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फिलहाल कुछ राहत, शनिवार और रविवार को अच्छी बारिश की संभावना

बुंदेलखंड, पूर्वांचल और मध्य उत्तर प्रदेश के जिलों में शुक्रवार को बूंदाबांदी के बाद दिन भर धूप-छांव का खेल चलता रहा है। कहीं उमस तो कही मौसम खुशनुमा रहा।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 07:10 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 07:29 PM (IST)
फिलहाल कुछ राहत, शनिवार और रविवार को अच्छी बारिश की संभावना
फिलहाल कुछ राहत, शनिवार और रविवार को अच्छी बारिश की संभावना

लखनऊ (जेएनएन)। बुंदेलखंड, पूर्वांचल और मध्य उत्तर प्रदेश के जिलों में शुक्रवार को बूंदाबांदी के बाद दिन भर धूप-छांव का खेल चलता रहा है। कहीं उमस तो कही मौसम खुशनुमा रहा। पूर्वांचल में रह रहकर हो रही बरसात से किसानों को राहत है। कानपुर, कन्नौज, फर्रुखाबाद, वाराणसी, गाजीपुर और मीरजापुर में गंगा का जलस्तर बढ़ना बंद है। गंगा के जलस्तर में धीरे धीरे कमी आनी शुरू हो गई है और गांवों में घुसा पानी घटने लगा है। मौसम वैज्ञानिक शनिवार और रविवार को अच्छी बारिश की संभावना जता रहे हैं। 

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बाढ़ से बढ़ी दुश्वारियां अभी कम नहीं 

मध्य उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गुरुवार रात तीन सेमी घटकर गंगा का जलस्तर 113.120 मीटर पर पहुंच गया। शुक्रवार दोपहर तक इसी स्तर पर थमा रहा। गंगा अभी भी खतरे के निशान से 12 सेमी ऊपर बह रही हैं। दूसरी ओर बाढ़ से बढ़ी दुश्वारियां अभी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। फतेहपुर में बाढ़ का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा। शुक्रवार को गंगा का जलस्तर (101.040 मीटर) खतरे के निशान के ऊपर रहा, जबकि यमुना का जल स्तर 91 मीटर के आसपास रहा। जिले में कुल 11 गांव बाढ़ की चपेट में है, जिनके लिए राहत शिविरों का इंतजाम किया गया है। फर्रुखाबाद में शमसाबाद क्षेत्र के गांव कैलियाई में चार मकान गंगा की बाढ़ की चपेट में आ गए। यहां गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब 137.05 मीटर पर स्थिर है। हालांकि रामगंगा का जलस्तर पांच सेमी घट गया है। कन्नौज में गंगा का जलस्तर बढऩे से मेहंदीघाट से पानी उलटा वापस होकर काली नदी में बढ़ रहा है। इससे आसपास क्षेत्रों में काली नदी की उल्टी धार बह रही है। इस कारण कटरी इलाकों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं।

पूर्वांचल में बरसात से मौसम सुहाना

पूर्वांचल में रह रहकर हो रही बरसात से मौसम जहां सुहाना हुआ वहीं किसानों ने भी राहत की सांस ली। गंगा का जलस्तर स्थिर है। वरुणा नदी का पानी निचले इलाकों में घरों में घुस गया है। सोनभद्र में पहाड़ी व मैदानी भागों में हो रही लगातार बारिश के चलते बांध-बंधियों के साथ ही नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार की सुबह धंधरौल बांध के चार और फाटक खोलने पड़े। गुरुवार की रात आठ बजे के करीब बांध के पानी के दबाव को कम करने के लिए आठ फाटक खोले गये थे। हालात का जायजा लेने के लिए मौके पर एसडीएम सदर सहित दूसरे अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। सोनभद्र में रिहंद के बाद मुख्य बांध धंधरौल है। जिसमें 22 फाटक हैं। इनसे भारी मात्रा में पानी को घाघर नहर के जरिए सोन नदी तक पहुंचाया जाता है। पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते धंधरौल बांध पर पानी का दबाव तेजी से बढ़ा है। 

गंगा जलस्तर की रफ्तार में घटाव

केंद्रीय जल आयोग वाराणसी के गायघाट केंद्र पर दिन के 12 बजे गंगा का जलस्तर 58.67 मीटर रिकार्ड किया गया। बलिया में गंगा प्रति घंटा 25 सेमी की रफ्तार से घटाव पर है। वहीं घाघरा स्थिर हैं। जो गांव बाढ़ के पानी से घिर गए है वहां की दुश्वारियां अभी भी कम होते नहीं दिख रही हैं। प्रशासन की ओर से मौका मुआयना कर जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं किंतु उससे बाढ़ पीडि़त गांवों की पीड़ा कम होते नहीं दिख रही। रेवती में टीएस बंधा के डेन्जर जोन तिलापुर में बंधे पर नदी का दबाव बढ़ गया है। शुक्रवार को सुबह नदी के दबाव के चलते 70,200 किमी पर बने स्पर के पूरब नदी साईड का अप्रन का 10 मीटर भाग नदी में समहित हो गया।

टोंस नदी में भारी उफान

बंधे पर सुरक्षा के लिए तैनात सुपरवाजर वीरेन्द्र सिंह द्वारा आनन फानन में ट्रैक्टर से बालू भरी बोरी डलवाकर स्थिति को नियंत्रित किया गया। चितबड़ागांव में टोंस नदी में हो रहे भारी उफान के कारण क्षेत्र के कई गांवों के संपर्क मार्ग बाढ़ के पानी में डूब गए हैं जिससे गांव का संबंध मुख्य मार्ग से पूरी तरह कट गया है। चितबड़ागांव क्षेत्र के रामपुर चिट ग्राम पंचायत को राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से जोडऩे वाला संपर्क मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो गया है गांव का एकमात्र संपर्क मार्ग होने के कारण लोगों को आने जाने के लिए नाव का ही एकमात्र सहारा है। स्कूल जाने वाले बच्चे अपनी साइकिलें नाव पर लादकर बाद के पानी से बाहर निकल रहे हैं। 


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