coronavirus infected waste से संक्रमण फैलने की आशंका, सीपीसीबी ने दिए सख्त निर्देश
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी किए सख्त निर्देश। डबल लेयर के पीले बैग में ही लाया जाएगा कोरोना का कचरा।
लखनऊ, (रूमा सिन्हा)। कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए इसके उपचार से निकलने वाले कचरे का समुचित प्रबंधन भी जरूरी है। कोरोना के अस्पताली कचरे से संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कोविड-19 हॉस्पिटल वेस्ट के निस्तारण के संबंध में सख्त गाइडलाइन जारी की है। वायरस संक्रमित व्यक्ति से पैदा कचरे, हॉस्पिटल वेस्ट या क्वारंटाइन से निकले वेस्ट से भी कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका है। इससे बचाव के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोविड-19 कूड़े को डबल लेयर के पीले बैग में ही एकत्र करने की हिदायत दी है। हॉस्पिटल व क्वारंटाइन क्षेत्र से यह कूड़ा लेने के बाद उसे तत्काल इंसीनरेेटर में डालने के निर्देश दिए गए हैैं।
राजधानी में केजीएमयू ,बलरामपुर अस्पताल, लोकबंधु अस्पताल, सिविल अस्पताल, रेलवे अस्पताल व आरडीएसओ से हर रोज ऐसा संक्रमित कचरा एकत्र किया जाता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अधिकृत कंपनियां रोज इन अस्पतालों से कचरा एकत्र कर निस्तारण करती हैं। ऐसी ही एक कंपनी सिनर्जी मेडिकल के प्रतिनिधि संजय कौशिक बताते हैं कि कोविड-19 कूड़ा लाने के लिए अलग गाड़ी का प्रबंध किया गया है। वहीं, कचरा कलेक्ट करने वाले को पीपीई व मास्क भी दिया गया है। अस्पतालों से कूड़ा लेकर सीधे प्लांट पर लाकर अविलंब इंसीनरेट कर दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि शहर में कई जगह बनाए गए आइसोलेशन सेंटर या होम क्वारंटाइन क्षेत्र में नगर निगम कूड़ा एकत्र करता है। गाइडलाइन के अनुसार नगर निगम को बायो मेडिकल वेस्ट कंपनी की मदद से इस कूड़े का निस्तारण कराना है।
मास्क के लिए भी डस्टबिन
कोरोना से बचाव के लिए लगाए जा रहे मास्क भी इस्तेमाल के बाद अस्पताली कचरे में बदल जाते हैैं। बायोमेडिकल वेस्ट एकत्र करन वाली कंपनी एसएमएस मेडिकल के प्रतिनिधि अनिकेत जोशी बताते हैं कि मास्क से संक्रमण फैलने से बचाने के लिए शहर में कई जगह मास्क फेंकने के लिए भी डस्टबिन रखे गए हैं।
सीपीसीबी की गाइड लाइन
- आइसोलेशन वार्ड का कचरा मजबूत डबल लेयर वाले पीले रंग के बैग में रखा जाएगा
- बैग पर कोविड-19 वेस्ट लिखा होना चाहिए
- बायो मेडिकल वेस्ट कंपनियां इसका ट्रीटमेंट प्राथमिकता पर करेंगी
- हॉस्पिटल व कंपनी दोनों को ही यह हिसाब रखना होगा कि हर रोज कितना कचरा ट्रीट किया गया
- कचरा लाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गाडिय़ां बिल्कुल अलग रखी जाएंगी
- कलेक्शन बिन भी अलग होंगे। कलेक्शन बिन, ट्रॉली को अंदर बाहर से डिसइंफेक्ट किया जाएगा
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस पर नजर रखेगा, यदि कोई होम क्वारंटाइन है तो उसे भी पीले रंग के डबल लेयर थैले में अपना कचरा रखना होगा
- नगर निगम ऐसे इलाके में बायोमेडिकल वेस्ट कंपनी को इंगेज करके निस्तारण कराएगा
- आइसोलेशन व क्वारंटाइन वार्ड आदि से निकलने वाला जूठा खाना भी संक्रमित कचरे की श्रेणी में आएगा। इसका निस्तारण भी कोविड-19 कूड़े के साथ ही करना होगा