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संगीत विदुषी पद्म सम्मान विभूषित गिरिजा देवी को समर्पित 'छायानट', देशभर की ये विभूतियां भी शामिल

उत्‍तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा बनारस में 17 जनवरी को संस्कृति मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी करेंगे विमोचन। गिरिजा देवी की शिष्याएं वरिष्ठ शास्त्रीय गायिका विदुषी मंजु सुंरदरम् और लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी होंगी विशिष्ट अतिथि ।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 05:51 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 05:51 PM (IST)
संगीत विदुषी पद्म सम्मान विभूषित गिरिजा देवी को समर्पित 'छायानट', देशभर की ये विभूतियां भी शामिल
उप्र संगीत नाटक अकादमी द्वारा बनारस में 17 को संस्कृति मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी करेंगे पत्रिका का विमोचन।

लखनऊ [दुर्गा शर्मा]। उत्‍तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका 'छायानट' का विशेष अंक इस बार संगीत विदुषी पद्म सम्मान विभूषित गिरिजा देवी को समर्पित है। विशेषांक में देश के विख्यात संगीतकारों, गिरिजा देवी के शिष्य-शिष्याओं और कलाविदों के लेख व गिरिजा देवी से जुड़े संस्मरण शामिल हैं।

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पत्रिका का विमोचन 17 जनवरी को बनारस में संस्कृति मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी करेंगे। इस अवसर पर गिरिजा देवी की शिष्याएं विदुषी मंजु सुंदरम् और पद्मश्री मालिनी अवस्थी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगी। कार्यक्रम को मालिनी अवस्थी अपने सुरों से भी सजाएंगी।

पत्रिका में छन्नूलाल मिश्र, लक्ष्मण कृष्णराव पंडित, अजय पोहनकर, बिरजू महाराज, हरिप्रसाद चौरसिया, जे. मैसी, अकादमी अध्यक्ष राजेश्वर आचार्य, कामेश्वरनाथ मिश्र, अमजद अली खान, भजन सोपोरी, धर्मनाथ मिश्र, विश्वमोहन भट्ट, राजन साजन मिश्र, शुभा मुद्गल, रोनू मजूमदार समेत कई दिग्गजों के लेख और संस्मरण शामिल हैं। विशेषांक का संपादन कला समीक्षक आलोक पराड़कर ने किया है। 

 अकादमी के सचिव तरुण राज ने बताया कि गिरिजा देवी को श्रद्धांजलि स्वरूप ये विशेष अंक तैयार किया गया है। संगीत, नाटक और लोक की महान विभूतियों पर आगे भी विशेषांक तैयार करने की योजना है।

शिष्य- शिष्याओं के भी लेख : पद्मश्री मालिनी अवस्थी, सुनंदा शर्मा, रीता देव, सुरंजना बसु, लावण्य कीर्ति सिंह काव्या, रूपान सरकार सामंत, पद्मजा चक्रवर्ती, दीपांजना बसु, पिउ मुखर्जी, शोभा चौधरी, देवप्रिय समन्वय, मधुरानी शुक्ल, स्नेहलता मिश्र, शालिनी वेद त्रिपाठी और निशा झा ने गुरु को शब्दांजलि अर्पित की है।

छायानट की यात्रा: 'छायानट' का प्रकाशन 1976 से लगातार किया जा रहा है। 'छायानट' के अंतर्गत जिन विशेषांकों का प्रकाशन किया गया है, उनमें भीष्म साहनी, प्रो.सत्यमूर्ति, पारसी रंगमंच लक्ष्मी नारायण मिश्र, कुंभ, योग, कथक, पं. रामनारायण मणि त्रिपाठी 'सरसरंग' पर प्रकाशित अंक तथा रजत जयंती अंक शामिल हैं। 'छायानट' के अब तक 159 अंक प्रकाशित हो चुके हैं।


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