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तहखाने में चल रहा था कॉल सेंटर, बेच रहे थे कथित शक्तिवर्धक दवाएं, भंडाफोड़

लखनऊ के राजाजीपुरम में चल रहा था कथित कॉले सेंटर 12 संदिग्ध पकड़े 15 फरार।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 09:04 AM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 04:30 PM (IST)
तहखाने में चल रहा था कॉल सेंटर, बेच रहे थे कथित शक्तिवर्धक दवाएं, भंडाफोड़
तहखाने में चल रहा था कॉल सेंटर, बेच रहे थे कथित शक्तिवर्धक दवाएं, भंडाफोड़

लखनऊ, जेएनएन। राजाजीपुरम स्थित एक मकान के तहखाने में अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ है। यहां चोरी छिपे कथित शक्तिवर्धक दवाएं बेचने का धंधा किया जा रहा था। फोन करके लोगों को झांसे में लिया जाता था। मंगलवार रात तालकटोरा पुलिस ने जब छापा मारा तो 12 युवकों को दबोच लिया। 15 से ज्यादा नाला और छत कूदकर फरार हो गए। हिरासत में लिए गए युवकों में सात मुंबई के, तीन मेघालय और एक बेंगलुरु का है। तहखाने से बड़ी संख्या में लैपटॉप, फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए हैं।

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एडीसीपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक मंगलवार देर रात पुलिस टीम गश्त कर रही थी। सी ब्लॉक सेक्टर सात स्थित ललित श्रीवास्तव के मकान का मुख्य गेट खुला था। यह देख पुलिस की गाड़ी रुक गई। शक होने पर पुलिस टीम मकान के भीतर दाखिल हुई तो वहां 25 से 30 युवक मौजूद मिले। पुलिस को देखते ही वहां अफरातफरी मच गई। युवक भागने की कोशिश करने लगे, इस पर पुलिस ने गेट बंद कर दिया। फिर भी 15 लोग वहां से फरार हो गए। संबंधित खबर 8

 

इंटरनेट कॉल कर बेचते थे दवाएं

पूछताछ में पकड़े गए युवकों ने दवाओं का ऑनलाइन व्यापार करने की बात बताई है। हालांकि कागज मांगने पर वह कुछ भी नहीं दिखा सके। अवैध कॉल सेंटर के माध्यम से लोगों को इंटरनेट कॉल किया जाता था और उनसे संपर्क कर दवाओं की कालाबाजारी होती थी।

सामने आई लापरवाही 

राजाजीपुरम स्थित एक मकान के तहखाने में अवैध कॉल सेंटर के भंडाफोड़ मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। पकड़े गए 12 संदिग्ध युवकों से पूछताछ करने बुधवार को पूरे दिन कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। मकान के नीचे बेसमेंट में एक ऑफिस बनाया गया था। बुधवार शाम तक उस तहखाने को भी पुलिस ने खोलकर जांच करना मुनासिब नहीं समझा। देर शाम पुलिस तहखाने का दरवाजा तोड़कर भीतर दाखिल हुई तो भीतर का नजारा देखकर चौंक गई।

 

आपत्तिजनक वस्तु भी बरामद: दो मंजिला कमरे को मकान मालिक ललित श्रीवास्तव ने किराये पर दिया था। ललित ने पुलिस को बताया है कि उनके परिचित तालकटोरा निवासी फैजी ने मकान को किराए पर देने की सिफारिश की थी। फैजी के कहने पर ही उन्होंने मकान रेंट पर उठाया था। इसके एवज में उन्हें करीब 42 हजार रुपये मिलते थे। मकान के प्रथम और दूसरे तल पर लड़के रहते थे, जबकि बेसमेंट में कॉल सेंटर बनाया गया था। मकान की तलाशी लेने पर कमरों में आपत्तिजनक सामान भी मिले। चारों तरफ शराब की बोतलें पड़ी थीं। फैजी ने मकान किसको दिलाया था और इन सबके पीछे कौन लोग शामिल हैं? इसके बारे में पुलिस पता लगा रही है।

पड़ोस के मकान में भी रहते थे युवक-युवतियां, फरार: अवैध कॉल सेंटर में कई लड़कियां भी काम करती थीं, जो पड़ोस के मकान में किराये पर रह रही थीं। पुलिस की लापरवाही के चलते बुधवार को दिन में कई लड़कियां और लड़के अपना सामान पैक कर वहां से भाग निकले। जानकारी के बावजूद पुलिस ने उनसे पूछताछ करना मुनासिब नहीं समझा। 

नाले में कूद गए संदिग्ध युवक

मकान का मुख्य गेट बंद होने के बाद एक-एक कर तकरीबन 15 संदिग्ध युवक पड़ोसियों की छतों पर चढ़ गए। पुलिस ने किसी तरह 12 युवकों को पकड़कर एक कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद अन्य को पकड़ने छत पर पहुंची। पुलिसकर्मियों को देखकर संदिग्ध युवकों ने पड़ोस में स्थित नाले में छलांग लगा दी। अंधेरा और पुलिस बल की कमी का फायदा उठाकर ये युवक वहां से भाग निकले। इसके बाद पुलिस कमरे में बंद 12 युवकों को तालकटोरा थाने लेकर गई। पकड़े गए युवकों वांगमरे हाउस, वेली पाड़ा निवासी फरहान, अंधेरी मनाली मुंबई निवासी मेहराम, शहनवाज, आसिफ शेख, परवेज, सैय्यद वाकर अब्बास, महमूद शेख और मामिन, मेघालय निवासी इमरामुल हुसैन, तीरन थापा और सौमिन्थ तथा बेंगलुरू निवासी उमर से पुलिस पूछताछ कर रही है।


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