केंद्र सरकार पूंजीपति समर्थक, 4-जी आवंटन न होने से गर्त में जा रहा बीएसएनएल
केंद्र सरकार पूंजीपतियों की समर्थक है। बीएसएनएल को 4-जी का आवंटन नहीं किया रहा है जबकि निजमी कंपनियां 5-जी लांच करने जा रहीं हैं।
लखनऊ (जेएनएन)। केंद्र सरकार की नीतियां निजीकरण को प्रोत्साहन देने वाली हैं। सरकार पूंजीपतियों की समर्थक है। निजी क्षेत्र की कंपनियां 5-जी मोबाइल नेटवर्क लांच करने की तैयारी में हैं और बीएसएनएल को 4-जी का भी आवंटन नहीं किया जा रहा है। जिससे दूर संचार विभाग गर्द में जा रहा है। यह गंभीर आरोप बीएसएनएल कर्मियों के हैं। कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में महाप्रबंधक कार्यालयों पर मंगलवार को मुखर होकर धरना-प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद की।
पांच प्रमुख मांगें
- जनवरी 2017 से कर्मचारियों का वेतन पुनरीक्षण संशोधन
- बीएसएनएल को शीघ्रातिशीघ्र 4-जी स्पेक्ट्रम का आवंटन
- पेंशन का अंशदान वास्तविक मूल वेतन के आधार पर हो
- सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन सुविधा में संशोधन हो
- द्वितीय वेतन संशोधन की शेष संस्तुतियों का अनुपालन
केंद्र सरकार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई
ऑल यूनियन्स एंड एसोसिएशन्स ऑफ बीएसएनएल के आह्वान पर कर्मचारी आंदोलित हैं। बीएसएनएल इंपलाइज यूनियन नेताओं ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि गत 24 फरवरी को संचार मंत्री ने कर्मचारियों की मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था। नौ महीने से अधिक बीत गए, अभी तक इस संबंध में सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई। एनएफटीई नेताओं ने कहा कि यदि आगामी तीस नवंबर तक मांगें पूरी नहीं की गईं तो कर्मचारी उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। पूंजीपतियों को बढ़ावा देने वाली केंद्र सरकार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। 4-जी स्पेक्ट्रम का आवंटन न किए जाने और नेटवर्क के विस्तार की योजना के अभाव से निगम लगातार घाटे में जा रहा है। इसका सीधा खामियाजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।
प्रदर्शनकारियों के सरकार पर गंभीर आरोप
सुल्तानपुर में एनएफटीई के जिला सचिव अरविंद सिंह और बीएसएनएल इंपलाइज यूनियन के जिला सचिव हरिशंकर मिश्र ने धरने को संबोधित किया। ऑल यूनियंस एंड एसोसिएशन ऑफ बीएसएनएल के रफत फैजान और आरडी कुशवाहा ने प्रयागराज में सभा में को संबोधित किया। इसी तरह प्रदेश के कई हिस्सों ने महाप्रबंधक कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन की सूचनाएं हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।