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बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा- मोदी सरकार को चार वर्ष का जश्न मनाने का अधिकार नहीं

बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार का चार वर्ष का कार्यकाल विफल रहा है। उनकी अपनी सरकार के चार वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर जश्न मनाने का अधिकार नहीं है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 11:19 AM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 05:45 PM (IST)
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा- मोदी सरकार को चार वर्ष का जश्न मनाने का अधिकार नहीं
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा- मोदी सरकार को चार वर्ष का जश्न मनाने का अधिकार नहीं

लखनऊ (जेएनएन)। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने आज पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर प्रहार किया। लखनऊ में माल एवेन्यु में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में मायावती ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को चार वर्ष के कार्यकाल के जश्न मनाने का अधिकार नहीं है।

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मायावती ने कहा कि पार्टी ने आज यह कार्यकारिणी की बैठक लोकसभा चुनाव के साथ ही आने वाले राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर आयोजित की है। उन्होंने कहा कि अब पार्टी देश में अपना जनाधार बढ़ाएगी। नरेंद्र मोदी सरकार के चार वर्ष के कार्यकाल पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का चार वर्ष का कार्यकाल विफल रहा है। उनकी अपनी सरकार के चार वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर जश्न मनाने का अधिकार नहीं है। अब तो केंद्र सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू के कठुआ तथा उत्तर प्रदेश के उन्नाव दुष्कर्म मामले को सत्ता के बल पर दबाने का प्रयास किया।

चार वर्ष में मोदी सरकार विफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि आज देश की जनता चिंतित है कि बैंकों में उसका पैसा सुरक्षित है अथवा नहीं। नरेंद्र मोदी सरकार तो देश के धन्ना सेठों को फायदा पहुंचाने वाली सरकार है। मोदी सरकार जनता से सफेद झूठ बोलती है, जनता को धोखा देती है। मोदी को चार वर्ष पूरे होने पर जश्न मनाने का अधिकार नहीं। मायावती ने मोदी सरकार पर हमला करते हुये कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर फेल हो गई है। पीएम मोदी अपने हर कदम को ऐतिहासिक बताते हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी अपनी ऊंचाई पर हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमत नही घटी तो बसपा देशभर में प्रदर्शन करेगी।

इससे पहले महासचिव सतीश मिश्र ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी नहीं करती है, तो बसपा पूरे देश में धरना प्रदर्शन करेगी। पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान पर पहुंच गए, जिसको लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल भी मोदी सरकार पर निशाना साध चुके हैं।

मायावती का निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाना तय

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी अंतिम रणनीति तय करने के साथ ही गठबंधन पर भी योजना तैयार करेगी। बैठक में मायावती का एक बार फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाना तय है।

बहुजन समाज पार्टी की आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बसपा प्रदेश मुख्यालय माल एवेन्यू में आयोजित की जा रही है। बैठक की अध्यक्षता पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती कर रही हैं। इस बैठक में बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ कोर कमेटी के सदस्य तथा राज्यों के अखिल भारतीय स्तर के पदाधिकारी भाग ले रहे हैं। बैठक में मायावती एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी जाएंगी, यह तय है।

दरअसल, 2019 में मोदी विरोधी मोर्चे को बनाने में जुटी मायावती चुनावी रणनीति और देश में आगामी चुनावों में गठबंधन को लेकर अपना रुख कार्यकारिणी में साफ कर सकती हैं। आज कार्यकारिणी की बैठक से ही तीसरे मोर्चे के प्रारूप का भी अंदाजा लग जाएगा। वैसे तो सांप्रदायिक दलों को सत्ता से दूर करने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश में सपा के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया है। कैराना और नूरपुर उपचुनाव के लिए उन्होंने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। उम्मीद लगाई जा रही है कि आज इस बैठक में इस बात से भी पर्दा उठ जाएगा कि वे गठबंधन प्रत्याशी को समर्थन देंगी या नहीं।

इसके अलावा मायावती पार्टी नेताओं संग गठबंधन की रुपरेखा पर भी चर्चा करेंगी। बसपा मुखिया मायावती उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के अलावा हरियाणा में नेशनल लोकदल के साथ गठबंधन का पहले ऐलान कर चुकी हैं। कर्नाटक में उन्होंने जेडीएस के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था। इसी तरह दूसरे राज्यों में किन-किन दलों के साथ गठबंधन होगा इस पर भी निर्णय कार्यकारिणी में लिया जा सकता है। सपा के अलावा यूपी में कांग्रेस और रालोद गठबंधन का हिस्सा होंगे या नहीं इस पर भी फैसला होना हैं।

इस बैठक में 2019 के लोकसभा चुनावों में मायावती को पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने की संभावना है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ पूर्व चुनाव गठजोड़ का मूल्यांकन भी कर सकती है। इस बैठक में शामिल होने वाले एक नेता ने कहा कि इसमें लोकसभा चुनाव में गठबंधन (2019) को मंजूरी देने के अलावा, कार्यकारी समिति मायावती को प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव को पारित करने की संभावना है। बैठक से एक दिन पहले, बसपा के नेताओं और श्रमिकों ने 2019 के आम चुनावों में पीएसपी उम्मीदवार के रूप में बहुजन समाज पार्टी प्रमुख की घोषणा की मांग के लिए सोशल मीडिया पर एक अभियान शुरू किया था।

कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह अखिल भारतीय अपील के साथ सबसे बड़ी दलित नेता है। बीएसपी ने 2012 की विधानसभा, 2014 लोकसभा और 2017 विधानसभा चुनावों में चुनावी हार का सामना किया, लेकिन इसका समर्थन आधार अभी भी बरकरार है। यह सुनिश्चित करने के लिए, पार्टी के लोकसभा में कोई प्रतिनिधि नहीं है, लेकिन नेता का कहना है कि पीएम के लिए मायावती को वापस करने का पर्याप्त कारण है। बसपा के पास एक दर्जन से अधिक राज्यों में एक संगठन है और इन राज्यों में विधानसभा चुनाव में भी सीटें जीती हैं। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उनका प्रक्षेपण दलित समुदाय को गठबंधन के समर्थन में संगठित करेगा। 2009 के लोकसभा चुनावों में भी बसपा ने मायावती को अपने प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया था।

बसपा के संस्थापक सदस्य अनंत राव अकेला ने कहा कि पार्टी ने भाजपा को हराने के लिए समाजवादी पार्टी के साथ पूर्व चुनाव गठबंधन की घोषणा की है, जो अपने दलित वोट बैंक में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा है। कार्यकारी समिति उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा में भारतीय राष्ट्रीय लोक दल और कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर) के साथ पार्टी के पूर्व चुनाव गठबंधन पर भी चर्चा करेगी। कार्यकारी समिति के सदस्य एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के साथ पूर्व चुनाव गठबंधन के प्रस्ताव पर भी विचार करेंगे, जहां विधानसभा चुनाव साल के अंत में होंगे। मायावती कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने को उत्सुक नहीं थीं, लेकिन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बेंगलुरू में उनकी बैठक और प्रदर्शन पर गठबंधन के लिए रास्ता तय करने की संभावना है।

आज कार्यकारिणी में पार्टी के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्य, सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य जोन इंचार्ज, राज्य सभा सदस्य, सभी पूर्व और वर्तमान विधायक और जोन इंचार्ज जैसे जिम्मेदार लोगों को बुलाया गया है। इसमें मायावती आगामी लोकसभा चुनाव और पार्टी की सभी आगामी गतिविधियों को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश देंगी। 


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