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UP Rajya Sabha Election 2020: दिनभर सस्पेंस के बाद बीएसपी के रामजी गौतम को हरी झंडी, अब निर्विरोध निर्वाचन तय

Rajya Sabha Election 2020 उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार प्रकाश बजाज का नामांकन निरस्त होने और बहुजन समाज पार्टी के रामजी गौतम का पर्चा सही पाए जाने के बाद चुनाव की संभावना समाप्त हो गई।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 10:04 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 06:11 AM (IST)
UP Rajya Sabha Election 2020: दिनभर सस्पेंस के बाद बीएसपी के रामजी गौतम को हरी झंडी, अब निर्विरोध निर्वाचन तय
दिनभर चली जिद्दोजहद के बाद बसपा के रामजी गौतम को मिली हरी झंडी, अब निर्विरोध निर्वाचन तय

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार प्रकाश बजाज का नामांकन निरस्त होने और बहुजन समाज पार्टी के रामजी गौतम का पर्चा सही पाए जाने के बाद चुनाव की संभावना समाप्त हो गई। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह, नीरज शेखर, हरद्वार दुबे, गीता शाक्य, सीमा द्विवेदी, बृजलाल व बीएल वर्मा के साथ समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव व बहुजन समाज पार्टी के रामजी गौतम का निर्विरोध निर्वाचित होना भी तय हो गया है। 

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निर्वाचन अधिकारी अशोक कुमार ने बुधवार रात करीब आठ बजे प्रस्तावक का नाम व अन्य गलती होने के कारण बजाज का नामांकन निरस्त कर दिया, जबकि बसपा प्रत्याशी के चार प्रस्तावकों द्वारा अपना नाम वापस लेने व हस्ताक्षर फर्जी होने की दलील खारिज कर दी। बसपा की ओर से नामांकन के तीन सेट जमा कराए गए थे। बागियों ने केवल दो पर आपत्ति दर्ज कराई थी। इस कारण एक सेट को सही मानकर चुनाव अधिकारी ने रामजी गौतम के आवेदन को स्वीकृति प्रदान कर दी।

कई घंटे चला हाई वोल्टेज सियासी ड्रामा : बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान उस समय नाटकीय मोड़ आ गया जब बसपा के चार विधायकों ने पार्टी उम्मीदवार रामजी गौतम का प्रस्तावक होने से इनकार किया। विधानभवन स्थित सेंट्रल हाल में निर्वाचन अधिकारी को शपथपत्र सौंप उन्होंने आरोप लगाया कि प्रस्तावक के तौर पर उनके फर्जी हस्ताक्षर हैं इसलिए नामांकन निरस्त किया जाए। प्रस्तावक विधायकों असलम चौधरी, मुज्तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद और असलम राईनी द्वारा लिखित आपत्ति दर्ज कराने की सूचना मिलते ही बसपा में हड़कंप मच गया।

विधायक झूठ बोल रहे हैं विधायक : विधानमंडल दलनेता लालजी वर्मा व उपनेता उमाशंकर सिंह निर्वाचन अधिकारी से मिले और अपना पक्ष प्रस्तुत किया। वर्मा का कहना था कि उक्त विधायक झूठ बोल रहे हैं क्योंकि नामांकन पत्र दाखिल करते समय वे सब निर्वाचन अधिकारी के सामने मौजूद थे। सीसी टीवी कैमरे की फुटेज व वीडियोग्राफी में साक्ष्य भी उपलब्ध हैं। मामला फंसता देख बसपा महासचिव सतीश मिश्रा भी मौके पर पहुंच गए और शपथपत्र तैयार कराने के साथ सपा समर्थित प्रकाश बजाज के नामांकन पर आपत्ति भी दर्ज कराई।

भाजपा ने भी एतराज दर्ज कराया : भाजपा की ओर से संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना व प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर अपने उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जानकारी लेने और निर्दल प्रकाश बजाज के पर्चे पर आपत्ति दर्ज कराने पहुंचे। खन्ना का कहना था कि बजाज के प्रस्तावकों में एक नाम ऐसा है जो मतदाता सूची में नहीं है। प्रस्तावकों में नंबर तीन पर नवाब शाह नाम लिखा है जबकि इस नाम का कोई विधायक सदन में नहीं है। राठौर ने बताया कि बजाज ने चुनाव आयोग के आवेदन प्रारूप पर शपथपत्र नहीं दिया जिस कारण अनेक बिंदु छूट गए।

हाई कोर्ट में चुनौती देंगे बजाज : निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश बजाज ने हाई कोर्ट में जाने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सभी आरोपों का जवाब दिया गया था। उन्होंंने कहा कि चार प्रस्तावकों द्वारा नाम वापस लेने की घोषणा के बाद बसपा प्रत्याशी का नामांकन स्वीकृत करना तर्कपूर्ण नहीं है। उधर, समाजवादी पार्टी कार्यालय में बसपा के बागी आधा दर्जन विधायक डेरा डाले रहे। आरोप-प्रत्यारोप के चलते जांच का काम तीन बजे तक पूरा नहीं हो सका। केंद्रीय पर्यवेक्षक की मौजूदगी में सभी पक्षों को सुनने के बाद रात्रि करीब आठ बजे ड्रामे का पटाक्षेप हुआ।

दलित को रोकने के लिए सपा ने उद्योगपति को उतारा : बसपा विधानमंडल दलनेता लालजी वर्मा ने आरोप लगाया कि रामजी गौतम ने नामांकन के तीन सेट दाखिल किए गए थे, जिसमें से दो पर ही आपत्ति दर्ज कराई गई जबकि एक पर किसी को एतराज नहीं है। उन्होंने कहा कि बागी विधायक किसी दबाव अथवा दहशत मेें ऐसा कर रहे हैं। सपा ने एक दलित को राज्यसभा जाने से रोकने के लिए उद्योगपति को मैदान में उतारा है। उन्होंने मरते दम तक बसपा में रहने की बात भी कही।

विधिक राय ली जाएगी : समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि प्रकाश बजाज का पर्चा किस आधार पर निरस्त किया गया, इसे पार्टी देखेगी। जिस आधार पर पर्चा निरस्त किया गया है वह सही है या गलत इस मामले में विधिक राय ली जाएगी। गुरुवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आगे की रणनीति तय करेंगे।

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