तनाव-मोटापा और बदलती जीवनशैली महिलाओं में इंफर्टिलिटी का प्रमुख कारण
समय पर नहीं हो रही है ओव्यूलेशन की प्रक्रिया। अवंतीबाई महिला अस्पताल में ओव्यूलेशन पर आयोजित हुई सीएमई।
लखनऊ, जेएनएन। बदलती हुई जीवनशैली और तनाव मोटापा महिलाओं में इंफर्टिलिटी का प्रमुख कारण है। लगभग 20 से 25 प्रतिशत महिलाओं में सही समय पर ओव्यूलेशन की प्रक्रिया नहीं होने की वजह से इंफर्टिलिटी हो रही है। इसे दवाओं से मैनेज किया जा सकता है। साथ ही इन दवाओं की सही मात्रा देना भी जरूरी है। यह जानकारी इंफर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉ. गौतम अरोरा ने अवंतीबाई महिला अस्पताल के एफबीएनसी ट्रेनिंग प्रोग्राम में ओव्यूलेशन इंडक्शन विषय पर आयोजित सीएमई में दी।
एन ओव्यूलेशन गंभीर
अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नीरा जैन ने बताया कि महिलाओं में एन ओव्यूलेशन एक गंभीर समस्या है। महिलाओं में पीरयड का एक चक्र होता है। जब यह अंडे समय पर रेप्चर नहीं होते हैं या सही से फर्टाइल नहीं होते हैं इसे एन ओव्यूलेशन कहते हैं। इससे इंफर्टिलिटी की समस्या पैदा होने लगती है। इसके कई कारण होते हैं जिसमें हार्मोनल, पीटयूटरी ग्लैंड, हाइपोथेलेमस, पोली सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम आदि कई कारण होते हैं जिससे ओव्यूलेशन समय पर नहीं होता है। महिलाएं इंफर्टिलिटी का शिकार हो जाती हैं।
20 से 25 वर्ष फर्टिलिटी से लिए सबसे उपयुक्त
अस्पताल की सीएमएस डॉ.लिली सिंह ने बताया कि महिलाओं में 15 से 20 वर्ष में ओव्यूलेशन लगातार नहीं होते है। 20 से 27 वर्ष की आयु में हर साइकिल में ओव्यूलेशन होता है। वहीं 27 से लेकर 37 वर्ष की आयु में ओव्यूलेशन और कम हो जाते हैं। फर्टिलिटी के लिए सबसे अच्छी आयु 20 से 25 वर्ष के बीच होती है।
ज्यादा उम्र में गर्भवती होने के लिए रखें ध्यान
डॉ.नीरा जैन ने बताया कि अगर महिलाएं ज्यादा उम्र में गर्भवती हो रही हैं तो उन्हें अपना मोटापा नियंत्रित करना चाहिए। वहीं लाइफ स्टाइल में भी बदलाव करना चाहिए। साथ ही तनाव कम लेना चाहिए। इससे भी हार्मोन में बदलाव होते हैं। डॉ. गौतम ने बताया कि फर्टिलिटी के लिए गोनेडोट्रोपिन हार्मोन, ओवेरियन एक्सिस और अंडे फर्टाइल होने के लिए कई दवाएं दी जाती है। कार्यक्रम में डॉ.नूतन, डॉ.सीमा सिंह, डॉ.मंजू महरोत्रा समेत कई स्त्री रोग विशेषज्ञ मौजूद रहीं।