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Defence Expo 2020: सेना टैंक के मूवमेंट में CBI जांच का पेंच Lucknow News

डिफेंस एक्सपो 2020 में गोमती तट पर पाथ-वे को लेकर खड़ा हुआ विवाद।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 11:05 AM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 11:05 AM (IST)
Defence Expo 2020: सेना टैंक के मूवमेंट में CBI जांच का पेंच Lucknow News
Defence Expo 2020: सेना टैंक के मूवमेंट में CBI जांच का पेंच Lucknow News

लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। गोमती तट पर डिफेंस एक्सपो आयोजन की जगह खिसकी तो सेना के टैंक के मूवमेंट पर संकट खड़ा हो गया है। जिस जगह से टैंक का मूवमेंट कराया जाना था, वह जगह सीबीआइ जांच में फंसी है। सिंचाई विभाग ने अपनी इस जमीन पर किसी तरह के आयोजन का अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से साफ मना दिया है। सिंचाई विभाग का तर्क है कि अगर टैंक चलने से गोमती तट के किनारे बनाए गए रास्ते को कोई नुकसान हुआ तो उसकी भरपाई कैसे होगी। माना जा रहा है कि अब एक्सपो में लोगों को दौड़ते हुए टैंक के दर्शन नहीं हो सकेंगे, बल्कि वह एक जगह ही खड़ा रहेगा।

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पांच से नौ फरवरी के बीच होने वाले डिफेंस एक्सपो में सेना के विमानों के साथ ही अन्य सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन गोमती तट पर होना है। पहले गोमती तट खाटू श्याम मंदिर से हनुमान सेतु तक की जगह को चिन्हित किया गया था लेकिन, वहां हरियाली नष्ट होने की आशंका बन गई। लिहाजा पूरी कार्ययोजना को बदलना पड़ा था। अब हनुमान सेतु के पास की 20 हजार वर्ग मीटर की जगह को टुकड़ों में चुना गया है। सेना ने भी जगह को हरी झंडी दे दी है, लेकिन किनारे के हिस्से में पाथ-वे से मामला फंस गया। नगर निगम के अफसरों ने सोचा था कि पाथ-वे के ऊपर मोरंग बिछाकर काम चल जाएगा लेकिन, जमीन सिंचाई विभाग के अधीन है। 

इसलिए खड़ा हुआ विवाद 

दरअसल यह पाथ-वे अखिलेश यादव सरकार में गोमती तट सुंदरीकरण योजना के तहत बनाए गए थे, जिसकी सीबीआइ जांच चल रही है। सीबीआइ टीम ने किसी भी तरह की छेड़छाड़ करने से भी मना कर रखा है। ऐसे में सिंचाई विभाग ने पाथ-वे पर टैंक का मूवमेंट कराने से मना दिया।

क्‍या कहते हैं अपर नगर आयुक्त ?

अपर नगर आयुक्त डॉ. अर्चना द्विवेदी का कहना है कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने आयोजन स्थल पर पाथ-वे पर किसी तरह के कार्यक्रम करने का अनापत्ति पत्र देने से मना कर दिया है। वह किसी जांच चलने का हवाला दे रहे हैं। 

क्‍या कहते हैं नगर अभियंता  ?

नगर अभियंता महेश वर्मा के मुताबिक, गुरुवार को हुई बैठक में सेना के अधिकारी पाथ-वे को छोडऩे पर मान गए हैं। सेना अधिकारियों का तर्क था कि गोमती तट से सटे पाथ-वे तक दुर्घटना की आशंका भी थी। कोशिश हो रही है कि कच्ची जगह पर भी गिट्टी का लेबल करके टैंक चलवाने का प्रयास किया जाए। 


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