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UP Cabinet Decision: प्रधानमंत्री फसल बीमा व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा को मंजूरी

लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी योगी सरकार ने अधिसूचना जारी होने से पहले हर वर्ग को साधने की पहल की है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 09 Mar 2019 12:39 AM (IST)Updated: Sat, 09 Mar 2019 10:09 AM (IST)
UP Cabinet Decision: प्रधानमंत्री फसल बीमा व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा को मंजूरी
UP Cabinet Decision: प्रधानमंत्री फसल बीमा व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा को मंजूरी

लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी योगी आदित्यनाथ सरकार ने अधिसूचना जारी होने से पहले हर वर्ग को साधने की पहल की है। कल रात कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा व पुनर्गठित फसल बीमा के साथ बेसिक शिक्षा विभाग में मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) योजनान्तर्गत जिलों में कार्यरत रसोइयों/कुक-कम-हेल्पर का मानदेय पांच सौ रुपये बढ़ाने का फैसला किया है। पहले रसोइयों को एक हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलते थे लेकिन, अब इसमें पांच सौ रुपये की वृद्धि कर 1500 रुपये कर दिया गया है। 

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लोकभवन में कल देर रात संपन्न योगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट की बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रसोइयों का मानदेय पांच सौ रुपये बढ़ाने की घोषणा की थी। उनकी घोषणा के 24 घंटे में ही कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। यह धनराशि अब सीधे रसोइयों के खाते में जाएगी और इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी। 

आशा बहुओं के मानदेय में 750 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि 

कैबिनेट ने राज्य बजट से आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में 750 रुपये वृद्धि के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। 

प्रधानमंत्री व पुनगर्ठित मौसम आधारित फसल बीमा को मंजूरी

कैबिनेट ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा पुनगर्ठित मौसम आधारित फसल बीमा को प्रदेश में लागू करने को मंजूरी दे दी है। किसानों को राहत के लिए इन योजनाओं को 2019-20 व इसके बाद के वर्षों के लिए खरीफ व रबी के मौसम में लागू किया जाएगा। योजना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, रोगों या कृमियों से फसल नष्ट होने जैसे रोके न जाने सकने वाले अन्य जोखिमों की स्थिति में बीमा कराने वाले किसानों को बीमा कवर के तौर पर वित्तीय सहायता प्रदान करना है। अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल के लिए ऋण लेने वाले सभी किसान अनिवार्य आधार पर और ऋण न लेने वाले किसान स्वैच्छिक तौर पर योजना में शामिल हो सकेंगे। खरीफ मौसम में धान, ज्वार बाजरा, मक्का, उरद, मूंग, अरहर, तिल, सोयाबीन व मूंगफली और रबी के मौसम में गेहूं, जौ, चना, मटर, मसूर, लाही-सरसों, आलू व अलसी को ग्राम पंचायत स्तर पर बीमित किया जाएगा। प्रतिकूल मौसम के कारण फसल की बुवाई न हो पाने या असफल बुवाई की स्थिति में बीमित किसानों को योजना के तहत 25 फीसद तक तुरंत क्षतिपूर्ति का प्राविधान है। इसी तरह कम बारिश, बेमौसम या अधिक बारिश, पाला, कम व अधिक तापमान व आद्र्रता जैसी प्रतिकूल स्थितियों के कारण अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल नष्ट होने की आशंका को देखते हुए पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना शुरू की जाएगी।

जिलों में बनेंगे मौसम केंद्र

मौसम की वास्तविक स्थिति के आकलन के लिए जिलों में अधिसूचित ब्लॉक में दो स्वचालित मौसम केंद्र की स्थापना को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। यह केंद्र बीमा कंपनी द्वारा केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक स्वतंत्र एजेंसी के जरिए की जाएगी। मौसम केंद्र पर उपलब्ध मौसम के प्रतिदिन के आंकड़ों के आधार पर फसल की संभावित क्षति का आकलन किया जाएगा।

सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए लीज पर दी जा सकेगी कृषि भूमि

प्रदेश में कृषि योग्य भूमि खेती और सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए पट्टे पर दी जा सकेगी। इसके लिए कैबिनेट ने उप्र राजस्व संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2019 के प्रारूप पर मुहर लगा दी है। अध्यादेश के जरिये उप्र राजस्व संहिता की कई धाराओं में संशोधन किया गया है। धारा-94 व 95 में संशोधन से कृषि योग्य जमीनों को पट्टे पर दिये जाने से कृषि को बढ़ावा मिलेगा, वहीं सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भी भूमि मिल सकेगी। इससे प्रदेश में बिजली उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। 

कृषि विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को सातवां वेतनमान

सरकार ने कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और समकक्षीय संवर्ग को सातवां वेतनमान देने का फैसला किया है। शुक्रवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब राज्य कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और समकक्षीय संवर्ग को सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के आधार पर पुनरीक्षित वेतनमान दिया जाएगा। राज्य कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालयों कानपुर, फैजाबाद, मेरठ, बांदा के शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग की संस्तुति एक जनवरी 2016 से प्रभावी की गई है। एक फरवरी 2019 से पुनरीक्षित वेतनमान का नकद भुगतान किया जाएगा। सातवें वेतन आयोग की संस्तुति लागू किये जाने के फलस्वरूप एक जनवरी 2016 से 31 मार्च 2019 तक की 50 प्रतिशत अनुमानित व्यय भर करीब 24 करोड़ रुपये भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा वहन किया जाएगा। 

कृषि विवि में नरेंद्र देव के नाम के पहले जुड़ेगा आचार्य

नरेंद्र देव कृषि एवं औद्योगिक विश्वविद्यालय, फैजाबाद के नाम में बदलाव किया जाएगा। फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या किये जाने के बाद कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग ने विश्वविद्यालय के नाम में भी बदलाव का प्रस्ताव दिया जिसे कैबिनेट ने मंजूर कर लिया। कुलपति की नियुक्ति के लिए पैनल में भी बदलाव होगा।कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय अधिनियम-1958 के संशोधन को मंजूरी दे दी है। अब नरेंद्र देव कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फैजाबाद के नाम के आगे आचार्य शब्द जुड़ेगा। इसके अलावा फैजाबाद की जगह अयोध्या होगा। इस तरह अब विश्वविद्यालय का नाम आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या होगा। अध्यापक की परिभाषा में परिवर्तन करते हुए नई व्यवस्था में कुलपति पद पर नियुक्ति के लिए तीन नामों के पैनल नामित करने के लिए मौजूदा समिति में भी बदलाव होगा। 

मानदेय पर संस्कृत विद्यालयों में पढ़ायेंगे सेवानिवृत्त शिक्षक 

सरकार ने तय किया है कि संस्कृति विद्यालयों मेें (प्रथमा से उत्तर मध्यमा तक) मानदेय पर सेवानिवृत्त शिक्षक पढ़ायेंगे। सरकार 70 वर्ष तक के रिटायर शिक्षकों को यह अवसर देगी। सेवानिवृत्त ऐसे शिक्षकों को प्रतिमाह 15 हजार रुपये मानदेय दिए जाएंगे।

बलिया में गंगा नदी पर सेतु पहुंच मार्ग के लिए छह अरब की स्वीकृति 

कैबिनेट ने बलिया जिले में गंगा नदी पर सेतु पहुंच मार्ग, अतिरिक्त पहुंच मार्ग के निर्माण के लिए छह अरब चालीस करोड़ 91 लाख 54 हजार रुपये के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। लोक निर्माण विभाग ने यह प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष भेजा था। राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक राज्य योजना के तहत बलिया जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-31 से शिवपुर दियरी नंबरी मार्ग पर श्रीरामपुर घाट पर गंगा नदी पर सेतु पहुंच मार्ग, अतिरिक्त पहुंच मार्ग एवं सुरक्षात्मक कार्य के लिए द्वितीय पुनरीक्षित लागत छह अरब 40 करोड़ 91 लाख 54 हजार रुपये प्लस जीएसटी की स्वीकृति दे दी है। 

