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कैबिनेट फैसले : विधान मंडल का बजट सत्र आठ फरवरी से 20 मार्च तक

उत्तर प्रदेश विधान मंडल का बजट सत्र आठ फरवरी से शुरू होकर 20 मार्च तक चलेगा। मंगलवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 23 Jan 2018 09:53 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jan 2018 09:53 PM (IST)
कैबिनेट फैसले : विधान मंडल का बजट सत्र आठ फरवरी से 20 मार्च तक
कैबिनेट फैसले : विधान मंडल का बजट सत्र आठ फरवरी से 20 मार्च तक

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश विधान मंडल का बजट सत्र आठ फरवरी से शुरू होकर 20 मार्च तक चलेगा। मंगलवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव  पर मुहर लगा दी। बजट सत्र होने की वजह से यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इस सत्र में बजट आयेगा, जिसके बारे में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी जानकारी देगी। यही कमेटी बजट की तारीख भी तय करेगी। उल्लेखनीय है कि सत्र के दौरान ही 20 और 21 फरवरी को इंवेस्टर समिट का प्रदेश में आयोजन हो रहा है। इस वजह से भी सत्र का संचलन प्रभावित रहेगा जबकि इस बीच होली का भी त्यौहार है। इस बाबत पूछे जाने पर प्रवक्ता का कहना था कि बीच में कब-कब सदन नहीं चलेगा यह व्यवस्था संबंधित समिति तय करेगी। 

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सहकारी समिति में एमडी कर सकेंगे निलंबन

उप्र सहकारी समिति अधिनियम 1965 की धारा 29 और 31 में संशोधन के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इस संशोधन के जरिये कार्यकाल खत्म होने के बाद सहकारी समितियों का अधिकार एमडी को मिल जाएगा और कर्मचारियों के निलंबन, तबादला और अनुशासनिक कार्रवाई के लिए भी अधिकृत हो जाएंगे। कैबिनेट में कुछ हेरफेर के साथ यह प्रस्ताव दोबारा रखा गया जिसे पहले भी पारित किया जा चुका है। यह अध्यादेश विधान सभा में पारित हो चुका था लेकिन विधान परिषद ने इसे प्रवर समिति को सौंप दिया था। दोबारा इस पर अध्यादेश लाने की तैयारी है। इसके जरिये अगर न्याय पंचायत में समिति का कार्यकाल समाप्त हो गया तो उसका नियंत्रण जिला स्तर और जिले की समिति का समाप्त हो गया तो उसे स्टेट स्तर पर नियंत्रित करने की व्यवस्था रहेगी। इसमें प्रबंध निदेशक को अधिकार संपन्न बनाया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1965 में संशोधन 

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का कहना था कि इस अधिनियम के तहत गठित सहकारी समितियां किसानों को कृषि निवेश और अल्पकालीन व दीर्घकालीन कर्ज की सुविधा उपलब्ध कराकर कृषि उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करती हैं। सहकारी समितियों का कार्य प्रबंध समिति के  विद्यमान न रहने या समय पर सदस्यों के निर्वाचित न होने से बाधित होता है। अत: 'उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1965 में संशोधन कर यह व्यवस्था की गई है कि सहकारी समितियों की प्रबंध समिति के सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने से पहले यदि निर्वाचित नहीं होते हैं या निर्वाचित नहीं किए जा सके तो ऐसी प्रबंध समिति का अस्तित्व अपनी अवधि निकलते ही समाप्त हो जाएगा। सहकारी समितियों के प्रबंधन के लिए निबंधक द्वारा एक अंतरिम प्रबंध समिति नियुक्त की जाएगी जो अपने गठन के छह माह या प्रबंध समिति के चुनाव के पश्चात समाप्त हो जाएगी। 

होमगार्ड मंडलीय प्रशिक्षण केंद्र की बढ़ी लागत को मंजूरी

कैबिनेट ने लखनऊ में मंडलीय होमगार्ड प्रशिक्षण केंद्र के निर्माण लागत की वृद्धि को मंजूरी दे दी है। पहले इसकी लागत करीब दस करोड़ रुपये थी लेकिन, नए प्रस्ताव में यह बढ़कर 11 करोड़ 40 लाख हो गया है। कैबिनेट ने इसका अनुमोदन कर दिया। 

सचिवालय पुस्तकालय के लिए नए पद सृजित 

कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश सचिवालय प्रलेखीकरण केंद्र एवं पुस्तकालय सेवा नियमावली 2017 को मंजूरी दे दी है। 2008 में वेतन समिति और उसके पहले सचिव और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनी थी। 30 अप्रैल 1998 के जरिये इस केंद्र के लिये 23 पद सृजित किये गए थे। सरकार ने इसे समाप्त कर 15 नए टेक्निकल पद सृजित किये जाने का फैसला किया है। इससे डिप्लोमा होल्डर को मौका मिलेगा। दरअसल, कमेटी ने टेक्निकल पद का सुझाव दिया था ताकि रख रखाव बेहतर हो सके। सिद्धार्थनाथ ने कहा कि पद समाप्त होने से किसी की नौकरी नहीं जाएगी बल्कि उन्हें अन्यत्र समायोजित किया जाएगा। 


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