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सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के निवेश को मिलेगा विशेष प्रोत्साहन

राज्य सरकार ने उप्र एयरोस्पेस व रक्षा विनिर्माण नीति, 2018 के जरिये प्रदेश में रक्षा उपकरण निर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए प्रोत्साहनों की जमीन तैयार की है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 03 Jul 2018 08:02 PM (IST)Updated: Wed, 04 Jul 2018 08:26 AM (IST)
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के निवेश को मिलेगा विशेष प्रोत्साहन
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के निवेश को मिलेगा विशेष प्रोत्साहन

लखनऊ (जेएनएन)। निवेश जुटाने और उसके जरिये रोजगार मुहैया कराने की मुहिम में जुटी राज्य सरकार ने उप्र एयरोस्पेस व रक्षा विनिर्माण नीति, 2018 के जरिये प्रदेश में एयरोस्पेस और रक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की इकाइयों की स्थापना के लिए विभिन्न प्रोत्साहनों की जमीन तैयार की है। इसके तहत रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक, मेगा एवं एंकर इकाइयों को आकर्षित किया जा रहा है। प्लग व प्ले सुविधाओं से सुसज्जित निजी डिफेंस पार्कों के विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इसके लिए पूर्वांचल और बुंदेलखंड को खास तरजीह दी गई है।

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भूमि क्रय के लागत की 25 फीसद तक होगी प्रतिपूर्ति

नई नीति में यह स्पष्ट किया गया है कि मेगा एंकर एवं एंकर इकाइयों को डिफेंस कॉरीडोर में भूमि की प्रचलित सर्किल दर या क्रय मूल्य में से जो भी कम, की लागत के 25 प्रतिशत तक की प्रतिपूर्ति की जाएगी। राज्य सरकार ने इसके लिए शर्त रखी है कि डिफेंस कॉरीडोर के लिए अधिसूचित क्षेत्र में भूमि के क्रय करने पर ही प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा। 

परिवहन के लिए भी विशेष छूट

आयातित उपकरणों, प्लांट मशीनरी को लॉजिस्टिक पार्क, ट्रांसपोर्ट हब, हार्बर, पोर्ट से उत्पादन स्थल तक ले जाने पर 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसकी अधिकतम सीमा दो करोड़ रुपये प्रतिवर्ष होगी। यह छूट उन इकाइयों के लिए लागू होगी जिनकी परियोजना का अनुबंध मूल्य 50 करोड़ से अधिक है। वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने से पांच साल तक की अवधि के लिए तैयार माल की लॉजिस्टिक्स पार्क/बंदरगाह तक ढुलाई पर आने वाले खर्च का 30 प्रतिशत ट्रांसफर सब्सिडी के तौर पर दिया जाएगा जिसकी अधिकतम सीमा एक करोड़ रुपये होगी।। यह शुरू के पहले वर्ष से लेकर पांच वर्ष तक की अवधि के लिए प्रभावी होगा। 

प्रोद्योगिकी हस्तांतरण के लागत की 75 प्रतिशत प्रतिपूर्ति : मेगा एंकर एवं एंकर इकाइयों के लिए प्रथम पांच विक्रेताओं को 50 लाख की सीमा तक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की लागत की 75 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति तथा फिर 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति अगले पांच विक्रेताओं के लिए की जाएगी। ईटीपी की स्थापना में मेगा एंकर एवं एंकर इकाइयों को लागत के 20 फीसद की आपूर्ति होगी। इसकी अधिकतम सीमा एक करोड़ रुपये होगी। इकाइयों को अनुसंधान सुविधाओं का उपयोग करने के लिए भुगतान किये गए शुल्क के 50 फीसद की प्रतिपूर्ति की जाएगी जिसकी अधिकतम सीमा पांच लाख तक होगी। सभी इकाइयों को देय प्रतिपूर्ति की वार्षिक अधिकतम सीमा दो करोड़ रुपये होगी। 

अनुसंधान के कर्ज के ब्याज की भी होगी प्रतिपूर्ति : सरकार डिफेंस कॉरीडोर के अधिसूचित क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास या परीक्षण सुविधा की स्थापना के लिए लिये गए कर्ज पर प्रतिवर्ष 50 प्रतिशत की दर से पांच वर्ष हेतु ब्याज की प्रतिपूर्ति करेगी। प्रति इकाई अधिकतम दो करोड़ रुपये की सुविधा मिल सकेगी।

पेटेंट शुल्क की भी होगी पूर्ति : सरकार ने पेटेंट कराने के लिए भी सहूलियत देने की नीति बनाई है। घरेलू पेटेंट पर सौ प्रतिशत और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट पर शुल्क में 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति होगी। अधिकतम प्रति इकाई 25 लाख और वार्षिक एक करोड़ रुपये तक सीमा होगी। गुणवत्ता प्रमाणन शुल्क का 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति होगी और प्रति प्रमाणन अधिकतम दो लाख रुपये सीमा होगी। ट्रेडमार्क पंजीकरण के आवेदन शुल्क की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति सरकार करेगी। 

