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Budget Expectation: कानपुर तक हाइस्पीड रेल नेटवर्क को गति देगा बजट, 550 करोड़ का है प्रोजेक्ट

Budget Expectation इस साल बजट मिलने पर रेलवे की कई महत्वपूर्ण योजनाएं मूर्त रूप ले सकती हैं। रेलवे लखनऊ के यात्रियों को कई बड़ी सौगात देगा। अधिकांश प्रोजेक्ट पूरा होंगे तो कई प्रोजेक्ट जमीन पर दिखने भी लगेंगे।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 12:37 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 12:37 PM (IST)
Budget Expectation: कानपुर तक हाइस्पीड रेल नेटवर्क को गति देगा बजट, 550 करोड़ का है प्रोजेक्ट
आम बजट में रेलवे की लखनऊ की कई परियोजनाओं को गति देने की तैयारी।

लखनऊ, जेएनएन। जिस लखनऊ कानपुर रेलखंड पर अभी शताब्दी एक्सप्रेस की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं हो पा रही है। उस पर नए साल में ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से रफ्तार भरती नजर आएंगी। कानपुर से जुड़कर लखनऊ दिल्ली-हावड़ा हाइस्पीड सेक्शन से भी जुड़ जाएगा। जिससे नई दिल्ली पहुंचने वाली ट्रेनों का दो से ढाई घंटे का समय बच सकेगा। अजगैन स्टेशन से हाइस्पीड टै्रक के लिए काम शुरू हो गया है। यहां 340 किलोग्राम भार वाली आरसीसी स्लीपर और 60 किलोग्राम (एक मीटर रेल लाइन का वजन) के साथ बैलास्ट का स्टॉक पहुंच गया है। अब नई लाइन बिछाने के लिए रेलवे जल्द ही ब्लॉक लेगा। यह प्रोजेक्ट करीब 550 करोड़ रुपये का है। माना जा रहा है कि एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में रेलवे की कई योजनाओं को गति मिल सकती है। 

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दरअसल इस साल बजट मिलने पर रेलवे की कई महत्वपूर्ण योजनाएं मूर्त रूप ले सकती हैं। रेलवे लखनऊ के यात्रियों को कई बड़ी सौगात देगा। अधिकांश प्रोजेक्ट पूरा होंगे तो कई प्रोजेक्ट जमीन पर दिखने भी लगेंगे। अपने प्रोजेक्टों को रफ्तार देने के लिए ही रेलवे ने अब इंफ्रा, ऑपरेशन और प्रशासन के लिए अलग-अलग एडीआरएम तैनात किए हैं। इन एडीआरएम को प्रोजेक्टों में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए कई विशेषाधिकार भी दिए गए हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा भी लखनऊ की योजनाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं। पिछले दिनों ही उन्होंने रेल भूमि विकास प्राधिकरण में भारतीय रेलवे इंजीनियरिंग सेवा के के तेज तर्रार अभियंता सुधीर कुमार सिंह की तैनाती की है। वह उस समय उत्तर रेलवे लखनऊ में ही वरिष्ठ मंडल अभियंता समन्वय थे।

इन पर तेज होगा काम 

  • नया बाईपास

आलमनगर से उतरेटिया के बीच इस समय मालगाड़ी के लिए सिंगल लाइन है। रेलवे इस सिंगल लाइन की डबलिंग कर रहा है। रेलवे डबलिंग के बाद चारबाग स्टेशन से ट्रेनों की संख्या कम करने के लिए आलमनगर आने वाली ट्रेनों को ट्रांसपोर्टनगर-उतरेटिया के रास्ते सुलतानपुर व अमेठी की ओर रवाना होंगी। इस प्रोजेक्ट को नए साल के अगस्त तक पूरा करने की तैयारी है।

  • ट्रांसपोर्टनगर स्टेशन

शहर को नया स्टेशन का तोहफा मिलेगा। रेलवे 30 जून तक ट्रांसपोर्टनगर स्टेशन के पहले चरण का काम पूरा कर लेगा। तीन चरणों में इस स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। तीन नए प्लेटफार्म, स्टेशन भवन के साथ ट्रेनों की धुलाई व नियमित परीक्षण के लिए वाशिंग लाइन बनेगी।

  • आलमनगर स्टेशन का विकास

जिस आलमनगर स्टेशन से काकोरी कांड के क्रांतिकारियों ने फस्र्ट क्लास का टिकट खरीदकर यात्रा की थी। उस आलमनगर स्टेशन को सेटेलाइट स्टेशन बनाने का काम नए साल में पूरा होगा। इसके तहत राजाजीपुरम की ओर संपर्क मार्गए नया स्टेशन भवनए प्लेटफार्म की संख्या बढ़ेंगी।

  • विश्वस्तरीय स्टेशन गोमतीनगर

रेलवे ने चारबाग और लखनऊ जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए एक साथ योजना का शिलान्यास किया था। लेकिन चारबाग स्टेशन को पीपीपी मॉडल के तहत विकसित करने के लिए एनबीसीसी ने हाथ पीछे खींच लिये हैं। ऐसे में गोमतीनगर स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की योजना पर अब रेलवे का ध्यान है। पहले चरण का अधिकांश काम नए साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। नए स्टेशन भवन का निर्माण पूरा हो जाएगा।

  • चारबाग की यार्ड रिमॉडलिंग

करीब पचास साल के बाद चारबाग स्टेशन को नया प्लेटफार्म मिलेगा। रेलवे चारबाग स्टेशन की यार्ड रिमॉडलिंग करेगा। जिसके तहत प्लेटफार्म नंबर सात के बगल में दो प्लेटफार्मों वाला नया आईलैंड बनेगा। वहीं मानकनगर से चारबाग होकर दिलकुशा तक दो निकासी व प्रवेश लाइन बिछाने का काम पूरा होगा। जिससे ट्रेनें आउटर पर नहीं रुकेंगी। 


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