गढ़ाकौला में बनेगा निराला स्मृति भवन 

कैबिनेट ने उन्नाव जिले के गढ़ाकोला में महाकवि पंडित सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की स्मृतियों को मुकाम देने का फैसला किया है। निराला की जन्मस्थली गढ़ाकोला में विशाल स्मृति भवन, पुस्तकालय और अन्य निर्माण कार्यों के लिए संस्कृति विभाग ने प्रस्ताव दिया था जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। गढ़कौला में स्मृति भवन, पुस्तकालय और अन्य निर्माण कार्यों के लिए उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद को कार्यदायी संस्था बनाया गया है। इसके लिए 17 करोड़ रुपये की परियोजना प्रस्तावित थी। कैबिनेट ने 14 करोड़ 64 लाख 34 हजार रुपये अनुमोदित किये गये हैं। 

राज्य संपत्ति विभाग खरीदेगा 24 नये वाहन 

राज्य संपत्ति विभाग 24 नये वाहन खरीदेगा। इसके लिए कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसमें आठ इनोवा क्रिस्टा, एक इनोवा क्रिस्टा आठ सीटर, पांच फारच्यूनर एवं 10 होंडा सिटी वाहन शामिल हैं। 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में नये पद सृजित 

कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी, अनुभाग अधिकारी, समीक्षा अधिकारी एवं सहायक समीक्षा अधिकारी व अपर निजी सचिव की नई सेवा नियमावली जारी करने की अनुमति दी है। मुख्य निर्वाचन कार्यालय में श्रेणी एक और दो के निजी सचिवों के पद के लिए नियमावली जारी की गई है। 

धारा-108 व 110 में संशोधन

धारा-108 व 110 में संशोधन के जरिये पैतृक भूमि में मृतक पुत्र की अविवाहित पुत्रियों को अधिकार मिल सकेगा। धारा-80 में संशोधन के जरिये 5.086 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि का अर्जन औद्योगिक, वाणिज्यिक और आवासीय प्रयोजनों के लिए करने की खातिर भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। इस सीमा से अधिक कृषि भूमि के ट्रांसफर के लिए अनुमति की प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। औद्योगीकरण और विकास कार्यों को गति मिल सके। धारा 77 में संशोधन से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडर, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के लिए आरक्षित श्रेणियों की जमीनों के पुनग्रहण और विनिमय आसानी से हो सकेगा। 

मनोरंजन कर निरीक्षक अब करेंगे जीएसटी का काम

मनोरंजन कर विभाग के निरीक्षकों को लेकर अभी तक उहापोह की स्थिति बनी हुई थी लेकिन, शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में उनकी अगली भूमिका तय कर दी गई। अब मनोरंजन कर निरीक्षक जीएसटी का काम देखेंगे।  प्रदेश में एक जुलाई, 2017 से उत्तर प्रदेश माल एवं सेवाकर अधिनियिम-2017 के जारी होने के बाद मनोरंजन कर माल एवं सेवाकर में शामिल कर दिया गया है। मनोरंजन कर विभाग के निरीक्षकों को उप्र माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के प्रावधानों के अन्तर्गत वाणिज्य कर विभाग में मृत संवर्ग के रूप में शामिल कर लिया जाएगा। 

गोरखपुर में सर्किट हाउस से एयरपोर्ट तक बनेगी फोर लेन सड़क 

गोरखपुर शहर में सर्किट हाउस से एयरपोर्ट तक फोर लेन सड़क के निर्माण को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। 8.710 किलोमीटर लंबी चार लेन की सड़क के लिए 96 करोड़ 55 लाख रुपये की स्वीकृति है। लोक निर्माण विभाग की भूमि पर निर्मित भवनों के ध्वस्तीकरण से पहले उनको प्रतिकर देने के संबंंध में कोई नीति नहीं थी। इससे पूर्व से बने आवासों में रह रहे लोगों को हटाने एवं पांच आवासों को अनुकंपा के आधार पर 48.54 लाख रुपये प्रतिकर देने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी। 

