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संवादी 2018 : सिनेमा की परिभाषा पहले से अलग, अब इसका खेल बहुत बड़ा

दैनि‍‍क जागरण के संवाद 2018 के दूसरे सत्र में अभिनेता अली फजल ने छोटे-बड़े पर्दे विषय पर चर्चा की।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 02 Dec 2018 01:49 PM (IST)Updated: Sun, 02 Dec 2018 01:49 PM (IST)
संवादी 2018 : सिनेमा की परिभाषा पहले से अलग, अब इसका खेल बहुत बड़ा
संवादी 2018 : सिनेमा की परिभाषा पहले से अलग, अब इसका खेल बहुत बड़ा

लखनऊ, जेएनएन। सिनेमा की परिभाषा बहुत बदल गयी है। आप फोन और टीवी पर सिनेमा देख सकते थे। अब सिनेमा वाले टीवी पर आ रहे हैं, टीवी वाले सिनेमा में जा रहे हैं। अब खेल बहुत बड़ा है। यह बातें फिल्म अभिनेता अली फजल ने संवादी 2018 के दूसरे सत्र 'छोटे-बड़े पर्दे' विषय पर चर्चा करते हुए कही। 

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उन्होंने कहा कि अमेजन पर 'मिर्जापुर शो' सैकड़ों देशों में रिलीज हुआ। अब क्वलिटी बहुत चाहिए। इसी बीच किसी ने सवाल किया कि वेब सीरीज को क्या मानते हैं आप? इसपर अली फज़ल ने जवाब में कहा, यह एक बदलाव है। जो हम बड़े पर्दे पर करते थे। अब कम समय में अच्छा कंटेंन बन रहा है। इसकी मार्केट बहुत अलग है। पांच साल पहले यह हॉलीवुड में हुआ था। इन दिनों बॉलीवुड में 'अंधाधुन', 'बधाई हो' और 'स्त्री' तीनों ही बहुत अच्छी फिल्में हैं।

वहीं, दूसरे सवाल 'हिंदुस्तान के लोग कहानी और संवेदना पर बहुत जाते हैं। तकनीक पर नहीं? ' इसपर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है। तकनीक बहुत पसंद की जा रही है। 'रोबोट टू' फिल्म इसका उदाहरण है। हम देर से शुरू हुए हैं। वेब सीरीज का तकनीकी पक्ष भी हम देख रहे हैं । 


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