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कैबिनेट फैसले : चलचित्र नियमावली में बदलाव से सिनेमाघर निर्माण में सहूलियत

कैबिनेट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश चलचित्र नियमावली, 1951 संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे नये सिनेमाघरों के निर्माण में सहूलियत होगी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 16 Mar 2018 08:18 PM (IST)Updated: Fri, 16 Mar 2018 11:13 PM (IST)
कैबिनेट फैसले : चलचित्र नियमावली में बदलाव से सिनेमाघर निर्माण में सहूलियत
कैबिनेट फैसले : चलचित्र नियमावली में बदलाव से सिनेमाघर निर्माण में सहूलियत

लखनऊ (जेएनएन)। कैबिनेट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश चलचित्र नियमावली, 1951 संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे नये सिनेमाघरों के निर्माण में सहूलियत होगी। साथ ही संचालन और लाइसेंस प्रणाली में भी सरलीकरण होगा। इस फैसले के क्रियान्वित होने पर सक्षम प्राधिकरण के अनापत्ति के बाद डीएम को लाइसेंस देने का अधिकार होगा। यह लाइसेंस अब तीन वर्ष की बजाय पांच वर्ष के लिए होगा। कैबिनेट ने प्रदेश की करीब 67 वर्ष पुरानी चलचित्र नियमावली में बदलाव किया है। सिनेमा निर्माण के संबंध में अप्रासंगिक तथा पुराने नियमों को समाप्त कर नवीनतम तकनीक, भवन निर्माण एवं विकास उपविधियों एवं सिनेमा के लाइसेंसिंग एवं निर्माण की प्रक्रिया को सरलीकरण करने, लाइसेंस के लिए आवेदन जारी करने की प्रक्रिया ऑनलाइन करने के साथ ही समयबद्ध किया गया है। 

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ऑनलाइन लाइसेंस मिलेगा

अब एक महीने में ऑनलाइन लाइसेंस मिलेगा। एक खास बदलाव यह भी हुआ है कि अभी तक आवेदक को दो स्तर पर निर्माण से संबंधित अनुमति लेनी पड़ती थी। अब सिनेमाघरों के निर्माण की प्रक्रिया को पूर्ण रूप से निर्माण प्रदान करने वाली एजेंसी (सक्षम प्राधिकरण) में ही निहित कर दी गई है। निर्माण पूर्ण होने के उपरांत सक्षम प्राधिकारी के अनापत्ति प्रमाण पत्र के आधार पर डीएम को लाइसेंस प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया है। अब सिनेमाघर, मल्टीप्लेक्स को एक बार में अधिकतम तीन वर्ष के स्थान पर पांच वर्ष के लिए लाइसेंस स्वीकृत करने का अधिकार दिया गया है। आधुनिक तकनीक के विस्तार को देखते हुए सिनेमाघर, मल्टीप्लेक्स के निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थल से निर्धारित परिधि के अंदर बोर्ड आफ रेवेन्यू, राज्य लोक सेवा आयोग, शिक्षण संस्थान, चिकित्सालय न होने की बाध्यता को भी समाप्त कर दिया गया है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य के दृष्टिगत लाइसेंस शुल्क की धनराशि में वृद्धि की गई है। 

कैलास मानसरोवर भवन निर्माण की पुनरीक्षित लागत 15 करोड़ बढ़ी 

कैबिनेट ने गाजियाबाद में बनने वाले कैलास मानसरोवर यात्रा भवन के निर्माण की पुनरीक्षित लागत को मंजूरी दी है। इसके निर्माण के लिए पहले प्रस्तावित लागत 42 करोड़ 93 लाख 59 हजार थी, लेकिन उच्च विशिष्टियों का प्रयोग करने तथा कई नए निर्माण प्रस्तावित होने से इस भवन की संशोधित लागत 57 करोड़ 99 लाख 56 हजार रुपये प्रस्तावित की गई है। इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। यह 15 करोड़ पांच लाख 97 हजार रुपये की वृद्धि है। कैलास मानसरोवर यात्रा भवन के लिए अब गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा गाजियाबाद के इंदिरापुरम शक्ति खंड चार में नौ हजार वर्ग मीटर भूमि उपलब्ध कराई गई है। इस भवन के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। 