सड़क निर्माण में प्रभावित भवनों का प्रतिकर मंजूर 

गोरखपुर शहर में जंगल कौडिय़ा से मोहद्दीपुर चौक तक बन रहे फोर लेन के चलते प्रभावित होने वाले भवनों के लिए प्रतिकर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। पूर्व से बने भवनों के ध्वस्तीकरण से पूर्व प्रतिकर देने एवं भूमि अध्याप्ति किये जाने के लिए 6625 वर्ग मीटर भूमि के मुआवजे के लिए 56 करोड़ 33 लाख एवं मार्ग में प्रभावित भवनों के लिए 12 करोड़ 56 लाख रुपये के प्रतिकर के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूर कर लिया। 

पुखरायां-घाटमपुर-बिंदकी मार्ग के  लिए आरएफपी को मंजूरी 

उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग पुखरायां-घाटमपुर-बिंदकी का उच्चीकरण उप्र राज्य राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा करा रहा है। इस परियोजना की लागत 11 करोड़ 36 लाख रुपये है। यह मार्ग कानपुर देहात, कानपुर नगर और फतेहपुर के औद्योगिक क्षेत्र से होकर गुजरता है। मार्ग की लंबाई 82 किलोमीटर है। यह मार्ग तीन स्थानों पर महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों को क्रास करता है। इस परियोजना का उच्चीकरण सार्वजनिक, निजी सहभागिता से कराने के लिए निजी विकासकर्ता के चयन के लिए रिक्वेस्ट फार प्रपोजल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। 

खनिज स्रोत से 10 किमी के दायरे में भंडारण का प्रतिबंध खत्म

प्रदेश में केवल नदी तलीय क्षेत्र खनन क्षेत्र के पट्टाधारक को उस जिले, जिसमें उसके लिए खनिज क्षेत्र स्वीकृत हैं, में भंडारण की अनुमति प्रतिबंधित रहेगी। इसके लिए कैबिनेट ने शुक्रवार को उप्र खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण) नियमावली में संशोधन का फैसला किया है। इससे पहले प्रदेश में किसी भी पट्टाधारक को स्वीकृत खनन क्षेत्र के अतिरिक्त भंडारण के लाइसेंस स्वीकृत नहीं किये जाते थे। पूर्व में किसी खनिज के स्रोत से 10 किमी की परिधि में उसके भंडारण का लाइसेंस नहीं दिया जा सकता था। अब इस प्रतिबंध को हटा दिया गया है और यह प्रावधान किया गया है कि केवल नदी तलीय उपखनिज के भंडारण का लाइसेंस उसके स्रोत से पांच किमी के दायरे में नहीं दिया जाएगा। पूर्व में जारी भंडारण के लाइसेंस 20 दिसंबर 2018 से तीन महीने की अवधि के लिए लागू होंगी। 

लकड़ी पर आधारित उद्योग को बढ़ावा

लकड़ी पर आधारित मेगा, मेगा प्लस और सुपर मेगा श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को उनके उपयोग की दृष्टि से टिंबर की आवश्यक सीमा तक लाइसेंस देने का कैबिनेट ने फैसला किया है। इसमें ऐसे निवेशकों को बढ़ावा दिया जाएगा जो नवीनतम तकनीकी पर आधारित होंगे।

पीजीआइ डॉक्टरों को अब एम्स के बराबर भत्ते

पीजीआइ के सीनियर व जूनियर रेजीडेंट डॉक्टरों व सीनियर डिमॉन्सट्रेटरको कैबिनेट ने सातवें वेतनमान की संस्तुतियों के मुताबिक दिल्ली स्थित एम्स के बराबर भत्ते दिए जाने को मंजूरी दे दी है। पीजीआइ के 302 सीनियर रेजीडेंट, 77 जूनियर रेजीडेंट और सात सीनियर डिमांस्ट्रेटर को सातवें वेतनमान के मुताबिक एम्स के बराबर भत्ते दिए जाने पर कुल 33.91 लाख रुपये का अतिरिक्त वार्षिक व्यय भार संभावित है।

