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दवा और तंत्रमंत्र से घुटने का दर्द ठीक करने का दिया झांसा, लखनऊ में मार्न‍िंग वाक पर न‍िकली वृद्धा से ठगी

सीआरपीएफ कैंप में रहने वाले अशोक कुमार भारद्वाज की पत्नी कमलेश बीते रविवार को डेयरी पर दूध लेने जा रही थीं। उन्होंने बताया कि इस बीच उन्हें एक युवक मिला उसने बताया कि यहां एक बाबा घुटना दर्द की बहुत अच्छी दवा देते हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 02 Nov 2021 07:32 PM (IST)Updated: Wed, 03 Nov 2021 07:04 AM (IST)
दवा और तंत्रमंत्र से घुटने का दर्द ठीक करने का दिया झांसा, लखनऊ में मार्न‍िंग वाक पर न‍िकली वृद्धा से ठगी
लखनऊ के बिजनौर में सीआरपीएफ गेट के पास हुई घटना।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। दवा और तंत्रमंत्र से घुटने का दर्द दूर करने का झांसा देकर बिजनौर में सीआरपीएफ गेट नंबर तीन के पास खुद को तांत्रिक बनाने वाले बाबा ने एक युवक के साथ मिलकर वृद्धा कमलेश के जेवर उड़ा दिए। उधर, रायबरेली रोड पर शीतलखेड़ा के पास खुद को पुलिस कर्मी बताने वाले टप्पेबाज मार्निंगवाक पर निकले विभूतिनारायण की उड़ा ले गए। दोनों पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात टप्पेबाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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सीआरपीएफ कैंप में रहने वाले अशोक कुमार भारद्वाज की पत्नी कमलेश बीते रविवार को डेयरी पर दूध लेने जा रही थीं। उन्होंने बताया कि इस बीच उन्हें एक युवक मिला उसने कहा कि माता जी क्या किसी बाबा को देखा आपने। कमलेश ने कहा नहीं। युवक ने कहा कि बाबा घुटना दर्द की बहुत अच्छी दवा देते हैं। उन्हीं की तलाश कर रहा हूं। इस बीच गली से एक बाबा आता है। कमलेश ने कहा कि उन्हें भी घुटना दर्द की बहुत दिक्कत है। काफी दवा कराने के बाद भी कुछ फायदा नहीं हुआ। बाबा ने तंत्रमंत्र करने के लिए कमलेश की चेन, टाप्स और 500 रुपये एक कागज में रखवाए। फिर कुछ मंत्र की तरह बुदबुदाने लगा। कहा कि घर पर जाकर इस पुड़िया को सात बार अपने दोनों घुटनों में छुआना फिर खोलना। दवा दो दिन बाद देंगे। कमलेश ने घर पहुंचकर वैसा ही किया। जब पुड़िया खोली तो उसमें चेन और टाप्स की जगह कंकड़ थे। यह देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।

इंस्पेक्टर सरोजनीनगर महेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर टप्पेबाजों की तलाश की जा रही है। उधर, रायबरेली रोड शीतल खेड़ा में मार्निंग वाक पर निकले पाठकपुरम निवासी विभूतिनारायण यादव को टप्पेबाजों ने रोका। चार से पांच की संख्या में टप्पेबाजों ने उन्हें बताया कि वह पुलिस में हैं। विभूतिनारायण ने उनसे आइकार्ड मांगा। इस बीच टप्पेबाजों ने जबरन उनकी चेन उतरवा ली और फिर एक कागज की पुड़िया उन्हें थमा दी। कुछ दूर आगे जाने के बाद जब विभूतिनारायण पुड़िया खोली तो उसमें चेन नहीं थे।


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