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डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा- बुलंदशहर हिंसा की घटना में अभी हिंदू संगठनों का नाम लेना जल्दबाजी

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस हिंसा में हिंदू संगठनों का नाम लेना जल्दबाजी होगी। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद एसआईटी का गठन किया गया है। उसने जांच आरंभ कर दी है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 04 Dec 2018 12:26 PM (IST)Updated: Tue, 04 Dec 2018 12:27 PM (IST)
डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा- बुलंदशहर हिंसा की घटना में अभी हिंदू संगठनों का नाम लेना जल्दबाजी
डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा- बुलंदशहर हिंसा की घटना में अभी हिंदू संगठनों का नाम लेना जल्दबाजी

लखनऊ, जेएनएन। बुलंदशहर में गोवंश अवशेष मिलने के बाद भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह तथा एक युवक सुमित की मौत के मामले में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बेहद दुखी हैं। मौर्य ने कहा कि इस मामले की एसआइटी जांच शुरू हो चुकी है, दो दिन में सारा मामले सामने आ जाएगा। इससे पहले इस प्रकरण में अभी हिंदूवादी संगठन का नाम लेना जल्दबाजी होगी।

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केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस हिंसा में हिंदू संगठनों का नाम लेना जल्दबाजी होगी। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद एसआईटी का गठन किया गया है। उसने जांच आरंभ कर दी है। जब तक जांच पूरी ना हो जाए किसी का नाम लेना उचित नहीं है। जांच रिपोर्ट तक किसी परिणाम तक पहुंचना सही नहीं है। इसमें किसी का नाम लेना जल्दबाजी होगी। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि घटना बहुत दुखदायी है, ना तो जनता की ओर से आक्रोश होना चाहिए था और ना पुलिस की ओर से लापरवाही होनी चाहिए थी। हमें इस प्रकार घटना का दुख है। यह बहुत बड़ी घटना है, इस घटना से हम सभी दुखी हैं। शहीद इंस्पेक्टर के साथ एक युवक सुमित के परिवार पर भारी दुख पड़ा है, ईश्वर इसे सहने की शक्ति दे। मौर्य ने कहा कि किसी भी इंस्पेक्टर के लिए भले ही यह सेवा का एक हिस्सा हो लेकिन परिवार के लिए अगर कुछ ऐसा अप्रत्याशित होता है, तो अपार दुख होता है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बुलंदशहर के चिंगरावठी में कल गोवंश के अवशेष मिले थे, जिसकी सूचना स्याना के इंस्पेक्टर को दी गई थी। इसके बाद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे। इसी दौरान उग्र भीड़ ने उनकी हत्या कर दी। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जा चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन में रिपोर्ट मांगी है। 


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