Case of Burning Girl in Sultanpur: बदले की आग में जिंदा जल गई श्रद्धा, पहले भी जा चुकी है एक की जान
Case of burning girl in Sultanpur बल्दीराय के परसौली एंजर गांव में जमीन पर कब्जे को लेकर दो जून को शुरू हुआ था विवाद पहले पक्ष से भी एक की हो चुकी है मौत। उसी के बदले की आग में सोमवार दूसरे पक्ष की युवती श्रद्धा भी जिंदा जल गई।
सुलतानपुर, (अभिषेक मालवीय)। जमीन के छोटे से टुकड़े ने दो परिवारों की जिंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कब्जेदारी में पहले एक पक्ष से वृद्ध की मौत हुई थी। उसी के बदले की आग में सोमवार दूसरे पक्ष की युवती श्रद्धा भी जिंदा जल गई। बल्दीराय थानाक्षेत्र के टडरसा गांव निवासी प्रदीप सिंह ने परसौली मजरे एंजर गांव में एक बैनामा लिया था। गत दो जून को वह जमीन पर ट्रैक्टर लेकर जोताई करने पहुंचे थे। इसी बीच जमीन गांव के ही रहने वाले कुंवर चौहान पहुंचे और पूर्वजों का शमशान बताकर विरोध करने लगे। जिसके बाद दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया और जमकर लाठी डंडे व ईट पत्थर चले। दोनों पक्षों से कई लोग घायल हुए। यही नहीं विवाद सूचना पर अयोध्या व सुलतानपुर की पुलिस भी हैरान हुई।
दोनों पक्षों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ। इसी बीच इलाज के दौरान घायल कुंवर चौहान की लखनऊ ट्रामा सेंटर मौत हो गई। मारपीट का मुकदमा हत्या की धाराओं में तब्दील हो गया। प्रदीप मामले जेल चले गए। तो वहीं विपक्षी घटना से खार खाए हुए थे और उनमें बदले की भावना जल रही थी। दूसरा लगातार बदला लेने का मौका तलाश रहा था। सोमवार जब जेल में निरूद्ध पति ने पत्नी मिलने पहुंची तो विपक्षियों ने बेटी श्रद्धा को अकेले पा कर उसे केरोसिन डालकर जिंदा ही जला दिया। तड़पती बेटी अस्पताल पहुंची तो जलन के दर्द से कराहते हुए एक एक आरोपितों का नाम लेकर आपबीती बयां कर दी।
यह भी पढ़ें : सुलतानपुर में जमीनी विवाद में केरोसिन डालकर युवती को जिंदा जलाया, बयान का वीडियो वायरल
हालांकि वह अपनी जिंदगी से ज्यादा देर तक नहीं लड़ सकी और कुछ ही घंटों में संसार से विदा हो गई। पिता जेल में है तो मां बेटी को खोने के बाद बेसुध हो गई है। पुलिस अधीक्षक शिवहरि मीणा ने बताया कि मौत से पहले दिए गए बयान व तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। आरोपितों की तलाश की जा रही है। - हुई थी मुखबिरी विपक्षियों को मानो सब कुछ पहले से ही पता हो। विवाद शुरू होने के बाद से एक भाई ननिहाल में रहरहा है। तो दूसरी बहन परीक्षा देने के लिए भी वहीं गई थी। दूसरा भाई अयोध्या स्थित अपने विद्यालय गया था। मां जेल में पिता से मिलने गई थी। यह पूरी विपक्षियों के पास थी।