आर्यन के बाड़े में रहेगा छेदीलाल
- फोटो है - प्राणि उद्यान में मकरसंक्रांति के बाद बाड़े में छोड़ा जाएगा छेदीलाल - मुस्तफ
- प्राणि उद्यान में मकर संक्रांति के बाद बाड़े में छोड़ा जाएगा छेदीलाल
- मुस्तफा के लिए अपग्रेड हो रहा वानर वाटिका बाड़ा, फरवरी में देख सकेंगे दर्शक
जागरण संवाददाता, लखनऊ : बहुत जल्द नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में एक साथ तीन खूंखार बाघों की दहाड़ सुनाई देगी। जू के अस्पताल में रह रहे दो बाघ मुस्तफा और छेदीलाल को भी दर्शकों केसामने लाए जाने की तैयारी चल रही है। 12 लोगों की जान ले चुके छेदीलाल और मुस्तफा को दर्शक अब बाड़ों में देख सकेंगे। मकर संक्रांति के बाद छेदीलाल व फरवरी माह में मुस्तफा को बाड़ों में छोड़ा जाएगा। वहीं प्राणि उद्यान में पहले से ही आदमखोर बाघ किशन रह रहा है।
2001 में आए आदमखोर बाघ किशन को तीन साल पहले ही बाड़े में उतारा गया था। 2016 में जू में दो आदमखोर बाघ छेदीलाल और मुस्तफा खीरी व पीलीभीत से रेस्क्यू कर लाए गए थे। दोनों ही जंगलों में रहने के दौरान 12 लोगों की जान ले चुके थे। वह जू के अस्पताल की क्वारेनटाइन बैरक में रहने के बाद उनके उग्र स्वभाव में बदलाव और आर्यन व प्रिंस की मौत के बाद इन दोनों बाघों को बाड़े में छोड़ने का फैसला लिया है।
प्राणि उद्यान के निदेशक आरके सिंह ने बताया कि छेदीलाल को सफेद टाइगर आर्यन के बाड़े में रखा जाएगा। आर्यन के बाड़े में थोड़े बदलाव के बाद अगले सप्ताह में छेदीलाल को छोड़ दिया जाएगा। वहीं मुस्तफा को पार्क रोड गेट के पास स्थित वानर वाटिका, जिसमें भेड़िया रहा करते थे व प्रिंस का बाड़ा, दोनों में से किसी एक को चुना जाएगा। हमारी प्राथमिकता है कि वानर वाटिका बाड़ा है, इसके लिए बाडे़ को अपग्रेड करने की तैयारी चल रही है।
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छेदीलाल
- करीब 11 वर्ष की उम्र का आदखोर बाघ छेदीलाल अगस्त 2016 में मैलानी खीरी के छेदीपुर गांव से रेस्क्यू करके लाया गया था। 225 किलो वजनी ये बाघ तब तक जंगलों में छह लोगों को मार चुका है। आंख में चोट और एक कैनाइन दांत टूटने के चलते ये नरभक्षी बना था।
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मुस्तफा
पीलीभीत के मुस्तफाबाद से फरवरी 2017 में रेस्क्यू कर लाया गया मुस्तफा लगभग 150 किलो का है। लगभग चार साल के इस नरभक्षी बाघ ने पकड़े जाने से पहले जंगलों में रहकर छह लोगों का शिकार किया था।