UP: नेशनल गेम्स में दमखम दिखाने के लिए यूपी के दिग्गज तैयार, 395 खिलाड़ी 26 खेलों में लेगें हिस्सा
National Games 2022 नेशनल गेम्स का पिछला संस्करण साल 2015 में केरल में आयोजित किया गया था। इसका 36वां संस्करण साल 2020 में गोवा में होना तय था लेकिन कोविड महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
लखनऊ, [हितेश सिंह]। गुजरात में 27 सितंबर से दस अक्टूबर तक आयोजित हो रहे नेशनल गेम्स में उत्तर प्रदेश के 395 खिलाड़ी दमखम दिखाएंगे। ओलिंपिक की तर्ज पर आयोजित होने वाला नेशनल गेम्स का यह 36वां संस्करण है। यह गुजरात के छह शहरों अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत, वडोदरा, राजकोट और भावनगर में होगा। इसमें भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के एथलीट पदक के लिए जोर आजमाइश करते हैं।
भारतीय सशस्त्र बलों (इंडियन आर्म्ड फोर्सेज) की खेल टीम - सर्विसेज भी नेशनल गेम्स में प्रतिस्पर्धा करती है। नेशनल गेम्स 2022 में एथलीट 36 खेलों में हिस्सा लेंगे, जिनमें कबड्डी, खो-खो, लान बाल, मल्लखंब, स्क्वैश, वुशु और योगासन जैसे खेल शामिल हैं जो ओलिंपिक खेल का हिस्सा नहीं होते हैं। हालांकि, नेशनल गेम्स का उद्घाटन समारोह 27 सितंबर को होना है। लेकिन, इस प्रतियोगिता में टेबल टेनिस स्पर्धा का आयोजन पहले ही शुरू हो चुका है ताकि शेड्यूल के मुताबिक ये चीन के चेंगदू में होने विश्व टेबल टेनिस चैंपियनशिप के समय न पड़े।
केरल में हुआ था पिछला संस्करणः नेशनल गेम्स का पिछला संस्करण साल 2015 में केरल में आयोजित किया गया था। इसका 36वां संस्करण साल 2020 में गोवा में होना तय था, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। नेशनल गेम्स के इतिहास में बीते कुछ वर्षों में नीरज चोपड़ा, पीटी उषा, दीपा कर्माकर और साजन प्रकाश जैसे कई प्रमुख भारतीय एथलीटों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है।
नेशनल गेम्स का इतिहासः नेशनल गेम्स का उद्देश्य उन खेल प्रतिभाओं की पहचान करना था जो ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। भारतीय ओलिंपिक संघ की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, नेशनल गेम्स के आयोजन के प्रयासों का नेतृत्व प्रमुख भारतीय व्यवसायी दोराबजी टाटा, चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) में वाईएमसीए कालेज आफ फिजिकल एजुकेशन के संस्थापक हैरी क्रो बक और इसी कालेज के निदेशक डा. एजी नोहरन ने किया था। 1924 में पहले नेशनल गेम्स का आयोजन अविभाजित भारत के लाहौर (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उस वक्त इसे 'अखिल भारतीय ओलिंपिक खेल' कहा जाता था। आल इंडिया ओलिंपिक कमेटी के पहले संस्करण से आठ एथलीटों को साल 1924 के पेरिस ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था और हैरी बक प्रबंधक के रूप में इस टीम के साथ गए थे।
1927 में भारतीय ओलिंपिक संघ में परिवर्तितः साल 1927 में अखिल भारतीय ओलिंपिक समिति (आल इंडिया ओलिंपिक कमेटी) भारतीय ओलिंपिक संघ में परिवर्तित हो गई, जिसके अध्यक्ष दोराबजी टाटा और सचिव डा. नोहरन थे। साल 1924 में पहले संस्करण से अखिल भारतीय ओलिंपिक खेलों के पहले चार संस्करणों का आयोजन हर दो साल के अंतराल पर किया गया था। पहले तीन संस्करण लाहौर में आयोजित किए गए थे। साल 1930 में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) नए मेजबान शहर के तौर पर सामने आया। तब से इस प्रतियोगिता का प्रत्येक संस्करण एक अलग शहर में आयोजित किया जाता रहा है।
1948 में लखनऊ में हुआ था नेशनल गेम्सः साल 1940 के संस्करण के शुरू होने से पहले इस कार्यक्रम को 'नेशनल गेम्स' के रूप में फिर से नया नाम दिया गया, जिसकी मेजबानी मुंबई ने की थी। आजाद भारत में नेशनल गेम्स के पहले संस्करण का आयोजन साल 1948 में लखनऊ में किया गया था। नेशनल गेम्स का आयोजन साल 1970 में 25वें संस्करण तक हर दो वर्ष के अंतराल पर होता रहा। लेकिन, इसके बाद प्रतियोगिता का अगला संस्करण नौ साल बाद, साल 1979 में हैदराबाद में आयोजित किया गया था।
आधुनिक नेशनल गेम्सः 1985 में आयोजित होने वाला नेशनल गेम्स सही मायनों में पहली बार पूरी तरह से ओलिंपिक की तर्ज पर था। पीटी उषा, शाइनी अब्राहम और वर्तमान में एएफआई के प्रमुख आदिल सुमरिवाला जैसे कई दिग्गज सितारों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। इसके बाद आयोजित होने वाले नेशनल गेम्स के हर संस्करण में 5000 से अधिक एथलीटों ने पदक के लिए प्रतिस्पर्धा की।
नेशनल गेम्स से चमके नीरज चोपड़ाः नीरज चोपड़ा नेशनल गेम्स को अपने करियर का सबसे अहम हिस्सा मानते हैं जहां से उनके करियर ने नई उड़ान भरी। ओलंपियन तेजस्विनी सावंत, साजन प्रकाश और दीपा कर्माकर के अलावा राष्ट्रमंडल खेलों के लान बाउल के रजत पदक विजेता सुनील बहादुर, दिनेश कुमार और चंदन सिंह उन कई प्रमुख एथलीटों में शामिल हैं, जिन्होंने नेशनल गेम्स में स्वर्ण पदक जीते हैं।
नेशनल गेम्स के संस्करण और उसके मेजबान
संस्करण साल मेजबान
- 1 1924 लाहौर
- 2 1926 लाहौर
- 3 1928 लाहौर
- 4 1930 इलाहाबाद
- 5 1932 मद्रास
- 6 1934 नई दिल्ली
- 7 1936 लाहौर
- 8 1938 कलकत्ता
- 9 1940 मुंबई
- 10 1942 पटियाला
- 11 1944 लाहौर
- 12 1946 लाहौर
- 13 1948 लखनऊ
- 14 1952 मद्रास
- 15 1953 जबलपुर
- 16 1954 नई दिल्ली
- 17 1956 पटियाला
- 18 1958 कटक
- 19 1960 नई दिल्ली
- 20 1962 नई दिल्ली
- 21 1964 कलकत्ता
- 22 1966 बेंगलुरु
- 23 1968 मद्रास
- 24 1970 कटक
- 25 1979 कटक
- 26 1985 नई दिल्ली
- 27 1987 केरल
- 28 1994 मुंबई और पुणे
- 29 1997 बेंगलुरु और मैसूर
- 30 1999 इंफाल
- 31 2001 पंजाब
- 32 2002 आंध्र प्रदेश
- 33 2007 गुवाहाटी
- 34 2011 झारखंड
- 35 2015 केरल
- 36 2022 गुजरात