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उन्नाव कांड में विधायक कुलदीप सेंगर को सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड

सीबीआइ आज कुलदीप सेंगर को कोर्ट में पेश करके ट्रांजिट रिमांड के लिए याचिका भी दाखिल करेगी। सीबीआइ कोर्ट से उनको सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर ले लिया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 14 Apr 2018 11:18 AM (IST)Updated: Sat, 14 Apr 2018 11:17 PM (IST)
उन्नाव कांड में विधायक कुलदीप सेंगर को सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड
उन्नाव कांड में विधायक कुलदीप सेंगर को सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड

लखनऊ (जेएनएन)। उन्नाव कांड में गिरफ्तार बांगरमऊ के भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सीबीआइ ने सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड में ले लिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने विधायक को 28 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। शनिवार को सीबीआइ ने रिमांड मजिस्ट्रेट सुनील कुमार के समक्ष विधायक कुलदीप सेंगर को पेश किया और रिमांड अर्जी लगाई। रिमांड मजिस्ट्रेट सुनील कुमार ने आदेश में कहा है कि रिमांड अवधि शनिवार 14 अप्रैल को सायं छह बजे से 21 अप्रैल को प्रात: दस बजे तक प्रभावी होगी।

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अदालत में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को विवेचक आरआर त्रिपाठी ने पेश किया। विधायक की ओर से अधिवक्ता सत्येन्द्र सिंह ने एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर न्यायिक रिमांड अस्वीकृत किए जाने का अनुरोध किया। बचाव पक्ष का तर्क था कि जिस समय की घटना बताई जा रही है, उस समय अभियुक्त दिल्ली में मौजूद था। अर्जी का विरोध करते हुए अभियोजन की ओर से सीबीआइ के वकील विनीत कुमार का तर्क था कि विवेचक ने पीडि़त, उसकी मां एवं अन्य साथियों का बयान दर्ज किया है।

इस प्रकरण की विवेचना चल रही है एवं साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में बचाव पक्ष का प्रार्थना पत्र पोषणीय नहीं है। अदालत ने बचाव पक्ष के प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया है। सीबीआइ ने रिमांड अर्जी में कहा कि आरोपी बांगरमऊ जिला उन्नाव का बाहुबली विधायक है तथा प्रभावशाली होने के कारण मौखिक एवं दस्तावेजीय साक्ष्य से छेड़छाड़ कर सकता है। यह भी कहा गया है कि प्रकरण की रिपोर्ट वादिनी आशा सिंह द्वारा 13 अप्रैल को पुन: दर्ज कराई गई है जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। 

यह भी कहा कि इस प्रकरण के गवाहों का आरोपी से आमना- सामना कराकर सच्चाई का पता किया जाना है तथा कई और साक्ष्य एकत्रित करने हैैं। अदालत ने पुलिस रिमांड अर्जी को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए कहा कि इस दौरान प्रति दिन प्रात: 10 बजे एवं शाम को छह बजे आरोपी अपने अधिवक्ता से 15 मिनट की अवधि के लिए मिलकर विधिक राय ले सकता है। 

सीबीआइ की ओर से स्पष्ट किया गया है कि आरोपी की गिरफ्तारी अपहरण, दुराचार एवं पाक्सो एक्ट के अंतर्गत की गई है।


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