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BSP Chief मायावती ने कहा-राफेल भी बोफोर्स की तरह सरकारी भ्रष्टाचार का प्रतीक

बसपा सुप्रीमो मायावती ने राफेल मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला । उन्होंने ट्वीट लिखा कि नरेंद्र मोदी सरकार अपने बचाव में संसद के साथ कोर्ट में लगातार अपनी फजीहत करा रही है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 11:25 AM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 12:48 PM (IST)
BSP Chief मायावती ने कहा-राफेल भी बोफोर्स की तरह सरकारी भ्रष्टाचार का प्रतीक
BSP Chief मायावती ने कहा-राफेल भी बोफोर्स की तरह सरकारी भ्रष्टाचार का प्रतीक

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के साथ तीन राज्यों में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर लोकसभा के चुनावी समर में उतरीं बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के निशाने पर भारतीय जनता पार्टी के साथ ही कांग्रेस भी है। मायावती ने ट्वीट से भाजपा के साथ ही कांग्रेस पर भी हमला बोला है। मायावती ने राफेल के साथ बोफोर्स सौदा में घोटाले की बात भी कही है।

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बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर राफेल मुद्दे को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि बहुचर्चित राफेल विमान सौदे में नरेंद्र मोदी सरकार अपने बचाव में संसद के साथ कोर्ट में लगातार अपनी फजीहत करा रहा है। मोदी सरकार इस मामले में अपने बदलते तेवर से तर्क से लगातार घिरती जा रही है। इनके इस कदम से तो सरकार के साथ देश की भी फजीहत हो रही है। सरकार अपनी फजीहत खुद ही करवा रही है।

इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। मायावती ने कहा कि राफेल का सौदा भी बोफोर्स की तरह हो गया है। बोफोर्स भी बड़ा घोटाला था, जिसको कांग्रेस के सरकार के समय में याद किया जाता रहा। राफेल भी बोफोर्स की तरह गंभीर सरकारी भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया है। उन्होंने कहा कि वैसे कोई भी सरकार देशहित के मामले में इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है। बीते दिनों ही मायावती ने ट्विटर पर एंट्री की है। जिसके बाद से ही वह लगातार हर मुद्दे पर ट्वीट करती हैं। मायावती के निशाने पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की योगी आदित्यनाथ की सरकार रहती है।

गौरतलब है कि राफेल डील में अपने फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने लीक दस्तावेजों पर केंद्र के विशेषाधिकार के दावे पर फैसला सुरक्षित रख लिया। दरअसल, केंद्र ने राफेल लड़ाकू विमानों से संबंधित दस्तावेजों पर विशेषाधिकार का दावा किया और सुप्रीम कोर्ट से कहा कि साक्ष्य अधिनियम के प्रावधानों के तहत कोई भी संबंधित विभाग की अनुमति के बगैर कोई भी इन्हें पेश नहीं कर सकता है। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कोई भी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज प्रकाशित नहीं कर सकता है और राष्ट्र की सुरक्षा सर्वोपरि है। 


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