वकील साहब, आइए पहले खा-पी लीजिए फिर दीजिएगा वोट
सेंट्रल बार चुनाव में मतदाताओं को लुभाने को प्रत्याशियों ने अपनाए हथकंडे। ड्यूटी पर लगी पुलिस भी खाने-पीने में रही मशगूल, परिसर में सजे रहे स्टाल।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। नमस्कार, आइए वकील साहब। पहले कुछ खा-पी लीजिए, फिर वोट देने जाइएगा। अच्छा...क्या बनवाए हो? वकील साहब ने पूछा। पूड़ी-सब्जी, राजमा, छोला, कढ़ी और चावल। बोलिए क्या खाएंगे? इतना कहते अध्यक्ष पद के एक प्रत्याशी का समर्थक प्लेट में खाना परोसता है और मतदाता (अधिवक्ता) बड़े ही अदब से पंडाल में बिठाता है। पंडाल में पहले से कई अधिवक्ता भोजन करने में जुटे हैं। सड़क के दोनों तरफ दूर तक वाहनों की कतार के बीच से आते अधिवक्ताओं से कुछ इस तरह आग्रह कर समर्थक उन्हें अपने पंडाल में बुलाते रहे। खिलाने-पिलाने के बाद विजिटिंग कार्ड थमाते हुए वोट देने की याद दिलाते रहे।
सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, सचिव समेत कई पदों के चुनाव में प्रत्याशियों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए कई हथकंडे अपनाए गए। किसी उम्मीदवार ने भोजन-पानी का बंदोबस्त किया तो किसी ने चाय-नाश्ते का। समोसा, कचौड़ी, लड्डू की भी व्यवस्था की गई थी। अमूमन हर उम्मीदवार के स्टाल पर कुछ न कुछ खाने-पीने के लिए अवश्य रखा था। सेंट्रल बार चुनाव के पोलिंग सेंटर तक पहुंचने वाले दोनों रास्ते के हर तरफ तंबू-कनात लगाए प्रत्याशी व उनके समर्थक डटे रहे। आने वाले मतदाताओं को अपना विजिटिंग कार्ड देते हुए वोट देने की अपील करते रहे। सबसे अधिक भीड़ पोलिंग बूथ को जाने वाले अंतिम गेट के पास जमा थी। वहां कतारबद्ध प्रत्याशी मतदाताओं के मन-मस्तिष्क पर अपनी छाप छोडऩे के हर प्रयत्न कर रहे थे। कोई वरिष्ठ अधिवक्ताओं का पैर छूकर आशीर्वाद ले रहा था तो कोई हाथ जोड़ कर वोट का सहयोग मांग रहा था। कोई माइक से प्रचार कर रहा था तो कोई पर्चे-पंपलेट हवा में उड़ा रहा था। विजिटिंग कार्ड से तो पूरी सड़क पट गई थी।
खाकी भी खाने-पीने में रही मशगूल
पोलिंग सेंटर के दोनों रास्ते पर प्रत्याशियों के पंडाल में वर्दीधारी भी ड्यूटी दे रहे थे। अध्यक्ष पद के एक उम्मीदवार के पंडाल में बैठे पुलिस इंस्पेक्टर, एसआई व सिपाही प्लेट में पूड़ी-सब्जी लेकर छकते दिखे। खाना खाने के बाद कुछ महिला सिपाही मोबाइल फोन में लूडो गेम खेलने में व्यस्त हो गईं।