उन्नाव दुष्कर्म कांड : CBI की टीम ने 45 मिनट में सुलझाई हादसे की पहेली, जानिए कैसेे Raebareli news
अटौरा में 45 मिनट तक चला दुर्घटना का नाट्य रूपांतरण 40 फिर 45 बाद में 50 की स्पीड से दौड़ाया ट्रक। सीबीआइ की ज्वाइंट डायरेक्टर भी थी मौके पर।
रायबरेली, जेएनएन। रुको-रुको, ऐसे नहीं... यह कहते हुए सीबीआइ अधिकारी ट्रक की ओर दौड़े। चालक से बोले- ट्रक स्पीड में लेकर आओ, तब सीन बनेगा। चालक बोला- साहब तेज चलइब तो कमानी टूटि जाइ। तो अधिकारी बोले- तुम डरो नहीं, हम पैसे देंगे। बस तुम गाड़ी तेज स्पीड में लेकर आओ..
ये सब हो रहा था शुक्रवार की शाम अटौरा के सुल्तानपुर मोड़ पर। ये किसी फिल्म की शूटिंंग नहीं हो रही थी।बल्कि रविवार को इसी मोड़ पर उन्नाव दुष्कर्म पीडि़ता की कार दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना का रूपांतरण यानि सीन रीक्रिशन किया जा रहा था। इसके लिए सीबीआइ और सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की टीम की टीम शाम 4.30 बजे ही मौके पर आ गई।
ट्रक और कार की पोजीशन तय करने, ट्रैफिक रोकने और सड़क किनारे से लोगों को हटाने में वक्त लगा। सबकुछ ओके होते-होते 5.30 बज गए। पहला प्रयास नाकाम रहा। ट्रक चालक ने बताया कि स्पीड 40 थी। उसे दोबारा वापस भेजा गया, कार को भी लालगंज की तरफ बैक कराया गया। इस बार ट्रक 45 की स्पीड से आया और कार 60 की। लेकिन फिर पहली बार की तरह दोनों गाडिय़ां अगल-बगल आ गईं। इस पर वहां मौजूद सीबीआइ के अधिकारी थोड़ा निराश हुए। उन्होंने फिर चालक को 50 की स्पीड से ट्रक लाने को कहा। तीसरे टेक में जब ट्रक आया और मोड़ पर ड्राइवर ने ब्रेक ली तो तेज आवाज आई। ट्रक लगभग पांच फीट सड़क पर घिसटा और दाहिनी ओर हल्का सा मुड़ गया। मगर फिर बात नहीं बनी। कार तो दूर ही खड़ी रह गई।
ट्रक का 70 की स्पीड मेंं आना, फिसलते हुए दाहिनी साइड जाना और फिर बाएं मुड़ जाना... जब ये सीन क्रिएट नहीं हो पाया तो घटना के प्रत्यक्षदर्शियों को बुलाया गया। उन्होंने जैसा बताया, ट्रक हल्की स्पीड में वैसे ही मोड़ कर ठीक वैसे ही खड़ा कर दिया गया, जैसी स्थिति में रविवार को एक्सीडेंट के बाद था। फिर कार को भी लाकर ट्रक के पिछले पहिए के पास लाकर खड़ा कर दिया गया। उसके बाद मीटर से नापजोख की गई।
ये सब करने में लगभग 45 मिनट का वक्त लग गया। इस दौरान लालगंज-रायबरेली मार्ग पर दोनों ओर भारी भीड़ जमा हो गई। सीन रीक्रिएशन से संतुष्ट होने पर सीबीआइ की ज्वाइंट डायरेक्टर संपत मीना और उनकी टीम वापस लौट गई। फोरेंसिक व सीबीआइ के कुछ अधिकारी देर शाम तक वहां मौजूद रहे और यह पता लगाने की कोशिश करते रहे कि ये हादसा है या फिर साजिशन ऐसा किया गया।
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