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लखनऊ में एक नंबर पर चल रहीं दो गाड़‍ियां, आरटीओ कार्यालय के कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज

आदर्श का आरोप है कि शिकायत के बाद बी आरटीओ विभाग के कर्मचारियों ने उनकी बाइक के नंबर जारी दूसरी गाड़ी के फर्जी नंबर का रजिस्ट्रेशन निरस्त नहीं किया। इस कारण उन्हें और घरवालों को दिक्कतें हो रही हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 05:45 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 05:45 PM (IST)
लखनऊ में एक नंबर पर चल रहीं दो गाड़‍ियां, आरटीओ कार्यालय के कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज
सीबीआइ कोर्ट के पेशकार ने आरटीओ दफ्तर के कर्मचारियों पर लगाएं गंभीर आरोप।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। सीबीआइ कोर्ट के पेशकार आदर्श कुमार मौर्या ने सरोजनीनगर कोतवाली में आरटीओ दफ्तर के कर्मचारियों के खिलाफ फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज कराया है। आदर्श का आरोप है कि उनके बड़े भाई की बाइक के नंबर पर शहर में एक और गाड़ी चल रही है। जानकारी होने पर उन्होंने आरटीओ दफ्तर में शिकायत की तो कर्मचारियों ने बताया कि संज्ञान लेकर रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया गया है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गाड़ी का चालान आने पर उन्हें जानकारी हुई। यह फर्जीवाडा आरटीओ विभाग के कर्मचारियों की मिली भगत से सालों से चल रहा है।

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आदर्श कुमार मौर्या ने बताया कि वह जानकीपुरम विस्तार के रहने वाले हैं। उनके बड़े भाई दिनेश मौर्या ने वर्ष 2008 में एक बाइक खरीदी थी। जिसका नंबर आरटीओ विभाग से यूपी 32 सीक्यू 1303 एलाट हुआ। आदर्श ने बताया कि भाई की गाड़ी का इस्तेमाल वह आफिस आने-जाने में करते थे। फरवरी 2021 में वह आफिस के लंच टाइम में साथी कर्मियों के साथ बैठे थे। सभी वेबसाइट पर अपनी गाड़ी का चालान चेक कर रहे थे। वह भी देख रहे थे कि कहीं उनकी गाड़ी का कोई चालान तो नहीं है।

इस पर गाड़ी नंबर का रजिस्ट्रेशन अमरेंद्र पटेल के नाम से मिला। यह देख वह सन्न रह गए। उन्होंने आरटीओ दफ्तर में शिकायत की। कर्मचारियों ने पहले टाल मटोल किया। फिर कई बार दौड़ाने पर जांच की तो पता चला कि 12 दिसंबर 2016 में बाइक का रजिस्ट्रेशन अमरेंद्र के नाम से हुआ। उसके बाद कहा कि आपकी शिकायत का संज्ञान लेकर रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया गया है। वेबसाइट पर चेक किया तो पता चला कि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन अब बड़े भाई दिनेश के नाम से ही है।

20 मई को चालान का मैसेज आने पर हुई फर्जीवाड़े की जानकारी : आदर्श ने बताया कि बीती 20 मई को भाई के मोबाइल पर बाइक के चालान का मैसेज आया। चालान राशि 1000 रुपये थी। वेबसाइट पर चालान की फोटो देखी तो दो लोग बैठे दिए। चालान अलीगंज पालिका बाजार सेक्टर-एप के पास किए जाने की जानकारी हुई। भाई से पूछा तो उन्होंने भी बाइक में बैठे दोनों लोगों की फोटो पहचानने से इंकार किया। चालान के समय बाइक कोर्ट में थी। यह सब फर्जीवाड़ा आरटीओ विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से हो रहा है। इंस्पेक्टर सरोजनीनगर संतोष कुमार आर्य ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।


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