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UP: फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र से किया BTC और बन गए शिक्षक, अब होंगे सेवा से बर्खास्त; जानें पूरा मामला...

Fake Teachers Case यूपी में 11 प्राथमिक शिक्षक फर्जी दिव्यांग मिले हैं। उन्होंने न केवल दिव्यांग प्रमाणपत्र के सहारे बीटीसी का प्रशिक्षण लिया बल्कि उसी आधार पर शिक्षक के रूप में चयनित होने में सफल रहे। इन सभी को अब सेवा से बर्खास्त करने की तैयारी है।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 05:45 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 10:46 AM (IST)
UP: फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र से किया BTC और बन गए शिक्षक, अब होंगे सेवा से बर्खास्त; जानें पूरा मामला...
यूपी में 11 प्राथमिक शिक्षक फर्जी दिव्यांग मिले हैं।

लखनऊ [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश सरकार फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी हथियाने वालों पर हमलावर है। पूरे प्रदेश में फर्जी शिक्षकों की खोज की जा रही है। इसी क्रम में जांच के दौरान 11 प्राथमिक शिक्षक फर्जी दिव्यांग मिले हैं। उन्होंने न केवल दिव्यांग प्रमाणपत्र के सहारे बीटीसी का प्रशिक्षण लिया, बल्कि उसी आधार पर शिक्षक के रूप में चयनित होने में सफल रहे। इन सभी का बीटीसी प्रमाणपत्र शून्य (यानी रद) कर दिया गया है, अब उन्हें सेवा से भी बर्खास्त करने की तैयारी है। मेडिकल रिपोर्ट आने में साढ़े चार साल से अधिक समय लगा है। 

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उत्तर प्रदेश के सात जिलों में चिन्हित यह शिक्षक पहले फर्जी दिव्यांग बनकर बीटीसी का दो वर्षीय प्रशिक्षण कोर्स पाने के लिए चयनित हुए, फिर उन्होंने वर्ष 2007 व 2008 में प्रशिक्षण सत्र में कोर्स पूरा करने के बाद शिक्षक भर्ती में दिव्यांग बनकर ही दावेदारी की। नियुक्ति पाने के बाद उनकी शिकायत हुई, लेकिन उस पर पर्दा पड़ा रहा। कुछ अभ्यर्थी इस फर्जीवाड़े के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे।

शीर्ष कोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य बनाम रविंद्र कुमार शर्मा व अन्य की विशेष अपील की सुनवाई करते हुए तीन फरवरी, 2016 को आदेश दिया कि इन अभ्यर्थियों की जांच मेडिकल बोर्ड गठित करके कराई जाए। शासन ने इसके अनुपालन में 13 मई, 2016 को मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया।

यह काम अब साढ़े चार साल बाद पूरा हुआ और जिला चयन समिति ने 11 शिक्षकों के प्रशिक्षण प्रमाणपत्र को शून्य करने की संस्तुति की। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि सभी के बीटीसी प्रमाणपत्र शून्य कर दिए गए हैं। अब जल्द ही शिक्षकों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई हो सकती है।

खत्म हुए इनके प्रमाणपत्र खत्म

  • नाम : सत्र :  जिला 
  • भरत भाई 2007 बांदा
  • रचना द्विवेदी 2007 बांदा
  • मंजू देवी 2007 इटावा
  • खेत्रपाल 2007 इटावा
  • अरविंद उपाध्याय 2008 आजमगढ़
  • रेखा सिंह 2007 आजमगढ़
  • दामोदर पांडेय 2008 सोनभद्र
  • ध्रुव कुमार सिंह 2007 सोनभद्र
  • अनिल कुमार 2007 हरदोई
  • रविकांत गर्ग 2007 हमीरपुर
  • गीता देवी 2007 गोंडा

कई और पर भी कार्रवाई जल्द : विभिन्न जिलों से दिव्यांग बने करीब छह और प्रशिक्षण पाने वालों की रिपोर्ट आ गई है। जिला चयन समिति ने उनका प्रमाणपत्र भी शून्य करने की संस्तुति की गई है। सचिव का कहना है कि उनके प्रमाणपत्रों की जांच हो रही है, जल्द ही उन्हें भी शून्य करार दिया जाएगा।


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