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यूपी में बजट के सहारे समाज के आखिरी आदमी का सहारा बनने की कोशिश

राज्य सरकार ने बजट के सहारे समाज के आखिरी आदमी तक पहुंचने की कोशिश की है। इसके तहत अनुसूचित जनजाति का बजट इस बार दोगुने से अधिक किया गया है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 08:16 PM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 08:16 PM (IST)
यूपी में बजट के सहारे समाज के आखिरी आदमी का सहारा बनने की कोशिश
यूपी में बजट के सहारे समाज के आखिरी आदमी का सहारा बनने की कोशिश

लखनऊ, जेएनएन। राज्य सरकार ने बजट के सहारे समाज के आखिरी आदमी तक पहुंचने की कोशिश की है। इसके तहत अनुसूचित जनजाति का बजट इस बार दोगुने से अधिक किया गया है। इसके अलावा दिव्यांगों पर सरकार की दयादृष्टि पहले की तुलना में अधिक हुई है। स्पेशल कंपोनेंट प्लान के के लिए राज्य सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 26058.32 करोड़ का प्रावधान किया है। यह पिछले बजट से 2047.79 करोड़ रुपये यानी 6.41 फीसद अधिक है। इसके अलावा अनुसूचित जनजातियों के कल्याण का बजट 144.69 फीसद बढ़ाया गया है। पिछले वर्ष जहां एसटी के लिए 409.44 करोड़ का प्रावधान था, वहीं इस बार 592.43 करोड़ अधिक यानी 1001.87 करोड़ है।  

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योगी सरकार ने सामूहिक विवाह योजना के लिए भी ढाई सौ करोड़ रुपये की धनराशि दी है। इसमें लाभार्थी को दी जाने वाली धनराशि 33 हजार से बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर दी गई है। दिव्यांगों को भरण-पोषण के लिए 671 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। उनके लिए कदम आगे बढ़ाते हुए मानसिक, मंदित आश्रय गृह की स्थापना का प्रावधान भी किया गया है। पिछड़ा वर्ग  कल्याण में शुल्क प्रतिपूर्ति  योजना के लिए 600 करोड़ रखे गए हैैं। 

छात्रवृत्ति योजना (4,433 करोड़)

  • अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के लिए 2037 करोड़ 
  • पिछड़ा वर्ग के लिए 1516 करोड़
  • सामान्य वर्ग के लिए 850 करोड़ 
  • अनुसूचित जनजाति के लिए 30 करोड़ 
  • वृद्धावस्था तथा किसान पेंशन योजना के अंतर्गत 2,579 करोड़
  • गरीब परिवारों के पुत्रियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 250 करोड़  
  • राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के अंतर्गत 500 करोड़

दिव्यांगजन कल्याण

  • दिव्यांगों को भरण-पोषण अनुदान के लिए 621 करोड़ 
  • कुष्ठावस्था विकलांग भरण-पोषण अनुदान के लिए 30 करोड़ 
  • मानसिक, मंदित आश्रय गृह की स्थापना के लिए 18 करोड़ 

सभी ग्रामीणों को पक्की छत

बजट के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के एजेंडे को धार दी गई है। सभी ग्रामीणों को पक्की छत का मकान उपलब्ध कराने के साथ स्वच्छता को भी प्राथमिकता पर रखा। प्रधानमंत्री आवास योजना में 6,240 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। बेसलाइन सर्वे से छूटे पात्र परिवारों को भी पक्के मकान उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 429 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए।  स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के लिए छह हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था है। पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि बेसलाइन सर्वे से वंचित लगभग 44 लाख परिवारों को भी शौचालय की सुविधा प्रदान की जाएगी।  

शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराना लक्ष्य

चुनाव के निकट सरकार का अंत्येष्टि स्थलों के सुधार पर भी ध्यान गया है। बजट में सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। साथ ही 750 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों का निर्माण कराने को 14 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए है। ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम में 2,954 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए है।गांवों में भगवा लहर का असर बरकरार रखने के लिए सरकार ने युवक मंगल दल योजना को सक्रिय करने की फैसला लिया है। युवाओं को खेल व अन्य रचनात्मक कार्यो के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए 25 करोड़ का प्रबंध किया है। इसके अलावा युवाओं में स्वरोजगार के प्रति रूचि बढ़ाने को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 1393 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।


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