KGMU में असाध्य रोग का बजट खत्म, गरीब मरीजों के इलाज पर आया संकट
लखनऊ में केजीएमयू प्रशासन ने शासन को पत्र लिखकर मांगा असाध्य रोग के लिए बजट जरूरतमंदों का इलाज हो रहा प्रभावित।
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में असाध्य रोग के मरीजों के इलाज का बजट खत्म हो गया है। ऐसे में दुर्बल आय वर्ग के मरीजों के इलाज पर संकट छा गया है। उनके कार्ड तो बन रहे हैं, मगर धन नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में कैंसर, दिल, गुर्दा और लिवर के मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
केजीएमयू को 910 करोड़ रुपये का बजट सालाना मिलता है। वहीं, विपन्न, बीपीएल, असाध्य रोग व सीएम-पीएम फंड अलग से मिलता है। असाध्य रोग के बजट से कैंसर, हृदय, गुर्दा व लिवर रोगियों का मुफ्त इलाज किया जाता है। केजीएमयू में हर रोज 20 नए मरीजों का असाध्य रोग कार्ड बनाया जा रहा है। मगर, धन के अभाव के चलते सभी मरीजों का पैसा पास नहीं हो पा रहा है। ऐसे में इलाज के लिए मरीज भटक रहे हैं।
पिछले साल से कम मिला बजट
पिछले वित्तीय वर्ष में असाध्य रोगियों के इलाज के मद में केजीएमयू को 22 करोड़ 83 लाख रुपये मिले थे। वहीं, बीपीएल-विपन्न के लिए भी तीन करोड़ मिले थे। इस बार असाध्य रोग के लिए 10 करोड़ और बीपीएल-विपन्न मद में चार करोड़ का ही बजट मिला। वहीं, पुराने और नए मिलाकर मरीजों की संख्या अब बढ़ गई है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
केजीएमयू के वित्त अधिकारी मो. जमा ने बताया कि असाध्य रोग के मरीजों के लिए धन शासन से मांगा गया है। पत्र भेज दिया गया है। मरीजों के इलाज में कोई बाधा नहीं पहुंचेगी। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।