वीसी पर एक करोड़ की अनियमितता का आरोप, बीबीएयू में एफओ का कमरा किया गया सील
198 फाइलें अधूरी मिलीं, एफओ ने वीसी के खिलाफ एमएचआरडी को लिखा पत्र, एक करोड़ की रिकवरी करने को कहा। बीबीएयू के कुलपति ने एफओ का कमरा करवाया सील।
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में कुलपति प्रो. आरसी सोबती और वित्त अधिकारी (एफओ) के बीच का द्वंद चरम पर पहुंच गया है। कुलपति को एक के बाद एक वित्तीय अनियमिता के लिए रिकवरी का नोटिस थमाने वाले वित्त अधिकारी रमा शकर सिंह को सोमवार की रात निलंबित कर दिया गया। मंगलवार को प्रॉक्टर प्रो. राम चंद्रा की अध्यक्षता में जाच कमेटी बनाकर कुलपति ने उनका कमरा भी सील करा दिया। उधर एफओ ने कुलपति की कार्रवाई को चुनौती देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रलय को पत्र लिखा है। इसमें कुलपति पर एक करोड़ की वित्तीय अनियमिताएं करने का आरोप लगाया है। कुलपति प्रो. आरसी सोबती के निर्देश पर मंगलवार को प्रॉक्टर प्रो. राम चंद्रा की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी एफओ रमा शकर सिंह के कमरे में पहुंची। उसने यहा पर कागजात व फाइलें अपने कब्जे में लीं। यहा उसे 198 फाइलें आधी-अधूरी मिली। एफओ पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने कुलपति की अनुमति के बिना बीबीएयू में पीजी डिप्लोमा इन साइबर सिक्योरिटी में दाखिला ले लिया। इसके अलावा डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में भी पिछले वर्ष किसी कोर्स में भी दाखिला लिया था। ऐसे में एफओ कार्यालय का काम प्रभावित हो रहा था। यही नहीं कुलपति की ओर से दी गई नोटिस में वाट्सएप पर यूनिवर्सिटी के महत्वपूर्ण कागज भेजने का भी आरोप लगाया गया है। वहीं, दूसरी ओर एफओ रमा शकर सिंह ने अपने निलंबन को चुनौती देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रलय के उच्च शिक्षा विभाग के सेक्त्रेट्री को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कुलपति प्रो. आरसी सोबती को एक साथ पेंशन व पूरा वेतन लेने का आरोपी बताते हुए 60 लाख रुपये, विजिटर के अनुमोदन के बिना 41.68 लाख रुपये का टर्मिनल बेनीफिट लेने, 3.03 लाख की एलटीसी, इनकम टैक्स में पाच लाख का खेल करने, गड़बड़ी करते हुए 53200 रुपये का चश्मा बनवाने, गलत ढंग से अर्जित अवकाश के पाच लाख रुपये लेने का कुल एक करोड़ सोलह लाख रुपये की रिकवरी करने का पत्र लिखा है। वित्त अधिकारी का कहना है कि कुलपति द्वारा की गई अनियमितताओं को उजागर कर नोटिस देने के कारण ही मुडो निलंबित किया गया है। कार्यकाल पूरा होने में दो दिन, नया कुलपति तय नहीं:
बीबीएयू में चल रहे द्वंद के पीछे मानव संसाधन विकास मंत्रलय की ढिलाई भी प्रमुख कारण है। एससी-एसटी के लिए विशेष सुविधाओं वाली यह यूनिवर्सिटी हाशिए पर है। कुलपति पद पर प्रो. आरसी सोबती का पाच साल का कार्यकाल 28 जनवरी 2018 को खत्म हो गया था लेकिन नए कुलपति का चयन न होने के कारण उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया। बीती 31 मई 2018 को कुलपति पद के लिए इंटरव्यू हुए और पाच नाम लिफाफे में बंद कर दिए गए। अभी तक नए कुलपति का लिफाफा नहीं खुला है। उधर प्रो. सोबती 18 अगस्त को 70 साल के हो जाएंगे और उन्हें कुर्सी छोड़नी होगी। फिलहाल सबसे वरिष्ठ शिक्षक प्रो. एनएमपी वर्मा को चार्ज मिलने की उम्मीद है।