भैंस बेचकर तो किसी ने उधार लेकर खरीदा एंड्रायड मोबाइल, ऑनलाइन पढ़ाई ने बिगाड़ा बजट
पढ़ना जरूरी है बच्चों का भविष्य संवारने को लेकर अभिभावक दिखा रहे संजीदगी। ऑनलाइन कक्षाओं के सफल संचालन में आने वाली बाधाओं को कर रहे दूर। ऑनलाइन क्लासेज के लिए कोई उधार तो कोई उधार लेकर खरीद रहा है एंडॉइड मोबाइल।
बाराबंकी [अजीत मौर्य, निंदूरा]। शिक्षा है अनमोल रतन, पढ़ने का कुछ करो जतन। जी हां! शिक्षा अनमोल ही है और इसके महत्व को शहरी ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावक भी बखूबी समझ रहे हैं। तभी तो कोरोना संक्रमण काल में बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए अभिभावक हर चुनौतियों के सामने डटकर खड़े हैं। बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने के लिए एंड्रॉयड मोबाइल खरीदने के लिए किसी ने भैंस बेंची तो किसी ने उधार रुपये लेकर एंड्रायड मोबाइल की खरीदारी की है। बच्चों के भविष्य संवारता रहे इसके लिए अभिभावक किस्तों पर भी मोबाइल खरीदकर ऑनलाइन पढ़ाई की राह को सुगम बनाने का काम कर रहे हैं।
ताकि बेटी कर सके ऑनलाइन पढ़ाई
बड्डूपुर निवासी रामसेवक के पास के मात्र दो बीघा खेत है। वह मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करता है। उसकी पुत्री शिवानी राजकीय हाईस्कूल काजी बेहटा में कक्षा दस की छात्रा है। कोरोना संक्रमण मेंं स्कूल-कॉलेज में कक्षाओं का संचालन बंद हो गया। ऐसे में कॉलेज की ओर से ऑनालइन कक्षाओं का संचालन शुरू किया, लेकिन एंड्रायड मोबाइल न होने के कारण बेटी की पढ़ाई पिछड़ने लगी। रामसेवक ने बताया कि बेटी की पढ़ाई जारी रहे इसके लिए उन्होंने 25 हजार में भैंस बेच दी। इसमें से पांच हजार का एंड्रायड मोबाइल खरीदा, जिससे उनकी बेटी ऑनलाइन कक्षाएं कर रही है।
उधार पैसे लेकर खरीदा मोबाइल
मोहसंड के संतोष रावत एक बाड़े पर मजदूरी करके आजीविका चलाते हैं। इनका पुत्र विनय कुमार कक्षा नौ का छात्र है। विनय बताते हैं कि मोबाइल न होने से एक कॉलेज में उसको प्रवेश नहीं मिल सका। इसकी जानकारी होने पर संतोष ने आठ हजार रुपये उधार लेकर मोबाइल खरीदा और टिकैतगंज स्थित एक कॉलेज में विनय को प्रवेश दिलाया। अब वह ऑनलाइन कक्षाएं कर रहा है।
जारी रहे पढ़ाई, खरीदा किश्तों पर मोबाइल
ओदार निवासी कुलदीप सिंह ने बताया कि उनका बेटा विकास एक निजी स्कूल में कक्षा तीन और बेटी पंखुड़ी कक्षा एक में पढ़ती है। संक्रमण काल में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हुई तो एंड्रायड मोबाइल न होना बाधा बनने लगा। बच्चों की पढ़ाई जारी रह सके इसके लिए किस्तों पर एंड्रायड मोबाइल खरीदा। वह ऑनलाइन पढ़ाई को बेहतर नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि कुछ दिन तक तो ऑनलाइन क्लास चलीं पर बाद में नेटवर्क समस्या की बताकर कक्षाएं बाधित रहने लगीं।