मायावती ने कृषि सुधार बिल पर केंद्र को फिर घेरा, कहा- किसानों को विश्वास में लेकर लेना चाहिए था निर्णय
बीएसपी चीफ मायावती ने केंद्र सरकार के कृषि सुधार बिल पर फिर सलाव उठाया है। कृषि सुधार बिल को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार किसानों को विश्वास में लेकर इन कृषि विधेयकों पर निर्णय लेती तो बेहतर होता।
लखनऊ, जेएनएन। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार के कृषि विधेयक पर फिर सवाल उठाया है। रविवार को संसद में पारित हुए कृषि सुधार बिल को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार किसानों को विश्वास में लेकर इन कृषि विधेयकों पर निर्णय लेती तो बेहतर होता। इससे पहले भी मायावती केंद्र सरकार के कृषि विधेयकों पर अपनी असहमती व्यक्त कर चुकीं हैं।
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि बीएसपी ने उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार के दौरान कृषि से जुड़े अनेकों मामलों में किसानों की कई पंचायतें बुलाकर उनसे समुचित विचार-विमर्श करने के बाद ही उनके हितों में फैसले लिए थे। यदि केंद्र सरकार भी किसानों को विश्वास में लेकर ही निर्णय लेती तो यह बेहतर होता।
जैसाकि विदित है कि बीएसपी ने यूपी में अपनी सरकार के दौरान कृषि से जुड़े अनेकों मामलों में किसानों की कई पंचायतें बुलाकर उनसे समुचित विचार-विमर्श करने के बाद ही उनके हितों में फैसले लिए थे। यदि केन्द्र सरकार भी किसानों को विश्वास में लेकर ही निर्णय लेती तो यह बेहतर होता। — Mayawati (@Mayawati) September 24, 2020
बसपा चीफ मायावती ने बीते शुक्रवार को ट्वीट कर कहा था कि इस बिल से बीएसपी कतई भी सहमत नहीं है। उन्होंने लिखा, 'संसद में किसानों से जुड़े दो बिल, उनकी सभी शंकाओं को दूर किए बिना ही, कल पास कर दिए गए हैं। उससे बीएसपी कतई भी सहमत नहीं है। पूरे देश का किसान क्या चाहता है? इस ओर केंद्र सरकार जरूर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा।'
बता दें कि कृषि सुधार बिल के विरोध में कई विपक्षी दल लामबंद हैं। बीते रविवार को विपक्षी दलों ने इसके विरोध में राज्यसभा में अभूतपूर्व हंगामा भी किया था। हालांकि विपक्षी दल होने के बावजूद बसपा ने इस हंगामें से स्वयं को दूर रखा था, लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार इस मुद्दे पर पार्टी की राय रखते हुए इसका विरोध कर रही हैं और केंद्र की मोदी सरकार को सलाह दे रही हैं।