जब कार और रिक्शे से आए गजानन, थिरकते हुए श्रद्धालुओं ने किया प्रतिमा विसर्जन
गणपति बप्पा मोरया, अगली बरस तू जल्दी आ...विसर्जन यात्रा में उमड़े श्रद्धाल। गजानन के कानों में मनौती बता रहा था तो कोई उनके साथ सेल्फी ले रहा था।
लखनऊ(जेएनएन)। गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ..से गुंजायमान वातारण, उड़ता रंग बिरंगा गुलाल, ढोल ताशे पर थिरकते श्रद्धालु और घाटों पर विसर्जन की बारी का इंतजार करते लोग। कुछ ऐसा ही वातावरण रविवार को झूलेलाल घाट, कुडिय़ा घाट, श्री खाटू श्याम मंदिर और शहीद स्मारक पर नजर आया। पूजन कर विधि विधान से प्रतिमाओं को गोमती नदी में प्रवाहित किया गया।
भगवान शिव और मां पार्वती के स्वरूप को प्रथम पूज्यदेव में निहारते श्रद्धालुओं का जमावड़ा सड़कों पर नजर आ रहा था। शोभायात्र में उड़ता गुलाल और गणपति बप्पा के जयकारे माहौल को भक्ति से सराबोर कर रहे थे। नौबस्ता के श्रीराम लीला ग्राउंड में श्री सिद्धि विनायक जन्मोत्सव का शोभायात्र के साथ समापन हुआ। कटरा मकबूलगंज में महाराष्ट्र समाज की ओर से आयोजित गणोशोत्सव पूजा समिति, पत्रकारपुरम पूजा समिति के अलावा फैजाबाद रोड स्थित बीबीडी परिसर, ज्ञानेश्वर ओम मंदिर नरही में पूजन व आरती के साथ शोभायात्र निकाली गई। श्री बालेश्वर ओम मंदिर में ढोल ताशे के साथ झूलेलाल घाट तक विसर्जन शोभायात्र निकाली गई। आलमबाग के पूरननगर में आयोजित गणोशोत्सव के संयोजक उमेश श्रीवास्तव के अगुआई में शोभायात्र निकाली गई।
कार और रिक्शे से आए गजानन
प्रतिमाओं को कोई रथ पर लेकर आ रहा था तो कोई कार से घाट पर आ रहा था। पैदल और रिक्शे पर सवार श्रद्धालु भी गजानन को लेकर घाट पर पहुंचे और विसर्जन किया। कोई गजानन के कानों में मनौती बता रहा था तो कई उनके साथ सेल्फी ले रहा था।
मनौतियों के राजा का भू विसर्जन
झूलेलाल वाटिका में राजधानी के सबसे बड़े पूजा पंडाल में स्थापित मनौतियों के राजा का झूलेलाल वाटिका में ही भूमि विसर्जन किया गया। श्री गणोश प्राकट्य महोत्सव के सरंक्षक भारत भूषण गुप्ता ने बताया कि आदि गंगा गोमती के संरक्षण के लिए ऐसा किया गया। इससे पहले झूलेलाल वाटिका से गाजेबाजे के साथ शोभायात्र निकाली गई। लखनऊ विवि रोड, आइटी चौराहा, निरालानगर रामकृष्ण मठ होते हुए यात्र का झूलेलाल वाटिका में देर शाम समापन हुआ जहां प्रतिमा को खोदे गए गड्ढे में विसर्जन किया गया। प्रतिमा के साथ श्रद्धालुओं की ओर से मनौतियों के लिए लिखी गईं 95 हजार चिठ्यिों को भी विसर्जित किया गया। वहीं झूलेलाल घाट पर विसर्जन के लिए खोदे गए गड्ढे में सिर्फ पूजन सामग्री प्रवाहित की गई। मुख्यमंत्री की फोटो का बोर्ड भी गड्ढे में प्रतिमा विसर्जन की अपील कर रहा था, लेकिन कोई मान नहीं रहा था।
900 से अधिक प्रतिमाओं का हुआ विसर्जन
प्रशासन की ओर से प्रतिमाओं को गिनने की कोई व्यवस्था नहीं थी, लेकिन नाविकों के मुताबिक झूलेलाल घाट पर ही करीब छोटी बड़ी 500 प्रतिमाएं विसर्जित की गईं। कुडिय़ा, घाट, श्री खाटू श्याम मंदिर घाट, शहीद स्मारक समेत अन्य घाटों पर 400 से अधिक प्रतिमाएं विसर्जित की गई।
लगा भंडारा
श्री गीतांजलि सेवा समिति नरही की ओर से झूलेलाल घाट पर भंडारा लगाया गया। गणपति बप्पा के जयकारे के साथ श्रद्धालुओं ने बूंदी, हलवा, तहरी, कढ़ी चावल, पूड़ी सब्जी व छोला पूड़ी का प्रसाद ग्रहण किया।