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UP Politics: बीएसपी चीफ मायावती ने उत्तर प्रदेश को छह सेक्टर में बांट 12 नेताओं को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

UP Politics बसपा प्रमुख मयावती ने तीन स्टेट कोआर्डिनेटर के पद खत्म कर उत्तर प्रदेश को अब छह सेक्टर में बांटा है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तीन-तीन मंडलों के बनाए गए सेक्टर का जिम्मा 12 वरिष्ठ नेताओं सौंपते हुए बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने का दायित्व दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 01:29 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 06:57 AM (IST)
UP Politics: बीएसपी चीफ मायावती ने उत्तर प्रदेश को छह सेक्टर में बांट 12 नेताओं को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा का जनाधार बढ़ाने को बूथ तक पहुंचेंगे बड़े नेता

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में करारी हार के बाद बहुजन समाज पार्टी (BSP) को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिश में जुटीं पार्टी प्रमुख मायावती ने एक बार फिर संगठन की संरचना में बदलाव किया है। लगभग दो माह पहले ही जिस व्यवस्था को खत्म किया गया था, आजमगढ़ लोकसभा सीट के उप चुनाव में हार के बाद एक बार फिर कुछ वैसी ही व्यवस्था लागू करने का निर्णय मायावती ने किया है।

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तीन स्टेट कोआर्डिनेटर के पद खत्म कर बसपा प्रमुख मयावती ने उत्तर प्रदेश को अब छह सेक्टर में बांटा है। लगभग डेढ़ वर्ष बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तीन-तीन मंडलों के बनाए गए सेक्टर का जिम्मा 12 वरिष्ठ नेताओं को सौंपते हुए मायावती ने उन्हें बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने का दायित्व सौंपा है।

दरअसल, वर्ष 2012 में उत्तर की सत्ता गंवाने और फिर वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी शून्य पर सिमटने के बाद से बसपा प्रमुख ने कई बार संगठन में फेरबदल किया लेकिन एक दशक के दौरान हुए चुनावों में बसपा का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। अप्रत्याशित तौर पर सपा-रालोद से हाथ मिलाने पर वर्ष 2019 में पार्टी के 10 सांसद जरूर जीते लेकिन चुनाव बाद ही सपा का साथ छोड़ने पर भी पार्टी के दिन नहीं बहुरे।

अबकी विधानसभा चुनाव में तो पार्टी सिर्फ एक विधायक तक ही सिमट कर रह गई है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में भी फिर कहीं वर्ष 2014 वाली स्थिति न रह जाए इसके लिए मायावती ने अप्रैल में संगठन में बदलाव किया। गौर करने की बात यह है कि लोकसभा उपचुनाव में पार्टी को आजमगढ़ सीट से बड़ी उम्मीदें थी लेकिन हार ही मिली।

वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में बसपा के सामने भाजपा के साथ ही सपा की भी चुनौती होगी इसलिए बसपा प्रमुख ने खिसकते जनाधार को थामने के लिए अब बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने में तीन स्टेट कोआर्डिनेटर के बजाय 12 वरिष्ठ नेताओं को लगाने का निर्णय किया है। इसके लिए तीन-तीन मंडल के छह सेक्टर बनाए गए हैं। सेक्टर एक में मेरठ, सहारनपुर व मुरादाबाद मंडल को रखते हुए राजकुमार गौतम और नौशाद अली को दायित्व सौंपा गया है।

इसी तरह सेक्टर दो के अलीगढ़, आगरा व बरेली मंडल में मुनकाद अली व सूरज सिंह जाटव, तीन में कानपुर, झांसी व चित्रकूट मंडल को रखते हुए डा. विजय प्रताप व बीपी आंबेडकर, चार के गोरखपुर, बस्ती व देवीपाटन मंडल में दिनेश चंद्रा व सुधीर भारती, पांच में अयोध्या, आजमगढ़ और वाराणसी को रखते हुए शमशुद्दीन राइन व मदन राम बाल्मीकि तथा सेक्टर छह में लखनऊ, प्रयागराज व मिर्जापुर मंडल को रखते हुए घनश्याम चंद्र खरवार और अखिलेश आंबेडकर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंडल से लेकर जिले, विधानसभा और बूथ स्तर तक की व्यवस्था को यथावत रखा गया है।


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