एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस होगा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, यूपीडा ने मांगे आवेदन
Bundelkhand Expressway उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस करने की कवायद शुरू कर दी है। यूपीडा ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए आवेदन मांगे हैं। एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक मैनेजमेंट कमांड सेंटर की भी स्थापना की जाएगी। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर मोशन डिटेक्शन सर्विलांस कैमरे और वाहन गति डिटेक्शन सिस्टम लगाए जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Express Way) को एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) से लैस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए आवेदन मांगे हैं। इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को प्रभावी बनाने के लिए एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक मैनेजमेंट कमांड सेंटर की स्थापना भी की जाएगी।
बुंदलखंड एक्सप्रेसवे की ट्रैफिक मैनेजमेंट कंट्रोल (टीएमसी) यूनिट 360 टेराबाइट रिकॉर्डिंग सर्वर स्टोरेज से लैस होगी। इसके अलावा बैकअप रिकॉर्डिंग के लिए भी 240-टेराबाइट का सर्वर स्टोरेज होगा। टीएमसी यूनिट में सुविधा निगरानी प्रणाली नियंत्रक, ग्राफिक डिस्प्ले, इंटरनेट और एसएमएस सर्वर, फाइबर चैनल होस्ट और यूएसबी जायस्टिक-नियंत्रित पीटीजेड कैमरे की सुविधा होगी।
सौर ऊर्जा से संचालित होंगे कैमरे
इसे आपातकालीन टेलीफोन हेल्पलाइन, कर्मचारियों के लिए आधार आधारित बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट स्कैनर मशीन, प्रोटेक्शन डिवाइस, लाइटनिंग प्रोटेक्शन यूनिट, उन्नत ड्राइवर सलाहकार प्रणाली और जीपीएस ट्रैकर सहित 890 कैमरों से भी युक्त किया जाएगा। एक्सप्रेसवे पर सीसीटीवी के साथ पीटीजेड कैमरे लगाए जाएंगे। ये विशेष कैमरे सौर ऊर्जा से संचालित होंगे और एक बार चार्ज करने पर 96 घंटे तक काम कर सकते हैं।
वाहनों की गति पर भी रखी जाएगी निगाह
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर मोशन डिटेक्शन सर्विलांस कैमरे और वाहन गति डिटेक्शन सिस्टम लगाए जाएंगे। इससे तेज गति से चलने वाले वाहनों के लिए अलर्ट जारी किया जा सकेगा और नियंत्रण कक्ष उन्हें तुरंत ट्रैक कर सकेगा। 90-मीटर रेंज वाले स्पीड डिटेक्शन रडार भी स्थापित किए जाएंगे।
पांच वर्ष के लिए आवंटित होगा कार्य
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को एटीएमएस युक्त बनाने के लिए यूपीडा ने रिक्वेस्ट फार क्वालिफिकेशन (आरएफक्यू) व रिक्वेस्ट फार प्रजोजल (आरएफपी) माध्यम से आवेदन मांगे हैं। इस प्रक्रिया के जरिए नियुक्त होने वाली एजेंसी द्वारा ही इन सभी कार्यों को यूपीडा के अधिकारियों की देखरेख में पूरा किया जाएगा। यूपीडा द्वारा पांच वर्षों की कार्यावधि के लिए कार्य आवंटित होगा और चयनित एजेंसी को इन सभी उपकरण व उनकी देखरेख से संबंधित कार्यों को पूर्ण करना होगा।
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