बढ़ेगा 1.62 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र

उत्तर प्रदेश वॉटर सेक्टर रीस्ट्रक्चङ्क्षरग परियोजना क्षेत्र की नहरों की क्षमता में बढ़ोतरी, पुनरोद्धार व आधुनिकीकरण, कृषि उत्पादन में वृद्धि सिंचाई क्षेत्र में किसानों की सहभागिता से सिंचाई प्रबंधन के लिए जल उपभोक्ता समितियों का गठन किया गया है। परियोजना के दूसरे चरण से बाराबंकी, अमेठी, रायबरेली, ललितपुर, कासगंज, एटा, मैनपुरी, फीरोजाबाद, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, औरैया, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फतेहपुर व कौशाम्बी जुड़े हैं। बताया गया कि परियोजना पूरी होने पर 1.62 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि होगी, जिससे करीब 7.17 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। कैबिनेट ने परियोजना के दूसरे चरण को मंजूरी दी है। यह परियोजना वर्ष 2011-12 में प्रचलित दर अनुसूची और वाक थू्र सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई थी, जिसकी लागत 3563.20 करोड़ रुपये थी। वित्त मंत्रालय व विश्व बैंक की सहमति के बाद मंत्री परिषद ने वर्ष 2013 में 2835 करोड़ रुपये स्वीकृत किये थे। परियोजना में कुल लागत का 70 फीसद व्यय भार विश्व बैंक तथा 30 फीसद व्यय भार सरकार उठाएगी। परियोजना की पूर्व स्वीकृत लागत 2835 करोड़ रुपये में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, जो कि अक्टूबर 2020 तक पूरी की जानी है। बताया गया कि परियोजना में 1313.92 करोड़ रुपये का खर्च अक्टूबर 2018 तक हो चुका है। विश्व बैंक ने 884.39 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति सितंबर 2018 तक की जा चुकी है। जबकि राज्य सरकार ने 429.53 करोड़ रुपये दिये हैं। परियोजना में समानांतर निचली गंगा नहर (पीएलजीसी) की जल प्रवाह क्षमता 4200 क्यूसेक से 6480 क्यूसेक वर्ष 2015 में की गई थी। काम पूरा होने पर इसकी क्षमता 8900 क्यूसेक हो जाएगी। परियोजना की अवधि में करीब 80 लाख दिनों का रोजगार सृजित होगा।

डॉक्टरों का 20 फीसद एनपीए तय

प्रदेश के सरकारी डॉक्टरों और दंत शल्य चिकित्सकों के प्रैक्टिस बंदी भत्ते (एनपीए) की नई दरों को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। 24 अगस्त, 2009 से प्रदेश में डॉक्टरों को मूल वेतन का 25 फीसद इस शर्त के साथ दिया जा रहा था कि मूल वेतन व एनपीए को मिलाकर कुल रकम 85 हजार रुपये से अधिक नहीं होगी। सातवां वेतनमान लागू होने के बाद एनपीए को फ्रीज कर दिया गया था। अब कैबिनेट ने मूल वेतन के 20 फीसद एनपीए को इस शर्त के साथ मंजूरी दी है कि मूल वेतन व एनपीए मिलाकर कुल रकम 2,37,500 रुपये से अधिक नहीं होगी। यह भत्ता चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा तथा परिवार कल्याण के एलोपैथिक डॉक्टरों व दंत शल्य चिकित्सकों को मिलेगा। केंद्र सरकार के समान तय की गईं यह यह दरें जनवरी, 2019 से लागू मानी जाएंगी। एनपीए के संबंध में अन्य सभी शर्तें यथावत रखी गई हैैं।


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