CAA Protest in UP : पुलिस जांच में सामने आए सीएए के विरोध में हिंसा के डेढ़ हजार आरोपित
CAA Protest in UP उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा की घटनाओं में पुलिस ने मुकदमे दर्ज करने के बाद विवेचना को कदम दर कदम आगे बढ़ाया है।
लखनऊ, जेएनएन। CAA Protest in UP : उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा की घटनाओं में पुलिस ने मुकदमे दर्ज करने के बाद विवेचना को कदम दर कदम आगे बढ़ाया है। पुलिस ने जांच के दौरान करीब डेढ़ हजार आरोपितों को चिह्नित किया है, जिनके नाम मुकदमों में शामिल किए गए हैं। हिंसा के मामलों में विभिन्न जिलों में दर्ज कराए गए करीब 450 मुकदमों में लगभग 3400 आरोपित नामजद हैं। इस तरह कुल 4800 से अधिक आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए जाने की कार्रवाई की जा रही है।
सीएए के विरोध को लेकर दिसंबर 2019 में हुई हिंसा की घटनाओं में पुलिस ने लखनऊ, मऊ, कानपुर नगर, अलीगढ़, मेरठ, बरेली, झांसी, अंबेडकरनगर, फतेहपुर, बाराबंकी समेत अन्य जिलों में मुकदमे दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी। पुलिस ने इन मुकदमों के तहत लगातार की गई कार्रवाई के दौरान करीब 1700 से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जबकि शेष आरोपितों की तलाश की जा रही है।
पुलिस ने जांच के दौरान अब तक लगभग 50 आरोपितों की भूमिका सामने न आने पर उन्हें राहत भी दी है। डीजीपी मुख्यालय स्तर से भी इन मुकदमों में की जा रही कार्रवाई की मानीटरिंग हो रही है। खासकर आरोपपत्र दाखिल किए जाने को लेकर पुलिस ने कसरत बढ़ाई है। सीएए के विरोध में हुई हिंसा की घटनाओं में सबसे अधिक 93 मुकदमे मेरठ जोन में दर्ज हुए हैं, जिनमें 1100 से अधिक आरोपित हैं। लखनऊ नगर में 53 मुकदमे लिखे गए हैं, जिनमें 400 से अधिक आरोपित हैं। 600 से अधिक आरोपित जमानत पर रिहा भी हुए हैं। हिंसा के मामलों में कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए अभियोजन की मदद भी ली जा रही है।
हिंसा में पीएफआई का आया था नाम
बता दें, प्रतिबंधित संगठन सिमी के कई सक्रिय सदस्यों के पीएफआई में शामिल होने बात सामने आई थी। इसके बाद ही खुफिया इकाइयों को भी सक्रिय कर दिया गया था। हिंसा के मामलों में पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद समेत 113 सदस्यों को पुलिस ने अब तक गिरफ्तार किया है, इनमें सबसे अधिक 22 मेरठ व 16 लखनऊ में पकड़े गए हैं। पीएफआई के कई सदस्यों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। पीएफआई से जुड़े कुछ संगठनों की भूमिका भी जांच के दायरे में रही है। उत्तर प्रदेश में 19 और 20 दिसंबर 2019 को 22 जिलों में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। इस दौरान 21 लोगों की मौत हुई थी।