मिशन 2019 को लेकर बसपा की उत्तर प्रदेश में तैयारी जारी, भाजपा की काट की तलाश
बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा ने मेरठ में बूथ स्तर की मजबूती परखने के लिए लिए डेरा डाला था। अब वह उत्तर प्रदेश के हर मंडल में हर जिले में दो-दो दिन रुकेंगे।
लखनऊ (जेएनएन)। देश में 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दल भले ही भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की तैयारी में लेकिन बहुजन समाज पार्टी अलग से भी अपनी तैयारी में लगी है। बसपा प्रदेश में हर क्षेत्र में अपनी तैयारी कर रही है।
बहुजन समाज पार्टी ने सबसे पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर फोकस किया है। पार्टी यहां पर एक सितंबर से अपनी टीम भेजकर ग्राउंड रिपोर्ट लेगी। यहां पर बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष हर मंडल में दो दिन बिताकर पार्टी में पक्ष में मौजूदा माहौल की थाह लेंगे। इसके साथ ही वह संगठन के लोगों से खुली चर्चा कर भाजपा की रणनीति की काट के लिए खाका तैयार करेंगे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी का मसकद दलित, मुस्लिम और पिछड़ों को साधने पर रहेगा।
बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा ने मेरठ में बूथ स्तर की मजबूती परखने के लिए लिए डेरा डाला था। अब वह उत्तर प्रदेश के हर मंडल में हर जिले में दो-दो दिन रुकेंगे। उनका काम भाजपा के लगातार दलितों को जोडऩे के लिए प्रयासों को काटने की खोज करने का है।
बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा एक व दो सितंबर को आगरा मंडल में रहेंगे। इसके बाद तीन व चार को अलीगढ़, छह व सात को बरेली मंडल और आठ व नौ मंडल को मुरादाबाद मंडल के जिलों में भाजपा की मजबूती तथा कमजोरी की खोज करेंगे।
कुशवाहा इसके बाद 13 व 14 सितंबर को सहारनपुर मंडल तथा 15 और 16 सितंबर को मेरठ मंडल में रहेंगे। दोनों दिन बूथ और सेक्टर स्तर तक के कार्यकर्ता से वार्ता करेंगे। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष इसके बाद 17 से 29 सितंबर तक पूर्वी उत्तर प्रदेश का रुख करेंगे। यहां उनका दौरा आजमगढ़, वाराणसी व मीरजापुर मंडल का रहेगा। इसी दौरान कानपुर, झांसी तथा चित्रकूट मंडल में भी वह कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। वहां पर भी वह चुनावी तैयारियों की थाह लेंगे।
बसपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इससे पहले भी सियासी तौर पर अक्सर मजबूत साबित हुई है। पार्टी मुखिया मायावती का सियासी सफर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से शुरु हुआ था। पहला चुनाव 1984 में कैराना से लड़ा था। 1985 में बिजनौर लोकसभा सीट के उपचुनाव व 1987 में हरिद्वार (अविभाजित यूपी ) से उपचुनाव लड़ा और हार गईं। मायावती 1989 में बिजनौर से सांसद बनी। 1996 और 2002 में वह सहारनपुर की हरौड़ा (सहारनपुर देहात) सीट से विधायक बनीं। 2007 में बहुजन समाज पार्टी के सर्वाधिक विधायक पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही जीते थे।