घोल तैयार करें।
सवाल: घर में हरियाली रहे इसके लिए कुछ पौधे लगाना चाहता हूं। (आदित्य तिवारी, एलडीए कॉलोनी)
जवाब: बोगेनवेलिया के पौधे छत पर लगाने के लिए उपयुक्त है। इसके अलावा कोचिया, मोरपंखी, फाइकस बेंजामिना लगा सकते हैं। इससे हरियाली रहेगी और तेज धूप में भी पौधे नहीं मरेंगे। यदि घर के अंदर पौधे लगाना चाहते हैं तो डेफेनबेकिया, एग्लोनिमा जैसे पौधे लगाएं।
सवाल: नीबू का पेड़ पांच साल का हो गया है, लेकिन उसमें आज तक फूल नहीं आए। (अल्का रस्तोगी, टूढिय़ागंज)
जवाब: ऐसा लगता है कि पौधा बीजू है। आप किसी नर्सरी से कटिंग से तैयार पौधा लाकर लगाएं। फूल अवश्य आएंगे।
सवाल: मैं ड्रैगन फ्रूट की खेती करना चाहता हूं। जानकारी कहां से मिल सकती है। (शैलेंद्र कुमार, गोसाईंगंज)
जवाब: ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए आप उद्यान विभाग से संपर्क करें। वहीं से आपको जानकारी मिल सकती है।
सवाल: बरगद का बोनसाई दस साल का है कटिंग किस माह में करना चाहिए। (दानिश, चौक)
जवाब: फरवरी माह इसके लिए उपयुक्त रहता है। यदि आप नहीं कर सके हैं तो जुलाई-अगस्त में भी कर सकते हैं। इस समय पौधे में ग्रोथ होती है।
सवाल: किन्नू का पेड़ है। किन्नू तो बहुत आते हैं, लेकिन फल मीठा नहीं होता है। (आरपी सिंह, निलमथा)
जवाब: दरअसल, यहां की जलवायु इसके लिए उपयुक्त नहीं होती है। यही वजह है कि फल में वह स्वाद नहीं है।
सवाल: पपीते का पेड़ दस माह का हो गया है। फूल और फल आते हैं, लेकिन शुरुआत में ही गिर जाते हैं। (राजेश अग्रवाल, गोमती नगर)
जवाब: अकेला पेड़ है, जिसके चलते पॉलीनेशन नहीं हो पाता है। आप एक-दो पौधे और लगाएं।
सवाल: बस्ती में जमीन है। सागौन के पेड़ लगाना चाहती हूं। किससे मदद मिल सकती है। (सरस्वती, चौक)
जवाब: आपको इसके लिए वन विभाग से संपर्क करना चाहिए। विभाग इसके लिए स्कीम भी संचालित करता है।
सवाल: गमले में नीबू लगाना चाहती हूं। क्या करना चाहिए। (वर्धन, अंसल गोल्फ सिटी)
जवाब: किसी अच्छी नर्सरी से पौधा लेकर लगाएं। गमले में वर्मी कम्पोस्ट या पत्ती की खाद, मिट्टी व बालू का बराबर हिस्सा लेकर मिश्रण तैयार कर गमले में भरें।
सवाल: नवंबर में स्टीविया के जड़े लगवाई थीं, लेकिन अभी तक पौधे नहीं आए हैं। (आशुतोष मिश्र, निशातगंज)
जवाब: स्टीविया के पौधे लगाए जाते हैं जड़े नहीं। वह भी नवंबर माह में नहीं लगाए जाते हैं
ध्यान रहे
- आरओ व एसी के पानी का इस्तेमाल पौधों की सिंचाई के लिए करें
- हैंगिंग बास्केट में मिट्टी की जगह कोकोपीट का प्रयोग करें। यह हल्की होती है।
- पौधों में इतना पानी दें कि मिट्टी नम रहे। जरूरत से अधिक पानी देने या कम सिंचाई करने से पौधा खराब हो सकता है।
बागवानी के लिए अहम
एनबीआरआइ के डॉ. एसके तिवारी ने बताया कि बागवानी के शौकीन पौधे लगाने से पहले जब प्लानिंग करें तो कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखें। साइट सेलेक्शन, उर्वरकता, ड्रेनेज, सीड, व मिट्टी का सोलोराइजेशन। मिट्टी को यदि गमलों में है तो निकाल कर बाहर फैला दें। उसमें पानी का छिड़काव कर काली पॉलीथीन से ढाक कर हफ्ते भर के लिए छोड़ दें। बीच में एक बार उलट-पलट दें। गर्मी के चलते मिट्टी में मौजूद कीट, फफूंद, खर-पतवार के बीज आदि सब खत्म हो जाते हैं। अब यह मिट्टी पौधा लगाने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त हो जाती है। यदि क्यारियां हों तो उसमें भी ऐसा ही करें।