आविष्कार के लिए शोध में खत्म करें दायरे, मिलकर करें काम
एकेटीयू में आयोजित ब्रेन स्टार्मिंग सेशन में जुटे प्रदेश के कई बड़े संस्थान।
लखनऊ, जेएनएन। आज ग्लोबल रिसर्च की जरूर है। शोध के लिए सीमाओं को दरकिनार करना होगा। हमें स्टेनफोर्ड विवि की तर्ज पर क्राउड रिसर्च पर फोकस करना चाहिए। इसके तहत यदि किसी के पास कोई बेहतर आइडिया है तो शोध की बेहतरी के लिए उसे अपनाया जा सकता है। इसके तहत सभी को एक मंच पर मिलकर काम करना होगा। तभी हम नए आविष्कार कर सकते हैं। यह कहना था ट्रिपल आइटी लखनऊ के निदेशक प्रो अरुण मोहन शैरी का।
गुरुवार को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि (एकेटीयू) में फार्मेशन ऑफ क्लसटर एकेडमिक एंड रिसर्च इंस्टीट्यूशन टू प्रमोट एंड सस्टेन एक्सीलेंस इन रिसर्च इन लखनऊ रीजन पर एक ब्रेनस्टोर्मिंग सेशन का आयोजन किया गया। प्रो शैरी ने कहा मेडिकल के क्षेत्र में काम करने वालों को मेडिकल में दक्षता हैं, मगर हम उन्हें टेक्निकल एक्सपर्टीज उपलब्ध करा सकते हैं, जैसे मेडिकल व हेल्थ इनफॉरमेटिक्स के क्षेत्र में मेडिकल व आइटी दोनों एक साथ मिलकर काम करने पर नई संभावनाएं सामने आएंगी।
एकेटीयू के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में आयोजित सेशन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने पहुंचे केजीएमयू के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट लखनऊ देश का रिसर्च हब बन सकता है क्योंकि लखनऊ में लगभग 50 विश्वविद्यालय एवं शोध संस्थान हैं। साथ ही इन संस्थानों के पास आधुनिक संसाधन एवं लैब मौजूद हैं।
कुलपति प्रो पाठक ने एक कॉमन वेबसाइट बनाई जाएगी, जिसे 1 जून, 2019 को केजीएमयू में होने वाली बैठक में लांच किया जाएगा। वेबसाइट पर संस्थानों में उपलब्ध स्रोतों एवं रिसर्च गैप और इनोवेशन को बढ़ावा देने संबधी जानकारी उपलब्ध करवाई जायेगी। साथ ही कोलैबरेटिव रिसर्च के लिए एक संयुक्त एमओयू भी हस्ताक्षर किया जाएगा।
सेशन के दौरान संयुक्त रूप से कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें मेडिकल डिवाइसेस, ड्रग्स डेवलपमेंट, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर शोध एवं नवाचारों को बढ़ावा देने, विभिन्न संस्थानों में समन्वयन के लिए प्रत्येक संस्थान से एक नोडल ऑफिसर बनाया जाएगा, दिव्यांग जनो के लिए जीवन शैली आसान बनाने के लिए उपकरण विकसित करने के लिए भी शोध कार्य किए जाने समेत कई अहम निर्णय लिए गए। इस दौरान डॉ राम मनोहर लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ एके त्रिपाठी , डीएसटी की डॉ अनीता अग्रवाल, संयोजक प्रो एमके दत्ता समेत मुख्य रूप से मौजूद रहे।