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UP: TRP के खेल की जांच अब CBI करेगी, जांच एजेंसी ने लखनऊ पुलिस से केस किया टेकओवर

टेलीविजन रेटिंग पॉइंट यानी टीआरपी के खेल की जांच अब सीबीआइ करेगी। यूपी की राजधानी लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में चैनलों की टीआरपी को लेकर हुई धांधली के मामले में दर्ज कराई गई एफआइआर को सीबीआइ ने टेकओवर कर लिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 08:29 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 07:26 AM (IST)
UP: TRP के खेल की जांच अब CBI करेगी, जांच एजेंसी ने लखनऊ पुलिस से केस किया टेकओवर
टीआरपी के खेल की जांच अब सीबीआई करेगी।

लखनऊ, जेएनएन। महाराष्ट्र में टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (टीआरपी)  घोटाला आने के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। इस मामले में गोल्डन रैबिट कंपनी के सीईओ कमल शर्मा ने लखनऊ में एफआइआर दर्ज कराई थी और इसकी सीबाआइ जांच की मांग की, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इसकी सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी। 

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इसके बाद यूपी की राजधानी लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में चैनलों की टीआरपी को लेकर हुई धांधली के मामले में दर्ज कराई गई एफआइआर को सीबीआइ ने टेकओवर कर लिया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की सिफारिश पर दिल्ली सीबीआइ ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले में अब जल्द आरोपितों पर सीबीआइ का शिकंजा कसेगा।

लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में एक न्यूज पोर्टल के संचालक कमल शर्मा की ओर से 17 अक्टूबर को न्यूज चैनलों की टीआरपी को लेकर धांधली के मामले में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि इस मामले की सीबाआइ जांच की संस्तुति एक दिन पूर्व की गई थी। केंद्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग ने सीबीआइ जांच की अधिसूचना जारी की थी, जिसके बाद सीबीआइ दिल्ली ने मामले में केस दर्ज कर अपनी जांच शुरू की है।

टीआरपी को लेकर हुई धांधली के मामले में पहले लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में एक विज्ञापन कंपनी के प्रवर्तक की शिकायत पर केस दर्ज किया गया था, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई को सौंप दिया। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दिल्ली सीबीआइ की टीम ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों के अनुसार मुख्य आरोप पैसे लेकर टीआरपी रेटिंग में हेरफेर किए जाने का केस है।

बता दें कि पिछले दिनों मुंबई पुलिस ने टीआरपी में हेरफेर को लेकर जांच शुरू की थी। आठ अक्टूबर को मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीआरपी रैकेट को लेकर जानकारी दी थी। परमबीर सिंह ने कहा था कि जांच के दौरान ये बात सामने आई है कि कुछ पुराने वर्कर जो हंसा के साथ काम कर रहे थे, कुछ टेलीविजन चैनल से डाटा शेयर कर रहे थे।


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