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चार माह से भटक रही थी सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता, SC/ST आयोग की दखल पर मुकदमा दर्ज

चार माह पूर्व महिला के साथ 10 लोगों ने किया था दुष्कर्म। केज दर्ज करवाने के लिए दर दर भटकता रहा पीड़िता का परिवार।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 05:08 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 06:55 AM (IST)
चार माह से भटक रही थी सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता, SC/ST आयोग की दखल पर मुकदमा दर्ज
चार माह से भटक रही थी सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता, SC/ST आयोग की दखल पर मुकदमा दर्ज

सुलतानपुर, जेएनएन। कोतवाली देहात में एक युवती के साथ चाकू की नोंक पर सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। सुलह करने से मना करने पर दबंगों ने पीडि़ता समेत पूरे परिवार को लहूलुहान कर दिया। पीड़िता जब इसकी फरियाद लेकर पहुंची तो कार्रवाई करने की बजाय पुलिस आरोपितों का ही साथ देने लगी और जांच किए जाने का हवाला देकर थाने से लौटा दिया गया। थक हारकर महिला ने अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग से शिकायत की। जिसके दखल के बाद चार महीने बाद दस लोगों पर नामजद मुकदमा दर्ज किया गया। 

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यह है मामला 

पीडि़ता अपने परिवार के साथ कोतवाली देहात के एक गांव में रहती है। आठ जुलाई की रात वह नित्यक्रिया के लिए घर से बाहर निकली तो गांव के ही छठ्ठू  पुत्र श्रीनाथ व सूरज पुत्र ललित उसे मुंह दबाकर घसीट ले गए और चाकू की नोंक पर बारी-बारी दुराचार किया। अगले दिन पीडि़ता ने अपनी जेठानी के साथ थाने पहुंचकर वारदात की जानकारी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। जब इस बात की सूचना आरोपित छठ्ठू सूरज को हुई तो वे गांव के अभिमन्यु, दिलीप, बब्बन, शंकर, कन्हैयालाल, रमेश, विजय तथा बाबूलाल के साथ लाठी डंडा लेकर पहुंच गए। सभी ने पीडि़ता व उसकी जेठानी, जेठ, पति व पुत्री की जमकर पिटाई कर दी। जिससे सभी घायल हो गए। जाते-जाते धमकी दी गई कि यदि किसी को बताया तो सभी को जान से मार दिया जाएगा। मामला थाने पर पहुंचा तो विपक्षी पीडि़ता व परिजनों से सुलह करने का दबाव बनाने लगे। पुलिस की मिलीभगत से मुकदमा नहीं दर्ज हुआ।

इसकी शिकायत क्षेत्राधिकारी लंभुआ विजयमल ङ्क्षसह यादव व पुलिस अधीक्षक से किए जाने के बाद भी इंसाफ नहीं मिला। जिसके बाद इसकी शिकायत अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग से की गई। आयोग की दखल के बाद सात नवंबर को कोतवाली देहात में उक्त सभी दस आरोपितों पर सामूहिक दुराचार, दलित उत्पीडऩ सहित मारपीट व धमकी जैसे गंभीर मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया। 

क्या कहते हैं जिम्मेदार

कोतवाल शरद कुमार ने बताया कि मामला संदेहास्पद है। जांच व मेडिकल के बाद दस लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच की रही है। आरोपितों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 


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