स्टाम्प ड्यूटी में भी छूट : सरकार ने बुंदेलखंड और पूर्वांचल के लिए स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत, मध्यांचल और पश्चिमांचल के लिए 75 प्रतिशत तथा गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद के लिए 50 प्रतिशत छूट मिलेगी।

एसजीएसटी प्रतिपूर्ति : सूक्ष्म, लघु और मध्यम इकाइयों को एसजीएसटी में सात वर्ष तक 70 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति। पांच करोड़ से अधिक की वृहद इकाइयों को दस वर्ष तक 70 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति। मेगा इकाइयों को पूर्वांचल और बुंदेलखंड में 20 वर्ष, मध्यांचल क्षेत्र में 15 वर्ष तथा पश्मिांचल में 12 वर्ष तक 70 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जाएगी। 

पूंजीगत ब्याज में छूट

पूंजीगत ब्याज में पांच प्रतिशत छूट पांच वर्षों तक मिलेगी जिसकी अधिकतम सीमा पांच करोड़ रुपये प्रतिवर्ष होगी। अवस्थापना पर भी पांच प्रतिशत छूट मिलेगी जिसकी अधिकतम सीमा दो करोड़ रुपये प्रतिवर्ष होगी। औद्योगिक अनुसंधान के लिए पांच प्रतिशत पांच वर्षों के लिए छूट मिलेगी जिसकी अधिकतम सीमा एक करोड़ रुपये होगी। नई लॉजिस्टिक इकाइयों को दस वर्ष की अवधि के लिए 100 प्रतिशत छूट मिलेगी। 

पात्रता के लिए निर्धारित मानदंड

मेगा एंकर इकाइयां : ऐसी ओरिजिनल इक्यूपमेंट मैन्युफैक्चरिंग इकाई जो एक हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश करे। रक्षा और गृह मंत्रालय से लेकर विदेश में उनके समकक्ष अधिकृत संस्था, सिविल एयरोस्पेस निर्माता, आपूर्तिकर्ता अथवा एमआरओ इकाई को अपने तैयार उत्पादों के मूल्य के न्यूनतम 25 प्रतिशत की आपूर्ति करता हो या न्यूनतम 50 करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादों की पूर्ति के आदेश हों। 

एंकर इकाइयां : ओरिजिनल इक्यूपमेंट मैन्युफैक्चङ्क्षरग इकाई जो बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्र में दो करोड़ रुपये से अधिक निवेश और न्यूनतम एक हजार प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन। मध्यांचल और पश्चिमांचल (गौतमबुद्धनगर अैर गाजियाबाद को छोड़कर) तीन हजार करोड़ से अधिक निवेश और न्यूनतम 1500 प्रत्यक्ष रोजगार सृजन। गौतमबुद्ध और गाजियाबाद के लिए 400 करोड़ से अधिक निवेश और न्यूनतम दो हजार प्रत्यक्ष रोजगार सृजन। एंकर इकाइयों को अपने तैयार उत्पादों के मूल्य के न्यूनतम 25 प्रतिशत की आपूर्ति या न्यूनतम 30 करोड़ के रक्षा उत्पादों की पूर्ति के आदेश हों। विनिर्माण के बाद टर्नओवर का न्यूनतम 50 प्रतिशत अंश मेगा एंकर तथा एयरोस्पेस इकाई अथवा अन्य एंकर। 

सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा इकाइयां : रक्षा मंत्रालय के अधीन केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम। इनके अलावा वेंडर इकाइयां और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों के लिए भी पैमाना निर्धारित किया गया है।

प्रोत्साहन के कुछ और खास आकर्षण 

  • निजी रक्षा तथा एयरोस्पेस पार्क के निर्माण क्षेत्र मसलन कम्पोनेंट्स, सब-कम्पोनेंट्स, सब एसम्बेलीस, एयरोस्पेस पाट्र्स एवं परीक्षण केंद्र, हार्डवेयर, प्रोद्योगिकी नवाचार केंद्र, हाऊसिंग एंड कॉमन सुविधा केंद्रों के लिए इन पार्कों में प्लग एंड प्ले औद्योगिक बुनियादी ढांचा प्रदान करने की सुविधा मिलेगी।
  • निजी रक्षा तथा एयरोस्पेस पार्क के भूमि क्रय करने के लिए कर्ज पर आने वाले ब्याज पर 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति सात वर्षों के लिए होगी। अवस्थापना सुविधा के विकास के लिए कर्ज के ब्याज पर 60 फीसद प्रतिपूर्ति अधिकतम सात वर्ष और कामन प्रौद्योगिकी, नर्व प्रवर्तन केंद्र और प्रशिक्षण केंद्र के निर्माण के लिए कर्ज के ब्याज पर 60 फीसद प्रतिपूर्ति सात वर्ष के लिए मिलेगी। स्टांप ड्यूटी में भी सौ प्रतिशत छूट मिलेगी और पार्क में स्थापित प्रत्येक पहली इकाई को 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी। मुख्य सचिव ने बताया कि रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाइयों की स्थापना के लिए सरकार विशेष प्रोत्साहन देगी। केस टू केस प्रोत्साहन मिलेगा। 

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