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कैबिनेट फैसले : गोरखपुर में स्थापित होगा गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ

सीएम योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में संस्कृति विभाग की मदद से गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ की स्थापना होगी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 09:06 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 09:06 PM (IST)
कैबिनेट फैसले : गोरखपुर में स्थापित होगा गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ
कैबिनेट फैसले : गोरखपुर में स्थापित होगा गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ

लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ की स्थापना होगी। वहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में संस्कृति विभाग की मदद से स्थापित होने वाली पीठ को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। महाराणा प्रताप महाविद्यालय से लगे विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय के पुराने भवन के  ध्वस्तीकरण के बाद 13.83 करोड़ रुपये की लागत से नया भवन बनेगा। ध्वस्तीकरण की लागत 1.18 करोड़ रुपये होगी।गोरखपुर गुरु गोरखनाथ की कर्मभूमि और तपोभूमि रहा है। वहां का गोरखनाथ मंदिर नाथ पंथ का मुख्यालय माना जाता है। योगी आदित्यनाथ इस पीठ के पीठाधीश्वर भी हैं। लंबे समय से विश्वविद्यालय में गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ की स्थापना की मांग होती रही है। 

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मल्टीप्लेक्स को जीएसटी से रियायत

राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघरों के टिकटों पर ली जाने वाली जीएसटी का अपना हिस्सा राज्य सरकार इनके मालिकों को वापस करेगी। 100 रुपये तक के टिकट पर जीएसटी की दर 18 फीसद और इससे अधिक रकम के टिकट पर जीएसटी की दर 28 फीसद है। इसमें प्रदेश सरकार का हिस्सा आधा होता है। वैट के समय सिनेमाघरों के लिए लागू प्रोत्साहन योजना जीएसटी लागू होने के बाद समाप्त हो गई थी। इसी वजह से सरकार ने अब मल्टीप्लेक्स व सिनेमाघरों को राहत देने के लिए एसजीएसटी में छूट की व्यवस्था की है। एसजीएसटी की रकम वापसी एक जुलाई, 2017 की उसी तारीख से लागू होगी, जिस तारीख से प्रदेश में जीएसटी लागू हुआ था। यह व्यवस्था 30 जून, 2020 तक रहेगी। हाल के वर्षों में सिनेमा घरों की स्थिति बदतर हुई है। कई सिनेमा घर बंद होकर मॉल या शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में तब्दील हो गए। इसी तरह मल्टीप्लेक्स भी समस्या का सामना कर रहे हैं। इनको प्रोत्साहन देने के लिए कैबिनेट ने एसजीएसटी के प्रतिपूर्ति की रियायत दी है।

गन्ने की खोई से ग्रीन फ्यूल

राज्य सरकार की मंशा आने वाले वर्षों में वैकल्पिक ऊर्जा के मामले में प्रदेश को नंबर वन बनाना है। इसके लिए जैव और सौर ऊर्जा पर खासा जोर है। इसी क्रम में दिल्ली स्थित मेसर्स सनलाइट फ्यूल कंपनी सीतापुर में 1550.70 करोड़ रुपये की लागत से ग्रीन फ्यूल प्लांट लगाएगी। कंपनी 500 मीट्रिक टन गन्ने की खोई और अन्य फसल अवशेषों का प्रयोग कर साल भर में 1.75 लाख लीटर ग्रीन फ्यूल बनाएगी। कैबिनेट में मंजूरी के तहत कंपनी को स्टैंप ड्यूटी और निवेश पर 15 फीसद या अधिकतम 150 करोड़ रुपये की छूट मिलेगी। 10 वर्षों तक कंपनी की जीएसटी की प्रतिपूर्ति सरकार करेगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि शुरुआत अच्छी है। उम्मीद है कि सरकार से मिल रहे प्रोत्साहन के कारण आगे और कंपनियां भी जैव ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश करें।


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