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आइएएस के फ्लैट समेत 12 जगह सीबीआइ के छापे, एफआइआर में बी.चंद्रकला नामजद

आइएएस अधिकारी बी. चंद्रकला के आवास पर सीबीआइ की एक टीम ने आज छापा मारा। उस समय बी.चंद्रकला अपने आवास में नहीं थीं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 11:23 AM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 10:42 AM (IST)
आइएएस के फ्लैट समेत 12 जगह सीबीआइ के छापे, एफआइआर में बी.चंद्रकला नामजद
आइएएस के फ्लैट समेत 12 जगह सीबीआइ के छापे, एफआइआर में बी.चंद्रकला नामजद

लखनऊ, जेएनएन। सपा शासनकाल में हुए करोड़ों के खनन घोटाले में सीबीआइ ने केस दर्ज करने के बाद शनिवार को बड़ी कार्रवाई की। आइएएस अधिकारी बी.चंद्रकला के लखनऊ में स्थित फ्लैट समेत अन्य जिलों में खनन विभाग के कर्मचारियों व ठेकेदारों के 12 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। सीबीआइ को खनन घोटाले से जुड़े अहम साक्ष्य मिले हैं। सीबीआइ ने 2008 बैच की आइएएस चंद्रकला, एमएलसी रमेश मिश्रा समेत 11 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। चंद्रकला वर्तमान में स्टडी लीव पर हैं। 

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सीबीआइ दिल्ली की टीमें शनिवार सुबह से ही सक्रिय हो गई थीं। एक टीम ने लखनऊ में बी.चंद्रकला के योजना भवन के पास पॉश इलाके में स्थित सेफायर होम्स एंड विलाज अपार्टमेंट स्थित फ्लैट नंबर 101 में छापा मारा। इस फ्लैट के अलावा जॉपलिंग रोड निवासी खनन ठेकेदार आदिल खान के ठिकानों पर भी छापा मारा गया। सीबाआइ ने आइएएस अधिकारी चंद्रकला के फ्लैट में करीब चार घंटे छानबीन के दौरान कई अहम दस्तावेज कब्जे में लिये हैं। इस दौरान चंद्रकला फ्लैट में मौजूद नहीं थी।

करोड़ों के खनन घोटाले में नामजद हमीरपुर की पूर्व जिलाधिकारी बी. चंद्रकला के दो बैंक खाते के साथ एक बैंक लॉकर सीज किया गया है। खनन घोटाला में जालौन से हमीरपुर तक छापों में सीबीआई को करीब ढाई करोड़ रुपया नकद तथा चार किलो गोल्ड मिला है। खनन घोटाले में हमीरपुर की पूर्व डीएम बी चंद्रकला के खिलाफ आपराधिक साजिश के साथ अवैध वसूली, धोखाधड़ी, प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। सीबीआई नई दिल्ली के डीएसपी केपी शर्मा ने यह मामला दर्ज कराया है। 

इसके अलावा सीबीआइ की टीमों ने हमीरपुर में तत्कालीन माइनिंग आफिसर मोइनुद्दीन, खनन ठेकेदार बसपा नेता संजय दीक्षित के आवास के अलावा कानपुर, नोएडा, जालौन, उरई व दिल्ली स्थित आरोपितों के ठिकानों पर छापेमारी की। 

सीबीआइ ने पूर्व में हाई कोर्ट के आदेश पर हमीरपुर, शामली, कौशाम्बी, फतेहपुर, सहारनपुर, सिद्धार्थनगर, सहारनपुर व देवरिया में वर्ष 2012 से 2016 के बीच हुए खनन में धांधली की शिकायतों पर मार्च 2017 में सात प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थीं। आरोप था कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के प्रतिबंध के बावजूद हमीरपुर समेत कई स्थानों पर धड़ल्ले से खनन कराया गया।

सीबीआइ दिल्ली ने प्रारंभिक जांच के बाद हमीरपुर में हुई धांधली के मामले में आरोपित तत्कालीन डीएम बी.चंद्रकला, तत्कालीन माइनिंग आफिसर मोइनुद्दीन, तत्कालीन माइनिंग क्लर्क राम आसरे प्रजापति, सपा एमएलसी व हमीरपुर के खनन ठेकेदार रमेश कुमार मिश्रा तथा उनके भाई दिनेश कुमार मिश्रा, खनन ठेकेदार अंबिका तिवारी, बसपा नेता व खनन ठेकेदार संजय दीक्षित तथा उनके पिता सत्यदेव दीक्षित, जालौन के खनन ठेकेदार रामअवतार सिंह, करन सिंह व सरकारी कर्मचारी आदिल खान के खिलाफ धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।  

नियम ताख पर रख चंद्रकला ने दिये पट्टे, गायत्री के खिलाफ भी साक्ष्य

सीबीआइ पिछले दो साल से खनन घोटाले की जांच कर रही थी। सूत्रों का कहना है कि जांच में सामने आया कि हमीरपुर की तत्कालीन डीएम बी.चंद्रकला ने 13 अप्रैल 2012 से छह जून 2016 के मध्य अपने कार्यकाल के दौरान खनन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलकर 50 से ज्यादा खनन के पट्टे नियमों की अनदेखी कर जारी किये। सीबीआइ को इस मामले में सपा सरकार के तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की संलिप्तता के साक्ष्य भी मिले हैं जिनकी छानबीन चल रही है। 

सोना व नकदी बरामद 

सूत्रों के अनुसार सीबीआइ ने छापेमारी के दौरान जालौन में खनन विभाग के सेवानिवृत्त लिपिक रामअवतार सिंह के ठिकानों से करीब दो करोड़ रुपये नकद तथा लगभग दो करोड़ रुपये का सोना बरामद किया है। इसके अलावा हमीरपुर के  तत्कालीन खनन अधिकारी मोइनुद्दीन के आवास से करीब 12.5 लाख रुपये तथा लगभग 1.8 किलो सोना बरामद किया है। 

अखिलेश यादव से भी पूछताछ संभव

सपा सरकार में भूतत्व एवं खनिकर्म मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति पर कानूनी शिकंजा कसे जाने के बाद अब सीबीआइ का शिकंजा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी कस सकता है। अखिलेश यादव सपा के शुरुआती शासनकाल में खनिकर्म विभाग के मंत्री भी रह चुके हैं। चंद्रकला उस समय हमीरपुर की डीएम थीं। अपनी प्रारंभिक जांच में सीबीआइ ने तत्कालीन खनन मंत्री की ओर भी इशारा किया है। इस आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी पूछताछ हो सकती है।

दो अफसरों पर शिकंजा

हमीरपुर में 60 मोरंग खनन के पट्टे कथित तौर पर गलत ढंग से पास किए गए थे। 2015 में अवैध रूप से जारी मोरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को हमीरपुर में जारी किए गए सभी 60 मोरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए थे। इनमें डीएम भवनाथ ने दो, डीएम संध्या तिवारी ने आठ मोरंग खनन के पट्टों की स्वीकृति दी थी। 


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