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उन्नाव गैंगरेप कांड की सीबीआइ करेगी जांच, केंद्र ने दी मंजूरी

केंद्र सरकार उन्नाव कांड की सीबीआइ जांच कराने के लिए राजी हो गई है। राज्य सरकार ने सीबीआइ जांच के लिए संस्तुति भेजी और केंद्र ने सहमति भी दे दी है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 12 Apr 2018 08:17 PM (IST)Updated: Fri, 13 Apr 2018 06:44 AM (IST)
उन्नाव गैंगरेप कांड की सीबीआइ करेगी जांच, केंद्र ने दी मंजूरी
उन्नाव गैंगरेप कांड की सीबीआइ करेगी जांच, केंद्र ने दी मंजूरी

लखनऊ (जेएनएन)। केंद्र सरकार उन्नाव कांड की सीबीआइ जांच कराने के लिए राजी हो गई है। गुरुवार को राज्य सरकार ने मामले की सीबीआइ जांच कराने के लिए अपनी संस्तुति केंद्र को भेजी और केंद्र ने अपनी सहमति भी दे दी है। शीघ्र ही डीओपीटी से इसकी अधिसूचना जारी हो सकती है। बुधवार को एसआइटी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुख्यमंत्री के सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने केंद्र सरकार की सहमति की जानकारी मीडिया से साझा की।

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उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल लाने वाले उन्नाव कांड की सीबीआइ जांच में पुलिस-प्रशासन के कई और खेल उजागर हो सकते हैं। इससे पूर्व गुरुवार सुबह प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार व डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेसवार्ता कर एसआइटी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई कार्रवाई का ब्योरा रखा। इस दौरान आरोपित विधायक की गिरफ्तारी के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि सीबीआइ जांच तक पुलिस विधायक को गिरफ्तार नहीं करेगी। इसके पीछे तर्क दिया कि पीडि़त किशोरी ने कोर्ट में दर्ज कराये गए बयानों में विधायक का नाम नहीं लिया था। विधायक के खिलाफ पहले साक्ष्य संकलित किए जाने का हवाला भी दिया। डीजीपी ने कहा कि गुण-दोष के आधार पर सीबीआइ तय करेगी कि विधायक को गिरफ्तार करना है या नहीं। प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि उन्नाव के माखी थाने में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह व एक आरोपित महिला के खिलाफ बहला-फुसलाकर भगा ले जाने, जान से मारने की धमकी देने व पाक्सो (प्रिवेंशन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंस) एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। 

एसआइटी ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा है कि 11 जून, 2017 को किशोरी लापता हुई थी। 12 जून को उसकी मां ने माखी थाने में इसकी सूचना दी। पुलिस ने औरैया से किशोरी को बरामद किया था, जिसके बाद उसके कोर्ट में बयान दर्ज कराए गए। पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। पीडि़ता के चाचा 30 जून, 2017 को उसे अपने साथ दिल्ली ले गए थे। जहां पीडि़ता ने अपनी चाची को चार जून, 2017 की घटना बताई, जिसमें विधायक द्वारा दुष्कर्म किए जाने की बात कही, जिसके बाद 17 अगस्त, 2017 को पहली बार पीडि़ता ने चार जून की घटना का प्रार्थना पत्र दिया था। स्थानीय पुलिस ने कोर्ट में दर्ज पीडि़त किशोरी के बयानों में विधायक का उल्लेख न होने का हवाला देकर कार्रवाई नहीं की। मारपीट व हत्या के मुकदमों की जांच भी सीबीआइ करेगी।

डीजीपी बोले, माननीय विधायक

प्रेस कांफ्रेंस में डीजीपी ओपी सिंह ने अपनी बात शुरू करते हुए आरोपित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के लिए माननीय विधायक का संबोधन किया। मीडिया ने सवाल किया तो डीजीपी ने तुरंत सफाई दी कि अभी तो विधायक पर केवल आरोप लगा है और वह दोषी करार नहीं दिये गए हैं। प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि एसआइटी की जांच के दौरान पीडि़त किशोर ने कहा कि जब मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान लिए गए तब मैं डरी हुई थी। इसलिए विधायक का नाम लेकर बयान नहीं दिया। 

सीबीआइ जांच को परिवार तैयार

उन्नाव का विधायक पीडि़त परिवार सीबीआइ जांच के लिए तैयार है। इसके लिए उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी है। जांच से जुड़े साक्ष्य जुटाने में जुट गया है। परिवार के सदस्यों का कहना है कि सब कुछ यहां से लेकर दिल्ली तक फैला है, प्रशासन से अनुमति मिल जाए कि कि हम कहीं जाना चाहते हैं तो फिर हम उसके भी इंतजाम शुरू करें। पीडि़ता के चाचा ने कहा कि फिलहाल हमारे पास पर्याप्त साक्ष्य हैं लेकिन उनसे छेड़छाड़ हो सकती है। 


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