रीता जोशी और राज बब्बर समेत नौ पर आरोप तय, लखनऊ में तोड़फोड़ व पुलिस बल पर हमले का मामला
अदालत ने इस मामले के तीन अन्य मुल्जिम शारिक अली पप्पू खान व राज कुमार लोधी को फरार घोषित करते हुए गिरफ्तारी वारंट के साथ ही कुर्की की कार्यवाही से पहले की नोटिस भी जारी करने का आदेश दिया है। पुलिस तीनों मुल्जिमों की तलाश कर रही है।
लखनऊ, विधि संवाददाता। वर्ष 2015 में धरना-प्रदर्शन के दौरान तोड-फोड़ व पुलिस बल पर हमला करने के एक मामले में एमपीएमएलए की विशेष अदालत ने शुक्रवार को प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी व कांग्रेस नेता राज बब्बर समेत नौ लोगों पर आरोप तय किया है। इन दोनों के अलावा प्रहलाद प्रसाद द्विवेदी, बोधलाल शुक्ल, राजेश पति त्रिपाठी, ओंकार नाथ सिंह, मनोज तिवारी, रमेश मिश्रा व शैलेंद्र तिवारी के खिलाफ आरोप तय किया गया है। विशेष जज पवन कुमार राय ने इन सभी मुल्जिमों के खिलाफ जानलेवा हमला, बलवा, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में आरोप तय किया है। उन्होंने इसके साथ ही अभियोजन की गवाही के लिए 20 अगस्त की तारीख तय की है।
निर्मल खत्री व अजय राय समेत छह मुल्जिमों की पत्रावली अलग : इस मामले में निर्मल खत्री, मधुसुदन मिस्त्री, अजय राय, प्रदीप कुमार माथुर, केके शर्मा व प्रदीप जैन आदित्य भी मुल्जिम हैं। हालांकि शुक्रवार को यह लोग उपस्थित नहीं थे। इनकी ओर से हाजिरी माफी की अर्जी दी गई थी। विशेष जज ने इनकी अर्जी को सर्शत मंजूर कर लिया। यह कहते हुए कि अगली तारीख पर यह सभी मुल्जिम व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होंगे। उन्होंने इसके साथ ही इन मुल्जिमों की पत्रावली अलग करने का भी आदेश दिया।
तीन मुल्जिम फरार घोषित, गिरफ्तारी वारंट जारी : अदालत ने इस मामले के तीन अन्य मुल्जिम शारिक अली, पप्पू खान व राज कुमार लोधी को फरार घोषित करते हुए गिरफ्तारी वारंट के साथ ही कुर्की की कार्यवाही से पहले की नोटिस भी जारी करने का आदेश दिया है। पुलिस तीनों मुल्जिमों की तलाश कर रही है।
सरकार ने मुकदमा वापस लेने की दी थी अर्जी : 20 फरवरी, 2021 को विशेष अदालत ने इस मामले को जनहित में वापस लेने की राज्य सरकार की अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद मुल्जिमों की ओर से डिस्चार्ज अर्जी दाखिल की गई थी। अदालत ने उसे भी खारिज कर दिया था। गौरतलब है कि 25 दिसंबर 2015 को विवेचना के बाद इस मामले में रीता बहुगुणा जोशी व राज बब्बर समेत सभी मुल्जिमों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
यह है मामला : 17 अगस्त, 2015 को कांग्रेस पार्टी का लक्ष्मण मेला स्थल पर धरना-प्रदर्शन था। करीब पांच हजार कार्यकर्ताओं के साथ अचानक यह सभी मुल्जिम धरना स्थल से विधान भवन का घेराव करने निकल पड़े। इन्हेंं समझाने व रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन नहीं माने और संकल्प वाटिका के पास पथराव करने लगे। इससे भगदड़ मच गई। इस हमले में तत्कालीन एडीएम पूर्वी निधि श्रीवास्तव, एसपी पुर्वी राजीव मल्होत्रा, सीओ ट्रैफिक अवनीश मिश्रा, एसएचओ आलमबाग विकास पांडेय व एसओ हुसैनगंज शिवशंकर सिंह समेत पुलिस के कई अधिकारी व पीएसी के जवान गंभीर रुप से घायल हो गए थे। अशोक मार्ग से आने व जाने वाले आम जनता को भी चोंटें आई थीं। कई गाडियों के शीशे टूट गए थे। कानून व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गया था। इस मामले की नामजद एफआइआर एसआइ प्यारेलाल प्रजापति ने हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराई थी।