कुंभ मेला के अस्थायी कार्यों के निर्माण को दिये पांच अरब 

इलाहाबाद में गंगा, यमुना, सरस्वती के संगम पर प्रतिवर्ष माघ मेला आयोजित होता है। कुंभ मेले में अस्थायी कार्यों के निर्माण के लिए कैबिनेट ने पांच हजार लाख रुपये स्वीकृत किये हैं। कुंभ मेला में लगभग 60 लाख की संख्या में एक माह से अधिक समय तक श्रद्धालु कल्पवास करते हैं और देश-विदेश के तीर्थ यात्री वहां स्नान के लिए जाते हैं। कुंभ मेला-2019 के अस्थायी कार्यों के लिए व्यय वित्त समिति की बैठक में प्रस्तावित लागत 32146.78 लाख के सापेक्ष 21612.57 लाख की लागत को कैबिनेट ने अनुमोदित किया है।  मंडलायुक्त इलाहाबाद द्वारा अस्थायी कार्यों के लिए अनुमोदित लागत 21612.57 लाख के सापेक्ष पांच हजार लाख रुपये की स्वीकृति करने की अपेक्षा की गई थी। कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है। 

हवाई अड्डों के निर्माण और विस्तार के फैसले को सीएम अधिकृत 

कैबिनेट ने चौधरी चरण सिंह अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लखनऊ के विकास और विस्तार, बरेली के सिविल एन्क्लेव और इलाहाबाद स्थित एयरपोर्ट पर सिविल एन्क्लेव निर्माण के संदर्भ में फैसलों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अधिकृत किया है। इन तीनों में कई कार्य लंबित हैं और उसका फैसला किया जाना है। मसलन लखनऊ में भूमि क्रय किये जाने, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से ली जाने वाली भूमि की रजिस्ट्री और भूउपयोग का परिवर्तन किया जाना है। बरेली सिविल एन्क्लेव के निर्माण के लिए 25 एकड़ के स्थान पर 43.144 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को दिया जाना है। इसके लिए अभी 7.183 एकड़ भूमि क्रय के लिए बची है। इसके लिए आठ करोड़ 21 लाख 95600 रुपये की प्रशासकीय और वित्तीय अनुमोदन दिया है। भारतीय वायु सेना की बाउंड्री के मध्य स्थिति सिंचाई विभाग की भूमि को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को नि:शुल्क हस्तांतरित किये जाने, वर्तमान में परिवर्तित भूमि की आवश्यकता एमओयू में संशोधन किये जाने तथा सिविल एन्क्लेव बरेली के संबंध में भविष्य में आवश्यकता अनुसार फैसले के लिए कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। 

उच्च न्यायालय के रेनोवेशन का प्रस्ताव मंजूर 

उच्च न्यायालय इलाहाबाद के रेनोवेशन में उच्च विशिष्टियों के प्रयोग के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद के उत्तरी ब्लाक में स्थित आफिस एवं रिकार्ड रूम को परिवर्तित करके न्यायमूर्तिगण के लिए चैंबर बनाये जाने हैं। इसके अलावा उच्च न्यायालय इलाहाबाद के विस्तार के लिए न्यायालय परिसर में 30 न्यायालय कक्ष और 20 चेंबर निर्माण कार्य के लिए राजकीय निर्माण निगम ने उच्च विशिष्टियों के प्रयोग के लिए अनुमोदन मांगा था। कैबिनेट ने टफेन ग्लास, ग्रेनाइड स्टोन, लैमीनेटेड वुडेन फ्लोरिंग, वाल पैनेलिंग, फाल्स सीलिंग आदि के प्रयोग के लिए कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। 


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