सीएनजी और पीएनजी के लिए शहरवासियों को करना होगा इंतजार
ग्रीन गैस लिमिटेड और नगर निगम के बीच रोड कटिंग शुल्क को लेकर चल रही खींचतान के चलते फिलहाल नई लाइन बिछाने का काम ठंडे बस्ते में चला गया है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। राजधानी में नेचुरल पाइप्ड गैस और सीएनजी के विस्तार को झटका लगा है। ग्रीन गैस लिमिटेड और नगर निगम के बीच रोड कटिंग शुल्क को लेकर चल रही खींचतान के चलते फिलहाल नई लाइन बिछाने का काम ठंडे बस्ते में चला गया है। नगर निगम सदन ने कटिंग को लेकर शासनादेश खारिज कर दिया है। मंगलवार को ग्रीन गैस के एमडीए जिलेदार ने मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय से मुलाकात कर समस्या का जल्द निस्तारण करने की मांग की।
विभागों के अपने-अपने तर्क
राज्य सरकार ने बीते दिनों एक शासनादेश जारी किया था, जिसमें पाइप्ड नेचुरल गैस और सीएनजी विस्तार के लिए की जा रही रोड कटिंग के लिए एनओसी की शर्तो में परिवर्तन किया गया था। ग्रीन गैस के अधिकारियों का कहना है कि नए शासनादेश में रोड कटिंग का शुल्क नहीं देना है। ग्रीन गैस, सिक्योरिटी मनी जमा करेगा और कटिंग को दुरुस्त करके देगा। मगर नगर निगम ने इस शासनादेश को खारिज कर दिया है। नगर निगम का कहना है कि ग्रीन गैस कंपनी को पहले की तरह शुल्क देना होगा। इसके बगैर एनओसी नहीं दी जाएगी। वहीं ग्रीन गैस का कहना है कि एक घर में कनेक्शन देने के लिए रोड कटिंग के नाम पर नगर निगम को करीब चालीस हजार रुपये देना संभव नहीं है।
महापौर से मांगी है एनओसी
नगर निगम प्रति मीटर करीब चार हजार रुपये शुल्क वसूलता है। इस बाबत ग्रीन गैस के एमडी जिलेदार का कहना है कि मुख्य सचिव से मुलाकात कर इस पर बात रखी है। महापौर से भी एनओसी जारी करने को कहा है। ग्रीन गैस जनहित में काम कर रही है और बिना दूसरे विभागों के सहयोग के यह संभव नहीं है। गौरतलब है कि घर-घर पाइप्ड नेचुरल गैस पहुंचाने की केंद्र सरकारी की बहुप्रतीक्षित योजना है। बीते दिनों केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जनसभा में लखनऊ में जल्द ही घर-घर पीएनजी कनेक्शन पहुंचाने का दावा किया था। अब नगर निगम के इस रुख से नई लाइन बिछाने का काम ठप है।